जनता की जुबानी विकास उपाध्याय ने जो नारा दिया "नेता नही बेटा चुनें" सच कर दिखाया। टाटीबंध से वायरल एक वीडियो ने पूर्व मंत्री राजेश मूणत की पोल खोल कर रख दी।
रायपुर, विभिन्न पार्टियों के नेतागण चुनाव में पार्टी की घोषणा पत्र के अलावे भी खुद के बैनर पोस्टर में अपने क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने कई ऐसे स्लोगन व नारे का जम कर प्रयोग करते हैं। जिसमें कुछ स्लोगन तो मतदाता के जेहन में इस तरह बैठ जाता है कि वो उसे हमेशा याद रहता है। एक ऐसा ही वाकया रायपुर पश्चिम विधानसभा में देखने व सुनने मिल रहा है। जहाँ से पिछला चुनाव कांग्रेस की टिकट पर विकास उपाध्याय ने लड़ा था और उनका नारा था "नेता नहीं बेटा चुनें" आइये इसी से जुड़ी पूरी घटना बताते हैं जो आज एक वीडियो के वायरल होने से उत्पन्न हुई है।
पहले तो इस बात के चर्चा की जरूरत है कि,क्या वाकई राजनीति व नेताओं के प्रति लोगों का नजरिया अब बदलने लगा है। मतदाता या कहें आम लोग जो चुनाव में इस बात का फैसला करते हैं कि अगले 5 साल तक उनके सुख दुख व जरूरतों को पूरा करने वाला कौन होगा का मूल्यांकन करना शुरू कर दिए हैं। क्या अब पूर्व व वर्तमान जनप्रतिनिधि के बीच तुलनात्मक अध्ययन शुरू हो चला है? तो इसका उत्तर अवश्य ही हाँ में मिलता है। सार्थक न्यूज को मिले इस वीडियो के अध्ययन से यह बात स्पष्ट है कि जनता की नजर अब अपने जनप्रतिनिधि के एक-एक गतिविधि पर पैनी नजर रहती है। बात करें रायपुर पश्चिम की जहाँ से कांग्रेस से विकास उपाध्याय ने 15 वर्षों तक रमन सरकार में कद्दावर मंत्री रहे राजेश मूणत को पटकनी दे कर कांग्रेस का परचम लहराया। इसी चुनाव में विकास उपाध्याय ने नारा दिया था " नेता नही बेटा चुनें " पर चुनाव जीतने के बाद इसी नारा को मतदाता खुल कर सार्वजनिक रूप से बोले कि हमने वाकई नेता नही बेटा चुना है, तो आज के परिवेश में विधायक विकास उपाध्याय के लिए व उनकी पार्टी कांग्रेस के लिए गर्व की बात होगी।
विकास उपाध्याय इन 18 माह के कार्यकाल में जनता के बीच अपने आपको इस बात के लिए साबित करने पूर्ण रूप से सफल हुए हैं कि वे पश्चिम विधानसभा के लिए एक बेटे की तरह हैं जो किसी के फोन करने मात्र से ही समस्या क्या है कि जानकारी लेने पहुँच जाते हैं तो एक बेटे की तरह हर पल जनता के बीच उपलब्ध रहते हैं। यहाँ मुद्दा यह नही है कि विकास उपाध्याय ने एक रोड़ बनवा दिया बल्कि सोचने वाली बात यह है कि एक क्षेत्रीय मंत्री के लिए यह आसान व लोगों की जरूरत थी बावजूद 15 साल तक वे इससे वंचित रहे और अब देखो तो विकास उपाध्याय किसी के घर में पानी नही आ रहा है तो उसकी माँग को भी अनदेखा नही करते। सोचने वाली बात है नेता नेता में कितना अंतर हो चला है और इसे जनता खुद मूल्यांकन कर बयां कर रही है।
कोरोना काल के शुरुआती में जब डर कर हर कोई घर के अंदर छुप जाया करते थे तो यही वो जनप्रतिनिधि है कि लोगों में डर को भगा कर पूरे समय सेवा में लगे रहा ऐसा नहीं कि लोगों के दिखावे के लिए बल्कि सही मायने में वह बेटा का फर्ज अदा कर रहा था। वीडियो में इस शख्स ने मूणत को विकास के पास वैठ कर उसके आदत और व्यवहार भी सीखने की नसीहत दे रहा है मतलब राजनीति में किसी नेता का व्यवहार कितना मायने रखता है बताने की जरूरत नही।
अब राजनीति का वो समय गया जब लोग पैसे के दम पर चुनाव जीत जाया करते थे। अब जनता के बीच रहना होगा और विकास उपाध्याय जैसा जनप्रतिनिधि जिस दिन एक आवाज उठा देगा की जनता के हित के विपरीत कोई काम कर रहा है या ये बात आ जाये कि उनके हित को कुचलने का प्रयास हो रहा है। पूरी जनता सड़क पर लड़ाई करने साथ नजर आएगी।
आइये वायरल वीडियो को भी आप ध्यान से देखे और सुनें।