डॉ. अरुण अरोड़ा होंगे तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU के नए कुलपति!

डॉ. अरुण अरोड़ा होंगे तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU के नए कुलपति!

भिलाई(छत्तीसगढ़)। प्रदेश के एक मात्र तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU के नए कुलपति का नाम तय कर लिया गया है।सूत्रों से मिली खबर के अनुसार निजी इंजीनियरिंग कॉलेज बीआईटी दुर्ग के प्राचार्य डॉ. अरुण अरोड़ा को इस विवि का नया कुलपति बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस आशय का आदेश लगभग तैयार है और यह कभी भी विधिवत जारी हो सकती है। ऐसा हुआ तो,पहली बार होगा,जब प्रदेश के किसी शासकीय विश्वविद्यालय में एक निजी महाविद्यालय के प्रोफेसर को नियमित कुलपति बनाया जाएगा। जबकि छत्तीसगढ़ के ही शासकीय महाविद्यालयों में ऐसे कई प्रोफेसर हैं जो तकनीक शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं।परंतु उन्हें इसमें अवसर देने से वंचित रखा गया। यह खबर भिलाई से राजधानी तक आज चर्चा का विषय बना रहा।

बता दें कि तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU भिलाई पिछले 10 माह से नए कुलपति के नियुक्ति का इंतजार कर रहा है।इसके लिए राजभवन ने 11 सितंबर 2024 को विज्ञापन जारी किया था और आवेदन करने की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर थी। राजभवन इसके कुलपति चयन की प्रक्रिया को 6 अक्टूबर से लेकर 15 जनवरी 2025 तक अर्थात 3 माह तक स्थगित रखी रही । हालांकि किस बात का इंतजार था स्पष्ट नहीं है,परंतु राजपत्र में प्रकाशित सर्च कमेटी के अधिसूचना से स्पष्ट है कि 15 जनवरी 2025 के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू हुई।इस कमेटी में कुलाधिपति का नामनी व कमेटी के अध्यक्ष प्रो.अशोक पुराणिक को बनाया गया,जो गुहावटी एम्स के निदेशक हैं। तकनीकी विवि कार्यपरिषद ने प्रो. एच.पी.किंचा जो कर्नाटक में स्टेट इनोवेशन कॉउंसिल के अध्यक्ष हैं,को नॉमिनी किया और तकनीकी शिक्षा नई दिल्ली ने प्रो.लक्ष्मीधर बेहरा जो कि आईआईटी मंडी शिमला के निदेशक हैं को नॉमिनी के तौर पर कमेटी में सम्मिलित किया गया।

बताया जा रहा है कि इस कमेटी ने 4 फरवरी 2025 को राजभवन में एक बैठक कर 5 सदस्यों का एक पैनल कुलाधिपति को सौंप दिया था। इसके बाद राजभवन ने  इस कमेटी की कोई और बैठक करने की कोई अधिसूचना जारी नहीं कि इससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इसी पैनल से किसी एक के नाम पर कुलपति के नाम का मुहर लगेगी पर ऐसा नहीं हुआ। जबकि विवि के एक्ट में प्रावधान है कि गठित समिति यदि निश्चित सीमावधि के भीतर पैनल बना पाने असफल रहती है तो कुलाधिपति को अधिकार है कि वह पूर्व कमेटी के किन्हीं दो सदस्यों को विलोपित कर नए सदस्य जोड़ कर नया कमेटी बना सकती है। सूत्रों की मानें तो इस विवि के मामले में पैनल तो बन चुकी थी, बावजूद 6 जून को एक नया कमेटी बना दिया गया।इस कमेटी में आश्चर्य की बात ये है कि उन्हीं दो सदस्यों को हटाया गया, जो तकनीकी शिक्षा के विख्यात थे और उनकी जगह एक चिकित्सक और दूसरा एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी को सदस्य के तौर पर सम्मिलित कर दिया गया। इस तरह नए कमेटी में सम्मिलित दो चिकित्सक और एक पूर्व नौकरशाह ने तकनीकी के क्षेत्र में विख्यात लोगों के पैनल को अंतिम रूप दी।

बहरहाल डॉ. अरुण अरोड़ा के कुलपति के तौर पर अधिकृत आदेश का इंतजार है। इस नियुक्त को लेकर नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक जानकार ने कहा कि इस नियुक्ति में प्राइवेट महाविद्यालय का एक लॉबी काम कर रहा था।जिसे कुछ माह पूर्व नियुक्त हुए एक कुलपति के माध्यम से अंजाम तक पहुंचाया गया।उन्हें जब उस कुलपति का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा आज कल उनका नाम हर किसी के जुबान पर है।आप भी पता लगा लीजिए...।