कलेक्टर चंदन कुमार की उत्कृष्ट कार्य योजना ने आदिवासी इस अति संवेदनशील क्षेत्र सुकमा को शिक्षा के स्तर में आसमान तक पहुँचा कर इतिहास रचा

कलेक्टर चंदन कुमार की उत्कृष्ट कार्य योजना ने आदिवासी इस अति संवेदनशील क्षेत्र सुकमा को शिक्षा के स्तर में आसमान तक पहुँचा कर इतिहास रचा

सुकमा।युवा व मिलनसार प्रवृत्ति के होनहार IAS अफसर चंदन कुमार जो सुकमा के कलेक्टर हैं, अपने अच्छे कार्यप्रणाली को लेकर आम जनता के बीच अपने आपको पूरी तरह से स्थापित कर चुके हैं कि सुकमा ही नहीं पूरे प्रदेश में प्रशंसा हो रही है। सुकमा में प्रगति कार्यक्रम के तहत उनका स्कूली शिक्षा को लेकर विशेष रुचि और यहाँ के बच्चों को सर्वोच्च स्थान पर ले जाने की लगन ने इस बार 10 वीं बोर्ड के नतीजों में प्रदेश में अव्वल स्थान लाकर साबित कर दिया कि सच्चे उद्देश्य को लेकर यदि प्रयास किया जाए तो सब सम्भव हो सकता है। ज्ञातव्य हो कि सुकमा   जिला पिछले साल 10 वीं के नतीजों को लेकर पूरे प्रदेश में पांचवें स्थान पर था और महज एक वर्ष के अंतराल में वर्तमान कलेक्टर चंदन कुमार ने प्रथम स्थान पर ला खड़ा कर दिया।


चंदन कुमार अब 12 वीं के नतीजे को भी सुकमा में पूरे प्रदेश में बेहतर हो को लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। हालांकि 12 वीं के नतीजे भी सुकमा के पिछले साल की तुलना में इस बार अच्छा रहा है। यह पूरे राज्य में इस बार छठवें स्थान पर रहा है। सुकमा के एक अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि दसवीं व बारहवीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई नए नए ट्रिक अपना कर बच्चों को इंस्पायर किए। कई कार्यक्रम चलाकर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने अनेकों प्रयास लगातार जारी रखे। नतीजा यह रहा की साल दर साल नतीजे बेहतर आते गए। चार साल बाद इस साल कलेक्टर चंदन कुमार के व्यक्तिगत रुचि व प्रयास से दसवीं बोर्ड का नतीजा 90 फीसदी रहा और सुकमा जिला पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंच गया।  पिछले साल 77.61 फीसदी नतीजों के साथ सुकमा प्रदेश में पांचवें स्थान पर था। साल 2018 में 69.44 फीसदी रिजल्ट के साथ सुकमा 15 वें और 2017 में 55.47 फीसदी अंक के साथ 22वें स्थान पर था। 

इसी तरह इस साल 12वीं बोर्ड में सुकमा 83.74 फीसदी परीक्षा परिणामों के साथ प्रदेश में छठवें स्थान पर रहा। पिछले साल 81.39 फीसदी रिजल्ट के साथ जिला 9वें स्थान पर था। जबकि साल 2016 में 12वीं का रिजल्ट महज 38.6 फीसदी ही था।

प्रगति कार्यक्रम से बोर्ड एग्जाम में रिजल्ट बेहतर आए शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कलेक्टर चंदन कुमार के मार्गदर्शन में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में पूरे साल भर प्रगति कार्यक्रम चलाया गया। बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों के परिणाम बेहतर लाने के उद्देश्य से चलाए गए प्रगति कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। बच्चों का मासिक मूल्यांकन करने के साथ खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में एकेडेमिक ऑडिटर की व्यवस्था की गई। वर्कशॉप आयोजित कर शिक्षकों के साथ बच्चों को बोर्ड एग्जाम के लिए जरुरी टिप्स व दिशा निर्देश लगातार दिए गए।