प्रियंका गांधी ने कहा, कौन सा राष्ट्रवादी किसानों को इस तरह से कुचलने देगा...
सार्थक न्यूज़ डेस्क। प्रियंका गांधी का पिछले 3 दिनों से योगी सरकार पर प्रभावकारी दवाब और घंटों तक चली राजनीतिक बंदिशों और रस्साकशी के बाद आखिरकार प्रियंका गांधी और राहुल गांधी अभी कुछ देर हुए लखीमपुर पहुंच गए हैं। प्रियंका और राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुडा उस टीम के सदस्य हैं जिन्हें लखीमपुर जाने की इजाज़त दी गई है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा है कि गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली तीन न्यायधीशों की खंडपीठ इस पर सुनवाई करेगी। सीजेआई के साथ खंडपीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और हेमा कोहली भी शामिल हैं।दो दिन पहले सोमवार को जब प्रियंका गांधी लखीमपुर जाने के लिए यूपी पहुंची तो उन्हें सीतापुर में रोक लिया गया। उन्हें वहां एक गेस्टहाउस में रखा गया। दो दिन बाद बुधवार को राहुल गांधी भी लखीमपुर जाने के लिए निकले लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक लिया गया।
प्रियंका ने बताया कि उन्हें अवैध हिरासत में रखा गया है। वहीं राहुल ने भी कहा कि कैदियों की तरह यूपी सरकार ले जाना चाहती है। प्रियंका गांधी के हिरासत के दौरान बीबीसी संवाददाता विनीत खरे से फ़ोन पर बातचीत की।आइये उन्होंने क्या कुछ कहा पूरी बातचीत जानते हैं। प्रियंका ने बताया कि उन्हें लखीमपुर में पीड़ितों से मिलने जाने से रोकने के लिए 60-70 घंटों से अवैध रूप से क़ैद में रखा गया है।
प्रियंका ने गृह राज्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की
जब प्रियंका गांधी से ये पूछा गया कि बीजेपी नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस मामले पर कांग्रेस राजनीति कर रही है तो उन्होंने कहा, "सबसे अधिक राजनीति बीजेपी करती है और उसको उन्होंने दूसरा नाम दे दिया है।वो कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी हैं।"
"कौन सा राष्ट्रवादी किसानों को इस तरह से कुचलने देगा और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कौन सा राष्ट्रवादी अपने राज्य की पूरी पुलिस को निकालकर एक महिला को रोकने की कोशिश करेगा लेकिन अभियुक्त को पकड़ने की कोशिश नहीं करेगा।"
"मैं पूछना चाहती हूं प्रधानमंत्री से कि ये जो गृह राज्यमंत्री हैं उनकी कैबिनेट के, पूरी पुलिस उनके तहत आती है, तो क्या पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करेगी, जब उसे रिपोर्ट उसी मंत्री को करना है।"
"तो कौन सा राष्ट्रवादी है जो ये कहेगा कि देखिए हमारा सिर्फ़ राजनैतिक मक़सद ही नहीं है हमारा नैतिक आधार भी होना चाहिए... हम सरकार में हैं हमारा नैतिक आधार होना चाहिए जिसकी वजह से पूरा देश ये जाने कि हां इस देश में न्याय है और उस नैतिक आधार के लिए उस आदमी को बर्खास्त करना चाहिए। अगर जाँच में उनका बेटा निर्दोष साबित होता है तो वे दोबारा मंत्री बन सकते हैं लेकिन उनको बर्खास्त करने में इनको कौन सी समस्या है।"
दबाव बनाने में कांग्रेस कितनी कामयाब?
जब प्रियंका से ये पूछा गया कि 'राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष का काम दबाव बनाने का होता है। लेकिन क्या कहना सही नहीं होगा कि कई महीनों से चले आ रहे किसानों के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर दबाव नहीं बना पाया है।'
इस पर प्रियंका ने कहा, "हम लगातार दबाव बनाते हैं।आपने बीते तीन चार सालों में अखिलेश जी और मायावती जी को कब देखा है दबाव बनाते हुए। लेकिन आप कांग्रेस के बारे में ऐसा नहीं कह सकते।"
"हाथरस, उन्नाव, शाहजहांपुर हम हर जगह थे। कांग्रेस धरने पर बैठी। पूरे प्रदेश में हमारे कितने लोग गिरफ़्तार हुआ। बसपा, समाजवादी पार्टी कहां थी।हम ज़मीन पर आए हैं। हमने आवाज़ उठाई है। हमने लगातार संघर्ष किया है। आप ये बिल्कुल नहीं कह सकते कि आपने कांग्रेस पार्टी को सड़क पर नहीं देखा है।"
"हां ये समस्या तो ज़रूर है हमारे देश में कि मीडिया दिखाने के लिए तैयार नहीं है, मीडिया पक्षपात करती है, अधिकतर मीडिया का एक ऐसा रूप बना गया है कि वहाँ सरकार का ही प्रोपगैंडा चलता है।"
'कमज़ोर विपक्ष' पर क्या बोलीं प्रियंका
लगातार एक बहस चलती रही है कि विपक्ष कमज़ोर है।जब प्रियंका से पूछा गया कि क्या सरकार जो कुछ कर पाती है उसकी वजह ये भी है कि विपक्ष कमज़ोर है। क्या प्रधानमंत्री का मजबूत पक्ष ये भी है कि विपक्ष कमज़ोर है?
इस पर प्रियंका ने कहा कि ऐसा नहीं है कि विपक्ष कमज़ोर है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विपक्ष की पार्टियां अपनी अपनी जगह कोशिश करती हैं। कांग्रेस पार्टी पूरे देश में लगातार कोशिश करती है। हमलोग लगातार संघर्ष करते हैं। आज हम एक बड़े मुद्दे पर फ़ोकस करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे। हम चाहते हैं कि मंत्री को बर्खास्त किया जाए। हम चाहते हैं कि जितने भी अपराधी हैं उनको गिरफ़्तार किया जाए। बाकी मुद्दों पर आप हमसे बाद में बात कर सकते हैं।"
क्या इस घटना का असर चुनाव पर पड़ेगा?
प्रियंका गांधी ने कहा कि वो इस घटना को चुनाव के नज़रिए से नहीं देखती हैं। उन्होंने कहा कि "पूरा देश देख रहा है। आपने वीडियो देखा होगा कि किस तरह से जीप चला कर निर्मम तरीक़े से लोगों को मारा गया है। तो ये चुनाव का मुद्दा नहीं है। सब के दिल दहल रहे हैं। सब कह रहे हैं कि न्याय होना चाहिए। कोई नहीं चाहता कि हमारा देश ऐसा देश बने, जहां पर इस तरह के हादसे हो सकते हैं और न्याय नहीं मिले।"
क्या पांच अन्य पीड़ितों के परिवार से भी मिलेंगी प्रियंका?
लखीमपुर में चार किसानों के अलावा पांच अन्य लोग भी मारे गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें बीजेपी कार्यकर्ता बताया गया है। प्रियंका गांधी से जब पूछा गया कि क्या वो उनके परिवार से भी मिलेंगी तो उन्होंने कहा, "मैंने पहले भी कहा है कि जिसके साथ हिंसा हो रही है वो ग़लत है। उनके प्रति भी मेरी संवेदना है। आज सुबह जब मुझसे पूछा गया कि मैं किस किस से मिलना चाहती हूं तो मैंने कहा कि अगर वो मुझसे मिलने के लिए राज़ी हैं तो मैं उनसे भी मिलना चाहूंगी। जिसको भी चोट पहुंचती हैं, जिसका भी परिजन गुज़र गया है, सबको हमारी सहानुभूति मिलनी चाहिए. चाहे वो बीजेपी का हो या कोई भी हो।"