केन्द्र सरकार ने टीकाकरण की योजना का इतना केंद्रीयकरण कर दिया है कि राज्य और स्थानीय अधिकारी अपने मुताबिक़ क़दम उठा ही नहीं पा रहे हैं- विकास उपाध्याय
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि तेज़ी से बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए सरकार अपने देश में वैक्सीन का उत्पादन यदि नहीं बढ़ा पा रही है
रायपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि तेज़ी से बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए सरकार अपने देश में वैक्सीन का उत्पादन यदि नहीं बढ़ा पा रही है तो अन्य देशों से वैक्सीन का आयात शुरू करने में विलंब क्यों कर रही है ? उन्होंने यह सवाल भी उठाया है कि मोदी सरकार में सारे फ़ैसले ब्यूरोक्रेट्स ले रहे हैं, न कि एक्सपर्ट्स । ब्यूरोक्रेट्स की प्लानिंग ग़लत साबित हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार ने टीकाकरण की योजना का इतना केंद्रीयकरण कर दिया है कि राज्य और स्थानीय अधिकारी अपने मुताबिक़ क़दम उठा ही नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि अधिकांश राज्यों में स्थिति बिगड़ते जा रही है।
विकास उपाध्याय ने आज केन्द्र सरकार को एक पत्र भेज कर माँग की है कि वह टीकाकरण में तेजी लाने भारत सरकार के जिन देशों से रिश्ते बेहतर हैं, वहाँ के सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर वैक्सीन आयात करना अविलम्ब शुरू करे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने टीकाकरण को लेकर वो आँकड़े बताए हैं, वो सुनने में अच्छे तो लगते हैं। जैसे भारत में हर दिन अमेरिका या किसी अन्य से ज़्यादा लोगों को टीका लगाया गया है लेकिन जब आप भारत की आबादी के प्रतिशत के हिसाब से देखेंगे, तो तस्वीर साफ हो जाती है कि हम कितने पीछे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक़ अब तक भारत में 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है।यह नंबर देखने में बड़ा लग सकता है, लेकिन आबादी के अनुपात में भारत टीकाकरण के मामले में काफ़ी पीछे है।आर वर्ल्ड इन डेटा के मुताबिक़ भारत में 5.7 फ़ीसद लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली ख़ुराक मिली है। वहीं, ब्रिटेन में 46.71 और अमेरिका में 32.89 फीसदी आबादी को टीका लगाया जा चुका है। इस मामले में ब्राज़ील भी भारत से आगे है, जहाँ 8.87% लोगों को टीका लग चुका है. भूटान, जिसने भारत से वैक्सीन निर्यात की है, वहाँ 61.04% लोगों का टीकाकरण हो चुका है।