भाजपा प्रभारी डी. पुरन्देश्वरी बार-बार बस्तर दौरा कर कांग्रेस सरकार की विकास का मुआयना कर रही हैं - दुर्गेश राय

भाजपा प्रभारी बस्तर में भाजपा का जमीन तलाशना बन्द करें, यह उनके लिये दिवास्वप्न की तरह है

भाजपा प्रभारी डी. पुरन्देश्वरी बार-बार बस्तर दौरा कर कांग्रेस सरकार की विकास का मुआयना कर रही हैं - दुर्गेश राय

जगदलपुर। युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं बस्तर की राजनीति में युवाओं के बीच खासा दखल रखने वाले दुर्गेश राय ने भाजपा के प्रभारी डी पुरन्देश्वरी का बस्तर बार-बार दौरा को भाजपा की घबराहट बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रभारी पिछले तीन वर्षों में कांग्रेस सरकार द्वारा किये गए बस्तर में विकास कार्यों से घबराई हुई हैं और यही वजह है कि उन्हें बार-बार यहाँ आकर जमीन तलाशने की जरूरत पड़ रही है। दुर्गेश राय ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा प्रभारी जिन रास्तों से आज बस्तर का दौरा बेखौफ कर रही हैं, उसकी वजह भी कांग्रेस के तीन साल की उपलब्धि है। जब धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर इस दौरान नक्सली हमलों से दूर रहा।

दुर्गेश राय ने आज एक बयान जारी कर भाजपा प्रभारी डी. पुरन्देश्वरी के बार-बार बस्तर दौरे पर कई सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, भाजपा प्रभारी बार-बार बस्तर का दौरा कर कांग्रेस सरकार द्वारा बीते तीन वर्षों में किये गए उपलब्धियों का जायजा ले रही हैं और इन उपलब्धियों से वह पूरी तरह से घबराई हुई हैं। इस बात का प्रमाण इस बात से होती है कि वे 15 वर्षों तक काबिज रहे भाजपा के सत्ताधारियों के दिग्गजों को बस्तर से दूर रख यह दौरा कर रही हैं, ताकि अतीत की खामियां यहां की जनता उनके सामने ही याद न दिला दे। इस वजन से उन्हें इस बात की चिंता भी सता रही है कि बस्तर में भाजपा को फिर से कैसे खड़ा किया जाए। जब बस्तर के सुदुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के दुरूस्त ग्रामीण अंचलों में यह देख रही है कि वहाँ किस तरह से विकास हुए हैं, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार हो रहा है,नवजात शिशु जन्म लेने शहर तक उन माताओं को आना नहीं पढ़ रहा है। जो बच्चे स्कूल का नाम तक नहीं जानते थे उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा मिल रही है। बस्तर के वो क्षेत्र चिंतलनार, जगरगुंडा, किस्टाराम जैसे कई ऐसे अंदरूणी क्षेत्र हैं जहाँ चलने के लिए रास्ते नहीं थे वहाँ पक्के सड़क बन गए हैं, जिन परिवारों को सरकार की परिभाषा तक पता नहीं था उनको सरकार की नवीन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। तो निश्चित तौर पर भाजपा के लिए यह चिंता का विषय तो होगी ही।

दुर्गेश राय ने कहा, आज बस्तर के लोग जंगलों में पाए जाने वाले  उन वन उपजों का भी समुचित लाभ उठा रहे हैं जिसका मूल्य कल तक शून्य था। वनोपजों के संग्रहण से यहाँ के ग्रामीण किसानों को कांग्रेस की सरकार उचित दाम दे रही है। जो भाजपा के बलबूते की कभी हो ही नहीं सकती थी। उन्होंने कहा, बस्तर में सबसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा से यदि कवासी लखमा जैसे नेता को यहाँ की जनता बार-बार चुन रही है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि इस व्यक्ति द्वारा इस अंचल की मूलभूत जरुरतों को लेकर सुकमा से लेकर विधानसभा तक लगातार आवाज उठाई जा रही है। जिस भाजपा ने अपने 15 साल के कार्यकाल में बस्तर का कोई सुध नहीं लिया बल्कि नक्सलवाद के नाम पर केन्द्र सरकार से भारी भरकम अनुदान का बंदरबांट किया। वह भला क्या विकास करती। अब यहाँ की जनता जागरूक हो चुकी है और यह सब देख समझ रही है। इसलिए भाजपा के लिए यही बेहतर होगा कि वह बस्तर में अपने आप को ढूंढना बंद कर दे।