नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय राजनीति में कोई चर्चा नहीं थी,तब से नितिन नबीन का मोदी की तरफ झुकाव रहा और आज उसी का नतीजा है कि वे संगठन के शीर्ष पद पर नवाजे गए।
रायपुर(छत्तीसगढ़)।नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नितिन नबीन साल 2006 में राजनीति की शुरुआत की थी,जो उन्हें यह विरासत में मिली।उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा शुरुआती दौर में कई बार बीजेपी से विधायक रहे और पिता के निधन के बाद नितिन नबीन उस सीट से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।नितिन नबीन का जन्म मई 1980 में रांची, झारखंड में हुआ। वर्तमान में वे महज 45 साल के हैं। इतने कम उम्र में वे कई बार के विधायक हैं। बावजूद उन्हें पहली बार नीतीश कुमार की सरकार में साल 2021 में मंत्री बनने का मौका मिला।इस बीच विधायक रहते उन्होंने मोदी के लिए वह कर दिखाया था, तब नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रीय राजनीति में कहीं चर्चा तक नहीं था,जो शायद मोदी की जेहन में बस गया और समय आया तो उन्हें उसका उपहार मिल गया।
दरअसल यह घटना साल 2010 की है जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए बिहार की राजधानी पटना आए थे।उस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अख़बारों में छपे एक विज्ञापन पर अपनी नाराज़गी जताई थी।इस विज्ञापन में दिखाया गया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार हाथ पकड़े खड़े हैं और इसमें लिखा गया है कि कैसे बाढ़ जैसी आपदा के दौरान गुजरात सरकार ने बिहार की मदद की। ये विज्ञापन ऐसे समय प्रकाशित किया गया था जब पटना में भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी। नीतीश कुमार विज्ञापन से काफ़ी नाखुश थे। अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा था, “आपदा के समय दी गई मदद को इस तरह जताना भारतीय संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा कि ये विज्ञापन बिना उनकी अनुमति के छापा गया है और विज्ञापन छापने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बारे में सोचा जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कदर नाराज थे कि उन्होंने तब भाजपा नेताओं के साथ डिनर का कार्यक्रम रद्द कर दिया। आपको बता दें कि अख़बारों में वो तस्वीर दो विधायकों नितिन नबीन और संजीव चौरसिया ने छपवाई थी।इस तरह से हम कह सकते हैं कि जब नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय राजनीति में कोई चर्चा नहीं थी, तब से ही नितिन नबीन का मोदी की तरफ झुकाव था और यही झुकाव उनके प्रति एक विश्वास बन कर इस कदर मजबूत बनता चला गया कि आज संगठन के शीर्ष पद पर उन्हें पहुंचा दिया।
भाजपा के पार्टी संविधान और नियम में कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका का जिक्र नहीं है।ऐसे में माना जा रहा है कि वो नए अध्यक्ष के चुने जाने तक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाएंगे।
या फिर उन्हें स्थायी अध्यक्ष बना दिया जाएगा? पार्टी इनकी कार्यशैली और कार्य क्षमता को देखेगी और जनवरी में होने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद इन्हें स्थायी अध्यक्ष बना सकती है।



Beauro Cheif



