मैं पीएम मोदी के विजन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशा के अनुरूप काम करने विश्वास रखता हूं-पुरन्दर मिश्रा
रायपुर(छत्तीसगढ़)।जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो चुनाव के बाद भी आम जनता के बीच उसी मनोभाव के साथ नजर आए, जैसा वह निर्वाचित होने से पहले दिखते रहते हैं। आमतौर पर होता यह है कि निर्वाचित होने के बाद जनप्रतिनिधियों से मिल पाना आसान नहीं होता। इसे लेकर ही जनप्रतिनिधियों व जनता के बीच की दूरी बढ़ने लगती है।इस मिथक को तोड़ते हुए रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक पुरन्दर मिश्रा ने अपनी विधायकी के चंद महीनों में ही साबित कर दिया है कि वे जनता के प्रति कितना जवाबदेह हैं और लगातार अपने क्षेत्र के वार्डों का दौरा कर उन लोगों से मिल रहे हैं,जो आज तक अपने पूर्व विधायकों से मिले तक नहीं थे।पुरन्दर मिश्रा उन तंग गलियों में जा रहे हैं,जहाँ कोई जनप्रतिनिधि वोट मांगने तक नहीं जाता।
विधायक पुरन्दर मिश्रा से उनके इस अभियान को लेकर जब बात होती है तो वे सहजता से कहते हैं।जब तक वे अपने क्षेत्र के एक-एक कोने को खुद हो कर देखेंगे नहीं,जब तक वहां की समस्याओं से खुद हो कर रूबरू नहीं होंगे।कैसे काम कर सकते हैं।वे साफ शब्दों में कहते हैं,मैं पीएम मोदी के विजन और हमारे प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय जो मुझे एक जागरूक जनप्रतिनिधि बनने का प्रेरणा देते हैं के मंशा के अनुरूप काम करने विश्वास रखता हूँ।मेरा लक्ष्य है आज मुझे जिस विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है उसे इन पांच वर्षों में अपने कार्यों के दम पर उस ऊंचाइयों तक ले जाऊं की लोगों को वह हमेशा याद रहे।मेरा लक्ष्य उत्तर विधानसभा को एक आदर्श क्षेत्र के रूप में विकसित करना।
निश्चित तौर पर जनता के प्रति जवाबदेह और राजनीति को व्यवसाय न बनाने वाला जनप्रतिनिधि ही क्षेत्र के विकास के प्रति गंभीर हो सकता है और निश्चित रूप से इस पैमाने में पुरन्दर मिश्रा पूरी तरह से फिट बैठते हैं।सुबह अपने कार्यालय में लोगों से मिलने-जुलने के पश्चात दिन भर पार्टी बैठकों व प्रशासनिक काम काज निपटाने के बाद रोज शाम को निर्धारित एक वार्ड में बगैर कोई ताक-झाँक के निकल पड़ते हैं और क्षेत्र के लोग विधायक के रूप में जब मिश्रा जी को अपने बीच पाते हैं तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता।पुरन्दर मिश्रा भी ठेठ उनकी भाषा शैली में आमजन से बात कर समस्याओं की चर्चा करने लगते हैं।उनकी सहजता पूर्ण व्यवहार को देख जनता भी खुल कर अपनी बात रखती है और कई बार तो पारिवारिक बातें भी होने लगती है।साथ में हँसी मजाक व ठहाके भी यह नजारा देख हर कोई पुरन्दर मिश्रा का तारीफ करने मजबूर हो जाता है।ऐसा ही नजारा आज गुरु गोविंद सिंह वार्ड के जगन्नाथ नगर में भी देखने को मिला।