भाजपा को सीधी चुनौती देने की साहस है तो अरविंद केजरीवाल में कहा, दिल्ली MCD चुनाव BJP जीत गई तो राजनीति छोड़ दूंगा।
नई दिल्ली। देश की राजनीति में एक नेता ऐसा भी जो मोदी काल में भी लोगों के लिए एक विश्वास बन कर उभर रहा है।अरविंद केजरीवाल एक ऐसा नाम है जिनके बारे में यह कहा जा सकता है। वह जो बोलता है,उसे कर के रहता है। देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election) को टालने के खिलाफ आज जमकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। केजरीवाल ने इसी दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का ऐतिहासिक भाषण भी याद दिला दिया।
केजरीवाल ने आज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा, 'मेरी प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर विनती है कि कल बीजेपी रहेगी या नहीं रहेगी, आम आदमी पार्टी रहेगी या नहीं रहेगी मोदी जी रहेंगे या नहीं रहेंगे। कोई जरूरी नहीं है। देश बचना चाहिए।' केजरीवाल का यह बयान 1996 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में वाजपेयी के उस ऐतिहासिक भाषण की याद दिला दी जिसमें पूर्व पीएम वाजपेयी ने कहा था, 'सत्ता का खेल तो चलता रहेगा, सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए। इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।'
दिल्ली नगर निगम चुनाव टाले जाने पर पत्रकारों से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'एक छोटे से एमसीडी चुनाव में अपने हार से बचने के लिए इस देश के जो शहीद हुए हैं उनकी शहादत के साथ खिलवाड़ मत करिए। इस देश के संविधान के साथ खिलवाड़ मत करिए। आज कह रहे हैं कि हम तीनों नगर निगम एक करने जा रहे हैं। इसलिए हम चुनावों को टाल रहे हैं। क्या इस आधार पर चुनाव टाले जा सकते हैं? कल को गुजरात का चुनाव होगा, एक चिट्ठी लिख देंगे चुनाव आयोग को कि हम गुजरात और महाराष्ट्र को एक करने जा रहे हैं इसीलिए चुनाव मत कराओ। अगली बार लोकसभा का चुनाव होगा। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हार रही होगी। तो एक चिट्ठी लिख देंगे चुनाव आयोग को कि हम तो संसदीय व्यवस्था खत्म करके राष्ट्रपति सिस्टम लाने जा रहे हैं इसे टाल दीजिए। क्या चुनाव टाले जा सकते हैं? तो अपनी हार के डर से ये लोग चुनाव टाल रहे हैं। ये सीधे सीधे इस देश के साथ खिलवाड़ है।

उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि कल बीजेपी रहेगी या नहीं रहेगी, आम आदमी पार्टी रहेगी या नहीं रहेगी मोदी जी रहेंगे या नहीं रहेंगे केजरीवाल रहेगा या नहीं रहेगा। कोई जरूरी नहीं है। देश बचना चाहिए। एक छोटे से चुनाव को जीतने के लिए आप देश की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। देश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। क्या है ये? बिल्कुल मंजूर नहीं है। बीजेपी कहती है कि वो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। अरे सबसे बड़ी पार्टी हैं तो दिल्ली की एक छोटी सी पार्टी से घबरा गए हैं। दिल्ली के एक छोटे से चुनाव से घबरा गए। लानत है तुमपर। केजरीवाल ने कहा, '' भाजपा में दम है तो निगम का चुनाव अभी कराए और जीतकर दिखाए, अगर जीती तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।''
याद रहे कि वाजपेयी ने 1996 में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए ऐतिहासिक भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, 'देश आज संकटों से घिरा है और ये संकट हमने पैदा नहीं किए हैं। जब-जब कभी आवश्यकता पड़ी है। संकटों के निराकरण में हमने उस समय की सरकारों की मदद की है। उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंम्हा राव ने भारत का पक्ष रखने के लिए मुझे विरोधी दल के नेता के नाते जेनेवा भेजा था। पाकिस्तानी उसे देखकर चमत्कृत रह गए थे। उन्होंने कहा कि ये कहां से आए हैं क्योंकि उनके यहां विरोधी दल का नेता अपनी सरकार को गिराने को तैयार रहते हैं। ये हमारी परंपरा नहीं है। मैं चाहता हूं कि यह परंपरा बनी रहे। सत्ता का खेल तो चलेगा सत्ता का खेल तो चलता रहेगा, सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए। इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।'



Beauro Cheif



