शंकर लाल साहू ने रायपुर की दावेदारी को पुख्ता करने सीधे सोनिया गांधी से मिलने समय मांगा..आज मुलाकात संभव!
नई दिल्ली।आज की राजनीति में बहुत कम उदाहरण मिलते हैं,जब कांग्रेस नेता शंकर लाल साहू जैसे जीवट व्यक्ति की मेहनत व आत्मविश्वास देखने को मिलता है।शून्य से शुरू कर शंकर लाल साहू आज अपनी दावेदारी को सोनिया गांधी तक पहुंचा दिया है।दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ पिछले 4 दिनों से जमे उन सभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से मिल चुके हैं,जो टिकट वितरण में अहम रोल रखते हैं।प्रदेश के नेताओं ने जब उनको तव्वजो नहीं दिया तो उन्होंने यह रास्ता अख्तियार कर बता दिया है कि कार्यकर्ता जब अपने में आ जाये तो कुछ भी सम्भव नहीं है।बताया जाता है कि शंकर जब दिल्ली के बड़े नेताओं को उनके पिता मेहतरलाल साहू की स्व. राजीव गांधी से अनछुई किस्से बताये तो सब आवक रह गए।
बताया जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की परिस्थितियां बीजेपी के लिए उतना अनुकूल नहीं है,जैसा की कहा जा रहा है।जानकारों का कहना है,कांग्रेस यदि सही तरीके से टिकट वितरण की तो 11 में से इस बार 4 से 5 सीट जीत सकती है।बता दें कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के कुल 11 सीटों के लिए सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।वहीं कांग्रेस अभी भी सियासी समीकरण बनाने में जुटी हुई है।कहा जा रहा है कि कांग्रेस की सूची आने में अभी और समय लग सकता है।वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस इस बार साहू समाज से दो कैंडिडेट उतार सकती है।जिसमें रायपुर से शंकर लाल साहू का नाम लगभग फाइनल हो गया है,वहीं महासमुंद लोकसभा ब्राम्हण वर्ग के लिए परंपरागत सीट रही है तो यहां से चंद्रशेखर शुक्ला के सिंगल नाम पर विचार मंथन जारी है।
गौरतलब हो कि भाजपा इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी वाले साहू समाज से एकमात्र सीट बिलासपुर से ही एक ही उम्मीदवार बनाया है।जबकि इसके पहले साहू समाज को दो सीट दी गई थी।इसके चलते साहू समाज के लोगों में भाजपा से नाराजगी की खबर आ रही है।बता दें कि पिछली बार साहू समाज से महासमुंद से भी साहू उम्मीदवार को जगह मिली थी और इस लोकसभा से जीत भी हुई थी।इस तरह प्रदेश में भाजपा को 11 में से 9 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल हुई थी।इसी जातिगत समीकरण को साधने कांग्रेस इस बार रायपुर और दुर्ग दोनों जगह से साहू उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।बताते चलें कि रायपुर से स्व. मेहतर लाल साहू के पुत्र शंकर लाल साहू एक मात्र साहू उम्मीदवार हैं जो अपनी दावेदारी पेश की है और पिछले 2 माह से ऑटो के माध्यम से चुनावी प्रचार में भी लग गए हैं।इस बीच भाजपा ने बृजमोहन अग्रवाल जैसे बड़े कद के नेता को चुनावी मैदान में उतार दिया है तो उन्हें टक्कर देने लो प्रोफाईल के नेता शंकर साहू को ही मुकाबले में उतारना उचित समझ रही है।शंकर लाल साहू कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।प्रदेश के सभी नेताओं से गुजारिश करने के बाद वे पिछले 2 दिनों से कई समर्थकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
इसी तरह का समीकरण महासमुंद लोकसभा के लिए भी कांग्रेस के लिए फिट होता दिखई देता है। महासमुंद वह लोकसभा क्षेत्र है जहां कांग्रेस अधिकतर बार चुनाव जीती है एवं सबसे ज्यादा समय तक कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे विद्याचरण शुक्ल यहां से सांसद रहे हैं। इसके अलावा श्यामाचरण शुक्ल, पवन दीवान जैसे दिग्गज नेता भी इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, अब फिर से वह समय आ गया है कि कांग्रेस पार्टी एक बार किसी ब्राह्मण समुदाय से योग्य व्यक्ति को यहां से चुनाव मैदान में उतारे।जिसमें एकमात्र ब्राह्मण उम्मीदवार जो चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं चंद्रशेखर शुक्ला के नाम पर पार्टी गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। बता दें कि युवा नेता चंद्रशेखर शुक्ला विद्याचरण शुक्ल के जमाने से कांग्रेस के मुख्य धारा में सक्रिय रहते हुए संगठन के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर पार्टी की सेवा की है फिलहाल वे भी दिल्ली में अपनी दलील को पहचाने बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, ऐसे में तय माना जा रहा है कि चंद्रशेखर शुक्ला का नाम महासमुंद से अंतिम क्षणों में फाइनल कर दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ में मोदी फैक्टर का असर उस तरह से नहीं है जैसा की प्रचारित किया जा रहा है, जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी उठा सकती है मौजूदा साय सरकार के काम काज को लेकर भी लोगों का उत्साह बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देता।हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगा।बावजूद इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश के कुल 11 में से 4 से 5 सीटें जीत सकती है। बसर्ते की टिकट वितरण सही तरीके से किया जाए।जीत वाले इन लोकसभा में सबसे ज्यादा संभावना कांकेर, महासमुंद, राजनांदगांव, कोरबा और जांजगीर सहित अन्य सीटें शामिल है।