गौरीशंकर श्रीवास जैसे नेताओं की प्रखरता क्या बीजेपी में अब नए नेतृत्व का उदय है?

गौरीशंकर श्रीवास जैसे नेताओं की प्रखरता क्या बीजेपी में अब नए नेतृत्व का उदय है?

रायपुर(छत्तीसगढ़)।सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों और युवाओं के बीच यदि किसी के सक्रियता की चर्चा आज हो रही है तो वह नाम बीजेपी के प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का है।दिखने में ऊंचे कदकाठी के,स्मार्ट गोरा चेहरा।वाणी में स्पष्टता,धाराप्रवाह बोल,बुलंद आवाज के साथ किसी भी विषय पर सटीक जवाब जहां उनकी कार्यशैली को और भी परिपक्व बनाती है,तो विपक्ष के किसी भी नेता से सीधे टकराने की साहस भी गौरीशंकर में देखी जा रही है।लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए गौरीशंकर को सोशल मीडिया में लिख रहे हैं।ऐसे में अब जनसमुदाय में चर्चा होना स्वाभाविक है की गौरीशंकर श्रीवास जैसे नेताओं की प्रखरता क्या बीजेपी में अब नए नेतृत्व का उदय है? वर्तमान पीढ़ी अब क्या ऐसे दबंग और निडर हो कर जनता के बीच के मुद्दों को उठाने वालों को पसंद कर रही है।

सिर्फ राजनीतिक जीवन में ही नहीं, पेशेवर ज़िंदगी में भी अच्छा वक्ता होना आपकी तरक़्क़ी की बुनियाद बन सकता है और अगर आप लोगों के सामने नहीं बोल पाते, डर लगता है तो आपकी कामयाबी की रफ़्तार धीमी हो जाएगी। आपके हाथ से सिर्फ इस वजह से तरक़्क़ी के कई मौके निकल जाएंगे क्योंकि आप लोगों के सामने बोल नहीं सकते।इस बात को चरितार्थ करता बीजेपी के युवा नेता गौरीशंकर श्रीवास की कार्यशैली है।सत्तारूढ़ पार्टी की गलतियों को उनकी नाकामियों को बगैर डर भय और लागलपेट के यदि कोई  सवाल खड़ा कर रहा है, तो वह यही व्यक्ति है और यही वजह है कि लोग उन्हें पसंद करने लगे हैं और लगातार उनके फ़ॉलोअर्स बढ़ते जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की वर्तमान में जो राजनीतिक हालात हैं उसके हिसाब से बीजेपी कांग्रेस से कोसों दूर है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यही स्थिति आगे भी रही तो बीजेपी के लिए सत्ता में फिर से वापसी कर पाना दिवास्वप्न की तरह ही है।लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रही बीजेपी के सीनियर लीडर की बातों को, उनके कही तर्क को प्रदेश की जनता विश्वास नहीं कर पा रही है।एक विपक्ष के नाते जिस तरह से बीजेपी स्लो मोशन में काम कर रही है उससे यही महशुस हो रहा है जैसे कोई आरोप सत्तारूढ़ पार्टी पर नहीं उन पर लग रही है।राजनीति को करीब से समझने वाले एक बीजेपी नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा,अब वह समय आ गया है जब बीजेपी को चुनाव के पहले नए चेहरों को आगे कर देना चाहिए।

कुछ माह पहले बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा था,उनकी पार्टी आगामी चुनाव को आक्रामकता के साथ लड़ेगी।जब कि इस बात की जरूरत इसके पहले की होनी चाहिए।गौरीशंकर श्रीवास अब तक विधायक नहीं बने पर पार्टी के बैनर पर हर उस जगह पर उनकी सक्रियता आक्रामकता के साथ देखी जा सकती है,जो लोग सरकार से नाराज हैं या सरकार की कमजोरियों को उजागर कर रहे हैं।कोई धरना दे रहा है तो कोई संगठन आंदोलन पर उतारू है वहां यदि किसी की उपस्थिति तय देखी जाती है तो वह श्रीवास का ही चेहरा होता है।इसलिए मीडिया से लेकर कहीं कोई सार्वजनिक चर्चा भी आयोजित होती है तो गौरीशंकर को आमंत्रित किया जाता है और लोगों ने श्रीवास के उस डिबेट को भी देखा है जहां वे हिंदुत्व के मुद्दे पर धाराप्रवाह बोल रहे हैं और दूसरे नेता अवाक हो कर देख रहे हैं।