रायपुर लोकसभा के लिए क्यों हो रही है आशु और उज्ज्वल की चर्चा...भाजपा की क्या रणनीति है युवा व नए चेहरों पर दांव लगाने की।
रायपुर(छत्तीसगढ़)।प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि पार्टी महिलाओं और युवाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी।इससे साफ है कि इस बार के आम चुनाव में भाजपा की सूची में युवा व नए चेहरे ज्यादा होंगे।वहीं बीजेपी लोकसभा चुनावों के लिए सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी जल्द कर सकती है। इससे न सिर्फ पार्टी को फायदा होता है बल्कि इससे नेतृत्व मुश्किल सीटों पर भी ज़्यादा ध्यान दे पाता है।इसका प्रयोग हाल ही में हुए छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला। ऐसे में अब बात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर लोकसभा में इस बार उम्मीदवार कौन होगा को लेकर चर्चा का दौर शुरू है।पार्टी के एक जाने माने रणनीतिकार ने कहा,रायपुर और राजनांदगांव में से एक सीट सामान्य के लिए तो एक पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार के लिए होगी।याने रायपुर की सीट दोनों वर्ग में से कोई भी हो सकता है।ऐसे में जब बात युवा उम्मीदवारों की हो रही है तो भाजपा के आशु चंद्रवंशी और उज्ज्वल दीपक की चर्चा होना स्वाभाविक है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकता है और यह भी की अगर बहुत अहम और बड़े नेता की बात छोड़ दें तो बीजेपी 70 साल से ऊपर के उम्मीदवारों को चुनाव में टिकट नहीं देगी।वहीं चर्चा यह भी है कि अधिकांश सीटों पर नए व युवा उम्मीदवार होंगे।इस दृष्टि से रायपुर लोकसभा की सीट किसी नए चेहरे पर लड़ी जा सकती है।संभावना है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति का गठन भी इस महीने के अंत में कर दी जाएगी। ताकि लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के नाम जारी किए जा सकें।बता दें कि मौजूदा लोकसभा में बीजेपी के 56 सांसद 70 साल या उससे ऊपर की उम्र के हैं।इनमें अधिकांश की टिकट कटना तय है।2019 में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं। इस बार बीजेपी 400 पार का नारा दे रही है। बीते लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 436 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था।परंतु इस बार बिहार में बीजेपी का साथ जेडीयू ने छोड़ा है। वहीं महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की राहें बीजेपी से अलग है।ऐसे में कई सीटों पर बीजेपी कमजोर हुई है।इसलिए इस बार 400 से भी ज्यादा सीटों पर बीजेपी अपने स्वतंत्र उम्मीदवार उतार सकती है।
रायपुर लोकसभा से आशु चंद्रवंशी कौन हैं जो हो रही है चुनाव लड़ाने की चर्चा-
आशु चंद्रवंशी दो दशक से भी ज्यादा समय से संघ से जुड़े हैं।इसके साथ ही पूरे समय भाजपा की संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने निचले स्तर से लेकर हर वर्ग को भाजपा की मुख्य धारा से जोड़ने जीतोड़ मेहनत करते हैं।हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में भी उनका नाम रायपुर पश्चिम से चर्चा में था।बताया तो यह भी जाता है कि इनका नाम शीर्ष में था और अंतिम क्षणों में कट गया।बावजूद इस विधानसभा से भाजपा की जीत का श्रेय उन्हें ही दिया जा रहा है।इसके पीछे की वजह भी साफ है कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए पूरे विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को जीवित रखा।कोरोना काल में लोगों की मदद से लेकर वैक्सीन की बात आई तो घर-घर जा कर लोगों को जागरूक करते हुए टिका लगवाने का एक रिकॉर्ड बनाया। पिछड़े वर्ग से आने वाले आशु चंद्रवंशी पढ़े लिखे एक इंजीनियर तो हैं ही इसके साथ ही उनकी छबि एक कट्टर हिंदूवादी नेता की भी है।सोशल मीडिया और क्षेत्र में कहीं भी उन्हें आये दिन धार्मिक आयोजनों में शिरकत करते देखा जा सकता है।प्रदेश में भाजपा की सत्ता आने के बाद पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनकी सक्रियता जिस तरह से देखी जा रही है।माना जा रहा है कि रायपुर लोकसभा कहीं पिछड़े वर्ग के कोटे में गया तो आशु को पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है और ऐसा हुआ तो उनकी जीत तो सुनिश्चित है ही वे जीत का एक बड़ा रिकार्ड भी बना सकते हैं।
उज्ज्वल दीपक उच्च शिक्षित ऐसे नवजवान जिनकी सबसे ट्यूनिंग अच्छी है-
अपनी बात को सपाट की भाषा में बोलने और निडर हो कर कुछ भी करने की क्षमता यदि किसी में है तो भाजपा के युवा चेहरा उज्ज्वल दीपक में है।विपक्ष में रहते कांग्रेस सरकार की तमाम खामियों को वे निर्भीक हो कर सोशल मीडिया,ट्यूटर और अन्य माध्यमों में वे लगातार रखते रहे।इस वजह से वे युवाओं में काफी लोकप्रिय भी हैं।बताया जाता है कि उज्ज्वल में वो उज्ज्वला है कि वे किसी भी हाईप्रोफाइल से लेकर सामान्य व्यक्ति को भी अपना बना लेते हैं।यही वजह है कि मौजूदा केन्द्र सरकार में तमाम सभी केंद्रीय मंत्रियों से उनके व्यक्तिगत अच्छे संबंध हैं।प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो सबसे पहले सार्वजनिक कार्यक्रम कवि सम्मेलन का आयोजन भी इन्हीं के द्वारा आयोजित हुआ।ऐसे में जब मोदी राज में युवाओं की बात हो रही हो।युवाओं को सामने रख विकसित भारत की कल्पना की जा रही हो तो स्वाभाविक रूप से इस युवा को भी चुनाव समर में उतरने की इच्छा तो होगी ही।बल्कि युवाओं का एक समूह केम्पेन चला रहा है कि उज्ज्वल दीपक को लोकसभा रायपुर का उम्मीदवार बनाया जाए।देश विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले उज्ज्वल दीपक को भाषाओं का भी जबरदस्त ज्ञान है।वे फर्राटेदार इंग्लिश, हिंदी और छत्तीसगढ़ी बोलते हैं।राष्ट्रीय और समसामयिक विषयों पर उनकी लेख भी प्रतिष्ठित अखबारों में प्रकाशित होते रहती है।वर्तमान में वे पूरे लोकसभा में दौरा कर युवाओं को भाजपा से जोड़ने का काम कर रहे हैं।रायपुर लोकसभा में किसी सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को लड़ाया गया तो उज्ज्वल की दावेदारी मजबूत दिखाई देती है,जो किसी भी उम्मीदवार पर भारी पड़ सकते हैं।