अगर मैंने एक रुपया भी आर्थिक फायदा लिया होता तो सरकार के ख़िलाफ बोल नहीं पाता- राहुल गांधी

अगर मैंने एक रुपया भी आर्थिक फायदा लिया होता तो सरकार के ख़िलाफ बोल नहीं पाता- राहुल गांधी

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में एक किताब के विमोचन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से लेकर मायावती को आड़े हाथों लिया।उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश की संस्थाओं पर आरएसएस ने नियंत्रण स्थापित कर लिया है।उन्होंने कहा कि संविधान बनाने वाले बीआर अंबेडकर ने लोगों को एक हथियार दिया था "लेकिन आज इस हथियार का कोई मतलब" नहीं रह गया है।इस दौरान गांधी ने बताया कि अगर उन्होंने एक रुपया भी आर्थिक फायदा लिया होता तो यहां वे जो बोल रहे हैं सरकार के ख़िलाफ़ बोल नहीं पाते।

बीजेपी जिस राहुल गांधी को कमजोर समझ कर उनके वीडियो को गतत तरीकों से एडिट कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच मजाक बनाया करती थी आज वही राहुल गांधी जब मंच पर बोलते हैं,उनके तार्किक शब्द और विषय की गंभीरता साफ बयां करती है कि उनके मुकाबले बीजेपी ही नहीं कांग्रेस के अंदर भी कोई ऐसा नेता नहीं जो उनके सामने टिक सके।यही वजह है कि बीजेपी अब उनका मजाक बनाना छोड़ उनके उठाये मुद्दों के जवाब तैयार करने होमवर्क में लगी रहती है। सरकार के ख़िलाफ क्यों बोल पाते हैं राहुल गांधी।इसका जवाब भी उन्होंने आज इसी कार्यक्रम के दौरान बताया। उन्होंने कहा, अगर उन्होंने आर्थिक फायदा के लिए एक रुपया भी लिया होता तो वह सरकार के ख़िलाफ बोल नहीं पाते।ये कहते हुए उन्होंने दावा किया कि सीबीआई और ईडी राजनीतिक तंत्र को नियंत्रित करती है।

राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि, "संविधान भारत का हथियार है लेकिन संस्थानों के बिना इसका कोई मतलब नहीं है। हम संविधान की रक्षा करने की बात करते हैं। लेकिन संविधान का पालन कैसे होता है? संस्थानों के साथ...और सभी संस्थान आरएसएस के हाथों में है।" उन्होंने कहा कि संविधान बनाने वाले बीआर अंबेडकर ने लोगों को एक हथियार दिया था "लेकिन आज इस हथियार का कोई मतलब" नहीं रह गया है।

अपनी बात को उन्होंने स्पष्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मीडिया को नियंत्रित किया जा रहा है और राजनीतिक नेताओं को नियंत्रित करने के लिए स्पाइवेयर (पेगासस) को इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि कांशी राम ने उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज़ को बुलंद किया। वे इसके लिए कांशी राम की इज्जत करते हैं लेकिन इसकी वजह से यूपी में कांग्रेस को नुकसान हुआ है।

उन्होंने दावा किया कि मायावती ने सत्तारूढ़ दल बीजेपी की जीत के लिए अनूकूल माहौल बनाया और ये सीबीआई, ईडी और पेगासस की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर और गांधी ने एक रास्ता दिखाया है कि इन समस्याओं का एक हल है लेकिन उसके लिए हमें उस मार्ग पर चलना होगा।

राहुल गांधी ने मायावती को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "मायावती ने चुनाव ही नहीं लड़ा। हमने मायावती को संदेश दिया कि गठबंधन कीजिए और मुख्यमंत्री बनिए। उन्होंने बात तक नहीं की। जिन लोगों ने अपना खून, पसीना देकर उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज को जगाया। आज मायावती कहती हैं कि मैं उस आवाज के लिए नहीं लडूंगी।इस कार्यक्रम में राहुल गांधी एक बीजेपी नेता के साथ अपनी मुलाक़ात और चर्चा का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि उन्होंने बीजेपी के एक नेता से पूछा कि क्या वे पुनर्जन्म में यकीन रखते हैं, इस पर उस नेता ने कहा कि वह पुनर्जन्म में यकीन नहीं करते, इस पर राहुल गांधी ने सवाल किया कि अगर आप पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखते तो राम में कैसे यकीन कर सकते हैं और ये सुनकर बीजेपी नेता चौंक गए और बोले कि बात तो सही है लेकिन बाहर मत बताना।