विकास उपाध्याय की वो छवि जो दूसरों से उन्हें अलग करती है,उनके हिंदूवादी चेहरा का होना ...
नई दिल्ली डेस्क।कांग्रेस पार्टी में विकास उपाध्याय का वो चेहरा जो अन्य से हट कर बनाता है वह उनके हिंदूवादी चेहरा का होना और उनकी यह छवि लोगों के बीच एक कट्टर हिन्दू नेता के तौर पर आगे बढ़ते जाना, निश्चित रूप से भाजपा को परेशान कर सकती है। विवादित बयानों से दूर पर दबंग। इस नेता के काम कराने का तरीका ही अलग है।अपने काम के दम पर विरोधियों को मात देने की उनकी कला कांग्रेस के अन्दर विकास उपाध्याय फायरब्रांड नेता के तौर पर बनते नजर आ रहे हैं। आज हिन्दू नव वर्ष के मौके पर उन्होंने जिस तरह से हजारों की संख्या में भीड़ के साथ फूलों से सजे खुले जीप पर सवार, भगवा रंग में, ध्वज पताका के साथ जय जय श्रीराम के नारों का जयघोष के साथ पूरे विधानसभा में रैली की शक्ल में लोगों को बधाई व अभिवादन करते नजर आए निश्चित तौर पर इसके दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब वे इस रूप में देखे गए बल्कि हर मौके पर वे सनातन धर्म की रक्षा व प्रचार करने के मामले में सबसे आगे व बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। यहां तक कि अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास के वक्त तो उन्होंने राजधानी रायपुर में विभिन्न आयोजनों के माध्यम से पूरी भाजपा को ही बैकफुट पर ला खड़ा कर दिया था। विकास उपाध्याय ही नहीं उनकी धर्मपत्नी संजना उपाध्याय भी कट्टर धार्मिक स्वभाव की हैं जो आये दिन पूजा पाठ के माध्यम से देवी देवताओं पर आस्था रखते हुए उपवास पर रहती हैं।
साल 2018 में रायपुर पश्चिम विधानसभा से पहली बार विधायक बनने के बाद कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव बने विकास उपाध्याय अपने क्षेत्र में वो पहचान व छबि बनाने कामयाबी हासिल की, जहाँ अन्य पार्टी के किसी नेता के लिए उनके मुकाबला करने जमीन तलाशना भी आज एक चुनौती बन चुका है।उनके काम करने का तरीका, लोगों के प्रति मधुर व्यवहार, हर वार्ड में लोगों से सतत संपर्क व सक्रियता अद्भुत है। इसमें सबसे बड़ी बात जो विकास उपाध्याय के साथ हमेशा जुड़ी रही उनका हिन्दू नेता की छबि का होना। जिसे कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ता और क्षेत्र की जनता ही नहीं बल्कि दबे स्वर में संघ से जुड़े लोगों ने भी सराहा है और इतना ही नहीं बल्कि उनका भरपूर समर्थन भी मिलते रहा है। यह तब की बात है जब विकास उपाध्याय विधानसभा चुनाव 2018 की तैयारी में जब लोगों से संपर्क कर अपने पक्ष में समर्थन जुटा रहे थे और आज भी वे अपनी उस छबि को बदलने नहीं दिया। यही उनके सफलता का मूल मंत्र है।
आपको बता दें जब भाजपा राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में उत्सव मनाने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योजना बना रही थी,तब विकास उपाध्याय छत्तीसगढ़ में इकलौते कांग्रेस के नेता थे जो राम मंदिर के आधारशिला रखे जाने पर इसे घर-घर में उत्सव के रूप में मनाने और दिया जलाने लोगों को आव्हान करने खुल कर सामने आए थे और पूरे राजधानी में 6 लाख दियों का वितरण किया था। तब भाजपा के नेताओं की भी बोलती बन्द हो गई थी और जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करने आधारशीला रखी जा रही थी, ठीक उसी समय विकास उपाध्याय राजधानी के एक प्राचीन मंदिर में हजारों की संख्या में अपने साथियों के साथ रामधून में मग्न थे। उनके इस कार्यक्रम को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी चैनलों ने लाईव दिखा कर साबित कर दिया था कि कांग्रेस में यदि किसी हिन्दू नेता की बात होगी तो सबसे पहले विकास उपाध्याय का नाम ही लिया जाएगा।
आज जब हिन्दू नव वर्ष के तिथि की बात आई तब भी वे एकलौते कांग्रेस के नेता थे जो राजधानी की फिज़ाओं में हिन्दू नेता के रूप में छाये रहे। हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था को मजबूती देने व भगवान ब्रह्मा के सृष्टि निर्माण के इस काल को उन्होंने लोगों के बीच जीवित रखने भरी धूप में खुले जीप पर सवार होकर सम्मिलित हुए। उनके आज के शोभा रैली को देख अनायास ही ऐसा लग रहा था मानो रामभक्तों की टोली शहर में निकल पड़ी है। जय जय श्रीराम के जयघोष के साथ राम भजन संगीत में सराबोर हजारों की संख्या में नवयुवक विकास उपाध्याय के इस यात्रा का साक्षी बने,तो लोग अपने घरों से निकल निकल कर विधायक विकास उपाध्याय के अभिवादन को स्वीकार कर बधाई देते नजर आए। निश्चित तौर पर उनकी यह छवि सनातन धर्म में हिन्दुओं के बीच एक मील का पत्थर साबित होगा और इस बात को साबित करने सहायक होगा कि भगवान राम या लाखों करोड़ों हिन्दू किसी विशेष पार्टी या व्यक्ति के लिए नहीं है। बल्कि धर्म व भगवान पर सभी को आस्था रखने का अधिकार है।