बॉलीवुड की वो अदाकारा जिसकी 89 साल बाद भी आज सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की जब बात होती है तो लोग एक ही नाम लेते हैं...
बॉलीवुड खबरें। आज 14 फरवरी जिसे वेलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है और एक दूसरे को चाहने,पसंद करने वाले प्रेमी युगल आज के दिन अपने दिल की बात का इजहार करते हैं।इस तारीख को जन्म लेने वाली भारतीय बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की जब भी बात होती है तो लोग मधुबाला का नाम सबसे पहले आज भी लेते हैं। मधुबाला आज जीवित रहतीं तो हम आज उनका 89 वां जयंती मना रहे होते।
14 फरवरी 1933 को जन्मी मधुबाला के चाहने वाले आज भी अनगिनत हैं।मधुबाला की ख़ूबसूरती का अंदाज़ा लगाना हो तो 1990 में एक फ़िल्मी पत्रिका मूवी के बॉलीवुड की आल टाइम ग्रेटेस्ट अभिनेत्रियों की लोकप्रियता वाले सर्वेक्षण को देखिए, उसमें 58 फ़ीसदी लोगों के वोट के साथ मधुबाला नंबर एक पर रहीं थीं, उनके आसपास कोई दूसरा नहीं पहुंच पाया था। इसमें नरगिस 13 फ़ीसदी वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहीं थीं।बावजूद मधुबाला की जिंदगी के खूबसूरत सफ़र की सबसे बड़ी त्रासदी रही उनका दिल। उनका दिल यूँ तो बहुत कोमल और सुंदर था। लेकिन जैसे चाँद में भी दाग है ऐसे ही उनके चाँद जैसे दिल में भी एक दाग, एक छेद था। जिसका पता उन्हें फिल्म 'मुग़ल ए आज़म' की शूटिंग के दौरान 1950 के दशक के मध्य में ही लग गया था।
लेकिन अपने बड़े परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां संभाल रहीं और अपने करियर की बुलंदियों पर रहते हुए उन्होंने अपनी इस गंभीर बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण यह रोग और भी असहज हो गया और महज 36 साल की उम्र, जीवन के आख़िरी नौ साल अपने घर में क़ैद हो कर रहने की मज़बूरी और केवल 66 फ़िल्में और 23 फरवरी 1969 को मृत्यु हो गई। लेकिन मधुबाला ने इतने कम समय में वो मुकाम हासिल कर लिया जो उन्हें हमेशा हमेशा के लिए अमर कर गया।
दिलीप कुमार-मधुबाला दोनों को एक समय में भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे रोमांटिक जोड़ी माना जाता था, दोनों एक दूसरे से प्यार भी करते थे।1955 में पहली बार फ़िल्म इंसानियत के प्रीमियर के दौरान मधुबाला दिलीप कुमार के साथ सार्वजनिक तौर पर नज़र आईं थीं। ये पहला और इकलौता मौका था जब दिलीप कुमार और मधुबाला एक साथ सार्वजनिक तौर पर साथ नजर आए थे। परंतु 14 फरवरी के दिन जन्म लेने के बावजूद उनका प्रेम सफल न हो सका और उनकी शादी न हो सकी।
लेकिन जिस वक्त मधुबाला और दिलीप कुमार की राहें अलग होने लगी थीं, उसी वक्त किशोर कुमार का अपनी पहली पत्नी रोमा देवी से तलाक़ हुआ था। और दोनों एक साथ कई फ़िल्मों में काम कर रहे थे। इस वजह से दोनों के बीच एक आकर्षण हुआ हो और 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने आपस में शादी कर ली। किशोर कुमार के साथ शादी के फ़ैसले ने मधुबाला को दिलीप कुमार से अलग होने के तुलना में कहीं ज़्यादा आघात पहुंचाया।
किशोर कुमार को मधुबाला की बीमारी के बारे में पता तो था लेकिन उसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं था। वे मधुबाला को इलाज़ के लिए लंदन ले गए, जहां डॉक्टरों ने जवाब देते हुए कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा मधुबाला एक से दो साल ही जी पाएंगी। इसके बाद किशोर कुमार जब लौटे तो उन्होंने मधुबाला को उनके पिता और बहनों के पास छोड़ आए और कहा कि वे इतने व्यस्त रहते हैं कि मधुबाला की देखभाल नहीं कर पाऐेंगे। वो मधुबाला से मिलने के लिए आते ज़रूर रहे लेकिन तीन चार महीनों के अंतराल पर यानी जब मधुबाला को किशोर कुमार के साथ की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तब किशोर कुमार के पास उनके लिए समय ही नहीं था।एक तरह से शादी के बाद भी मधुबाला को पति का वो प्यार हासिल न हो सका जो उनके जन्म तारीख 14 फरवरी था।