अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में हो रहे विरोध के बीच मोदी सरकार ने सेना के तीनों प्रमुखों को आगे किया...
नई दिल्ली।मोदी सरकार पर देश में बेरोजगारी बढ़ने के लगातार आरोपों के बीच 14 जून को केंद्र सरकार ने सेना में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की।इसके बाद से ही देश के कई राज्यों में युवाओं ने योजना के विरोध में मोर्चा खोल दिया है।कृषि कानून की तरह विरोध के स्वर और तेज न हो जाये के अंदेशा से सरकार ने एक रणनीति के तहत विभागों से संबंधित तीनों सेना के प्रमुखों को ही इस बार आगे कर दिया। इसके पूर्व भाजपा के लिए आज उस समय अजीब स्थिति निर्मित हो गई जब भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में यह कह दिया कि बीजेपी ऑफिस में हम जो सिक्योरिटी गार्ड रखते हैं, उसमें भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे।इस बयान के बाद लोगों के प्रतिक्रिया आना, आलोचना करना और तेज हो गया और कैलाश विजयवर्गीय के कही वीडियो वायरल होने लगी।इस बीच सेना प्रमुखों ने क्या कहा जानना बेहद जरूरी है।
सेना प्रमुखों ने कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी। इसे क्यों वापस लिया जाना चाहिए।ये देश को और युवा बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,आपको पता है कि दुरूह क्षेत्रों से कितने लोग हताहत होते हैं। आप पढ़िएगा तब आपको पता चलेगा कि नौजवान लोग क्यों ज़रूरी है। मुझे लगता है कि आपको ये कोशिश करनी चाहिए बिलकुल रोलबैक न हो।
उन्होंने चार साल बाद 75 फीसदी अग्निवीरों को लेकर आरक्षण की घोषणा सरकार के रुख़ में नरमी के संकेत तो नहीं को स्पष्ट किया कि ये मत सोचिएगा कि कुछ हरकतों आगजनी की घटनाओं के कारण ये फ़ैसला लिया गया है। ऐसा नहीं है।ये पहले से तय था। इसकी योजना पहले से थी और ऐसा इसलिए था क्योंकि ये 75 फ़ीसदी जो युवक हैं, सेना में चार साल रहने के बाद देश में वापस जाएंगे। ये देश की ताक़त हैं। इसकी योजना पहले से तय थी कि कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा क्योंकि ये 75 फ़ीसदी अग्निवीर देश की ताक़त होंगे। इसीलिए उन्हें आयु सीमा में भी छूट देने का फ़ैसला किया गया है।
हर साल केवल 46 हज़ार युवाओं की ही भर्ती होगी को भी स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया अगले चार से पांच साल में हमारी इनटेक 50 से 60 हज़ार होगी। 50-60 हज़ार के बाद क्या होगा। ये इनटेक 90 हज़ार से लेकर 1.25 लाख तक होगी। ये केवल 46 हज़ार नहीं रहेगी। ऐसा हमने इसलिए किया है कम से शुरू करना चाहिए और फिर मीडियम पर जाना चाहिए ताकि हमें भी इस स्कीम को चलाने के बाद सीखने को मिले कि इसमें दिक्कतें क्या हैं।