महासमुंद से जिन नामों की चर्चा कांग्रेस में है उनमें चंद्रशेखर शुक्ला का नाम मजबूत क्यों माना जा रहा है...?
महासमुंद(छत्तीसगढ़)। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा बसना विधानसभा के एक बार के विधायक रह चूंकि रूप कुमारी चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद लोगों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि इस युवा महिला का मुकाबला करने कांग्रेस से कौन प्रत्याशी होगा। क्या कांग्रेस पार्टी फिर से एक बार जातिगत समीकरण के चलते पूर्व में हारे हुए प्रत्याशी को ही दांव पर लगाएगी या फिर चंद्रशेखर शुक्ला जैसे किसी युवा चेहरे को सामने कर इस लोकसभा को फिर से एक बार जितने की कोशिश करेगी। निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए यह चुनौती पूर्ण है इसलिए की कांग्रेस पार्टी कभी भी इस तरह का निर्णय लेने साहस नहीं करती है, जो लोगों को चौका सके। बावजूद तय माना जा रहा है कि चंद्रशेखर शुक्ला को ही इस बार के चुनाव में मौका मिलना तय है और ऐसा कहीं हुआ तो कई दशक बाद फिर से एक बार महासमुंद लोकसभा का चुनाव रोचक हो जाएगा।
कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों को लेकर अब तक एक भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, इस बीच दिल्ली में बैठकों का दौर लगातार जारी है एवं कोशिश इस बात की हो रही है कि छत्तीसगढ़ के 11 सीटों में कैसे अधिक से अधिक सीटों पर इस बार कब्जा किया जाए, बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस के खाते में मात्र दो ही सीटें है और इस बार लोगों की धारणा है कि सही व्यक्तियों को चुनावी मैदान में उतारा गया तो कांग्रेस चार से पांच सीट तक जीत सकती है। भाजपा प्रत्याशी रूप कुमार चौधरी का प्रभाव क्षेत्र व्यक्तिगत तौर पर देखा जाए तो बसना पिथौरा से लेकर महासमुंद तक जरूर है। परंतु इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक बड़ा क्षेत्रफल आता है जिसमें राजिम गरियाबंद से लेकर देवभोग,बृंदानवागढ़ जैसे क्षेत्र हैं जो इस चुनाव में महत्वपूर्ण होंगे।जहां निश्चित तौर पर रूप कुमारी चौधरी का नाम उतना प्रभावकारी नहीं रहेगा। हालांकि भाजपा में प्रत्याशी नहीं बल्कि मोदी के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ी जाती है परंतु केंद्र में 10 साल तक सरकार में रही मोदी सरकार का प्रभाव इस चुनाव में कितना रहेगा अभी से अंदाजा लगा पाना ठीक नहीं होगा।
चुनाव में अब पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ-साथ व्यक्तिगत छवि की भी चर्चा होती है और यह फेक्टर आम लोगों के बीच दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय व्यक्ति चंद्रशेखर शुक्ला को मौका देती है तो निश्चित तौर पर भाजपा प्रत्याशी रूप कुमारी चौधरी के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। इसलिए की चंद्रशेखर शुक्ला अपने राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय इस संसदीय क्षेत्र को दिया है, वे कांग्रेस पार्टी में संगठन से जुड़े नेता हैं। इस लिहाज से उनका पूरे प्रदेश में लगातार दौरा होते रहा है। इसके साथ ही उनका नाम किसानों के साथ भी मजबूती से जुड़ा हुआ है उन्होंने किसान कांग्रेस के अध्यक्ष रहते किसानों के हित को लेकर कई बड़े आंदोलन किये। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने उस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचा कर उसका उन्हें हक भी दिलाया। ऐसे में कृषि बाहुल्य महासमुंद लोकसभा के किसान निश्चित तौर पर चंद्रशेखर शुक्ला को अपना समर्थन दे सकते हैं। युवाओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ के चलते इसका भी उन्हें लाभ मिलेगा।
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के अन्य दावेदारों में पूर्व मंत्री एवं विधायक धनेंद्र साहू की चर्चा करें तो वे हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में बुरी तरह से चुनाव हार चुके हैं। इसके पहले पार्टी ने उन्हें महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार भी बना चुकी है परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली।जबकि उस समय उनके मुकाबले भाजपा से साहू प्रत्याशी ही मैदान में था।परंतु साहू समाज का समर्थन भाजपा को मिला। इस तरह धनेंद्र साहू वर्तमान समय में उम्र के लिहाज से भी मतदाताओं के बीच फिट नहीं खाते। बावजूद उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता है तो कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा रिस्क हो सकता है। इसके अलावे और ऐसा कोई नाम बाहर से आता है तो बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा भाजपा जोर-जोर से उठाएगी,जो एक चुनावी मुद्दा होगा और रूप कुमारी चौधरी आसानी से चुनाव जीतकर संसद पहुंच जाएंगी। अब देखना होगा की कांग्रेस पार्टी अंतिम समय में क्या निर्णय लेती है और कैसे इस सीट को जितने रणनीति को अंजाम तक पहुंचाती है।