महाशिवरात्रि के दिन पूजा का विशेष महत्व है। जानिए क्या है वजह...

भगवान शिव दुनिया के पहले गुरु माने गए हैं, जिनसे ज्ञान की उत्पत्ति हुई थी।

महाशिवरात्रि के दिन पूजा का विशेष महत्व है। जानिए क्या है वजह...

रायपुर(छत्तीसगढ़)।देश भर में आज महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।शिव मंदिरों और शिवालयों में सुबह से ही शिवभक्तों का तांता लगा है। भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंच रहे हैं।शिव नगरी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकाल मंदिर और हरिद्वार के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।छत्तीसगढ़ रायपुर में भी आज शिवभक्तों की मंदिर वाले रास्तों में भारी भीड़ देखी गई।कहते हैं शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बेल पत्तियों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जाप करता है, उसे भगवान शिव आनन्द और मोक्ष प्रदान करते हैं |

ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की शादी हुई थी।जिस कारण महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व बहुत ज्य़ादा माना जाता है। इसी से प्रेरित हो कर भक्तजन आज के दिन जगह-जगह शिव पार्वती जी का बारात निकाल कर उत्सव मना रहे हैं।धर्म के जानकारों के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष के एकादशी, यानी फरवरी-मार्च के महीने में पड़ने वाला ये त्यौहार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव का अंश प्रत्येक शिवलिंग में पूरे दिन और रात मौजूद रहता है।

शिवपुराण के अनुसार सृष्टि के निर्माण के समय महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि में शिव अपने रूद्र रूप में प्रकट हुए थे।

धर्मशास्त्रियों के मुताबिक आज के दिन ग्रहों की दशा कुछ ऐसी होती है कि मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से ऊर्जा ऊपर की ओर चढ़ती है। वे लोग जो अध्यात्म मार्ग पर हैं उनके लिए महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है।

योग परंपरा में शिव की पूजा ईश्वर के रूप में नहीं बल्कि उन्हें आदि गुरु मानकर किया जाता है।वे दुनिया के पहले गुरु माने जाते हैं जिनसे ज्ञान की उत्पत्ति हुई थी।