कड़ाके की ठंड में भी टी-शर्ट में क्यों चल रहे हैं राहुल गांधी? आज खुद बताई वजह।जानिए क्या है...

कड़ाके की ठंड में भी टी-शर्ट में क्यों चल रहे हैं राहुल गांधी? आज खुद बताई वजह।जानिए क्या है...

हरियाणा(अम्बाला)।राहुल गांधी के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' बीते चार महीनों में दक्षिण भारतीय राज्यों से शुरू होकर कई अन्य प्रदेशों से होती हुई हरियाणा पहुंची है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज हरियाणा के अंबाला ज़िले में एक सार्वजनिक सभा के दौरान बताया कि आखिर वे इतनी ठंड में भी हाफ़ टी-शर्ट क्यों पहनते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा के पूरे दौरान राहुल गांधी सिर्फ़ सफेद रंग की हाफ़ टी-शर्ट में ही नज़र आए हैं।यहां तक कि इस बीच हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शपथ ग्रहण समारोह में भी वे हाफ़ टी-शर्ट में ही नज़र आए ।तो दिल्ली में भी जब वे नजर आए तो टी-शर्ट में ही।निश्चित तौर पर उनका इतने सर्द मौसम में हाफ़ टी-शर्ट पहनना चर्चा का विषय बन गया।खास कर भाजपा इस बात को लेकर भी उनकी आलोचना नहीं तो मजाक उड़ाने की कोशिश की पर किसी में इतनी साहस नहीं कि वो ये करके दिखा दें।स्वाभाविक रूप से इसके पीछे की वजह को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई।कई पत्रकारों ने इसके पीछे की वजह को लेकर वैज्ञानिक कारण भी गिनाए, पर राहुल गांधी ने खुद आज एक सार्वजनिक सभा में इसके पीछे की वास्तविक वजह बता दी।

उन्होंने कहा कि 'बीजेपी ने मेरी टी-शर्ट को लेकर बवाल खड़ा कर दिया है। इनको समझ नहीं आ रहा है की ये सफ़ेद टी-शर्ट क्यों पहना है। मैं आपको बताता हूं कि मैं टी-शर्ट क्यों पहनता हूं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक दिन सुबह लगभग छह बजे यात्रा शुरू हुई...हम सुबह छह बजे ही निकलते हैं। तो मैंने देखा कि तीन बच्चे मेरे पास आ गए हैं। वे मेरे साथ फ़ोटो लेना चाहते थे। मैंने फ़ोटो लेने के लिए उन्हें पकड़ा तो देखा कि वो सर्दी से कांप रहे हैं। फिर मैंने देखा कि वह पतली सी शर्ट पहने हैं। वो भी फटी हुई थी।

उस दिन मैंने तय कर लिया कि मेरे लिए जब तक सर्दी असहनीय नहीं हो जाएगी, जब तक मैं बुरी तरह कांपना शुरू नहीं कर दूंगा तब तक स्वेटर नहीं पहनूंगा। मैं उनको संदेश देना चाहता हूं कि अगर आपको ठंड लग रही है तो राहुल गांधी को भी ठंड लग रही है। और जिस दिन आपने स्वेटर पहन लिया, उस दिन राहुल गांधी स्वेटर पहन लेगा।राहुल गांधी ने ये भी कहा कि इस देश के करोड़ों मजदूर हर रोज़ सर्दी और गर्मी में मेहनत करते हैं, ऐसे में वो जो कुछ कर रहे हैं, वो कुछ अलग नहीं है।