प्रदेश भर से जुटे छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक में ठेकेदारों का गुस्सा ENC पर फूटा...प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ठेकेदारों को संभालते नजर आए।

प्रदेश भर से जुटे छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक में ठेकेदारों का गुस्सा ENC पर फूटा...प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ठेकेदारों को संभालते नजर आए।

रायपुर(छत्तीसगढ़)।राजधानी रायपुर में आज सरकार के शासकीय निर्माण कार्यों में अहम भूमिका निभाने वाले 
प्रदेश भर के छोटे,बड़े से लेकर दिग्गज ठेकेदारों ने भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर बता दिया कि वे कमजोर नहीं हैं।छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला के आव्हान पर यह प्रदेश स्तरीय बैठक काफी अर्से बाद राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित हुई। ठेकेदारों की भारी संख्या में उपस्थिति ही इस बात को बयां कर रही थी कि वे अधिकारियों से किस कदर परेशान व त्रस्त हैं। बैठक में उस समय अप्रिय स्तिथि निर्मित हो गई जब अधिकांश ठेकेदारों ने PWD के ENC पर अपना सारा गुस्सा निकालना शुरू कर दिया और बोलने लगे कि हम सब को अभी उनसे जा कर बात करनी चाहिए।ठेकेदारों के इस आक्रोश को एशोसिएशन के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला को भी संभालने मुश्किल हो गई थी और वे बचाव की मुद्रा में नजर आए।

प्रदेश भर के ठेकेदारों ने आज एक स्वर में अधिकारियों की मनमानी पर आक्रोश जताते हुए कहा है कि उन्हें महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही अधिकारियों द्वारा तरह-तरह से परेशान किया जाता है।कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद भुगतान के लिए महीनों तक घुमाया जाता है। कइयों ने तो सीधा आरोप लगाया कि रिश्वत लिए बिना अधिकारी बिल पास ही नहीं करते। ठेकेदारों ने कहा, स्वयं का पैसा लगाकर ठेकेदार इस उम्मीद से कार्य करते हैं कि कम से कम कार्य होने के बाद भुगतान हो जाएगा। लेकिन, अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं। अधिकारी टेंडर में हेराफेरी भी करते हैं। अधिकारियों के रवैये के कारण सरकार बदनाम हो रही है।

ऐसी ही ढेरों शिकायतें प्रदेशभर से आए ठेकेदारों ने की। मंगलवार को दोपहर छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन की प्रदेश स्तरीय बैठक एक निजी होटल में हुई। प्रदेश स्तरीय बैठक में प्रदेश भर के अनेक शहरों के ठेकेदारों ने कई महीनों से भुगतान न होने, कार्य में आ रही परेशानी को लेकर अपनी समस्या बताई। समस्याओं पर चर्चा करके एक राय से निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री सहित मुख्य सचिव आदि उच्चाधिकारियों से मिलकर शिकायत करेंगे। मांगों को लेकर प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।

ठेकेदारों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि भुगतान के लिए जब विभाग में अर्जी लगाते हैं तो अधिकारी जानबूझकर तरह-तरह के सवालों से परेशान करते हैं, अनेक अधिकारी तो खुलकर रिश्वत की मांग करते हैं, यदि ठेकेदार रिश्वत न दे तो उनकी भुगतान फाइल अटकी रह जाती है। ठेकेदारों ने कहा,इस सरकार में अधिकारी राज स्थापित हो चुका है। ठेकेदारों को ब्लैकमेल किया जा रहा है।  ठेकेदारों का कहना था कि ठेकेदार यदि एकजुट होकर अधिकारियों की मनमानी का विरोध करें तभी समस्या का समाधान हो सकता है।

कुछ ठेकेदार अपना काम निकालने के लिए अधिकारियों की चाटुकारिता करते हैं, यदि एसोसिएशन एकजुट हो जाए तो अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सकता है। बैठक में अनेक ठेकेदारों ने यह कहा कि हम सब केवल भाषणबाजी न कर भविष्य में कोई परेशानी न आये, इसके लिए कठोर निर्णय लेकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहिए। जगदलपुर, कांकेर, कवर्धा, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग सहित अनेक जिलों से आए ठेकेदारों का कहना था विकास की बातें केवल कागजों में होती है। ठेकेदार सही काम करना चाहते हैं, लेकिन अधिकारी करने ही नहीं देते। कुछ ठेकेदार अपने फायदे के लिए अधिकारियों की जी हुजूरी करते हैं, इससे अन्य ठेकेदार बदनाम होते हैं।

छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेश शुक्ला ने बताया कि प्रदेश भर के ठेकेदार एकजुट हो चुके हैं, मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा से भी मुलाकात करके अपनी समस्या बताएंगे। अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने देंगे। बैठक में लोक निर्माण विभाग, जल जीवन मिशन, जल संसाधन विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मंडी बोर्ड सहित अनेक विभाग के ठेकेदार शामिल रहे।उन्होंने आगे कहा,ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने के कारण विकास कार्य ठप्प हो रहा है। केवल बस्तर संभाग के ही ठेकेदारों का लगभग 800 करोड़ से ज्यादा का भुगतान बाकी है।

बीरेश शुक्ला ने यह कह कर चौका दिया कि स्पॉट इंस्पेक्शन के नाम पर अधिकारी दिन में नहीं बल्कि रात में टॉर्च की रोशनी में मुआयना करते हैं। ठेकेेदारों को बुलाया नहीं जाता, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। तरह तरह से नोटिस थमाया जा रहा है। ठेकेदार जीएसटी की नियमावली से भी परेशान हैं, उन पर करोड़ों रुपए का कर्ज हो चुका है अब और कर्ज लेकर काम करने में असमर्थ हैं, आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है। ठेकेदारों की कंपनी में काम करने वाले इंजिनियर और मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं।

ठेकेदारों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को स्वयं हो कर अपने संज्ञान में लेकर कार्रवाई करना चाहिए। मुख्यमंत्री के अधीन जल संसाधन विभाग है, उस विभाग में भी महीनों से भुगतान रुका हुआ है। छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन को भी इसे संज्ञान में लेना चाहिए कि आखिर क्या स्थिति है कि सरकार ठेकेदारों का भुगतान नहीं कर पा रही है, कहां अड़चन आ रही है उसे कैसे दूर किया जा सकता है, इस पर संगठन को भी सरकार से बात करना चाहिए।