राहुल गांधी का साहसिक निर्णय चरणजीत सिंह चन्नी होंगे कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार, राहुल गांधी ने सिद्धू के सामने किया एलान
लुधियाना(पंजाब)।पंजाब में चुनाव के लिए मतदान के ठीक 14 दिन पहले कांग्रेस ने आज चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। राहुल गांधी लुधियाना पहुंच कर आज एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया। आधे घंटे का उनका यह उद्बोधन बहुत ही सधा हुआ भावनात्मक मगर साहसिक था। राहुल गांधी के चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के बाद कांग्रेस के वो पुराने दिन याद आ गए जब त्वरित निर्णय लेकर हाईकमान का एक डर और अनुशासन पार्टी के क्षेत्रीय नेताओं पर हुआ करता था।
राहुल गांधी लुधियाना में आज वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए ख़ुद यह एलान किया है। इस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी मंच पर मौजूद थे।चन्नी के नाम का एलान करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "हमें ग़रीब घर का मुख्यमंत्री चाहिए। हमें वो व्यक्ति चाहिए जो ग़रीबी को समझे, भूख को समझे, जो ग़रीब व्यक्तियों के दिल की घबराहट को समझे। क्योंकि पंजाब को उस व्यक्ति की ज़रूरत है। मुश्किल फ़ैसला था, आपने आसान बना दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार, चरणजीत सिंह चन्नी जी होंगे।"राहुल गांधी के एलान करते ही सिद्धू ने चन्नी का हाथ उठाया और फिर दोनों को गांधी मंच की ओर लाए। इस दौरान पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी साथ दिखे। राहुल गांधी ने घोषणा के बाद चन्नी-सिद्धू और जाखड़ तीनों ही नेताओं को गले लगाया।
पंजाब में बीते कई दिनों से सिद्धू ने अपने बयानों से ये संकेत देने की कोशिश करते रहे कि राज्य में वह पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं।राहुल गांधी ने आज अपने उद्बोधन में बहुत ही गंभीर बात कही,उनका इशारा भी साफ था कि यह सिद्धू के लिए था। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी में अलग-अलग विचारधारा के स्वर निकलते रहते हैं। कई बार बयान कठोर भी सुनाई देते हैं पर उससे ये मालूम होता है कि पार्टी में किस तरह के विचारधारा वाले लोग हैं। इस बीच सुनील जाखड़ भी चरणजीत सिंह चन्नी पर ट्वीट के ज़रिए निशाना साध रहे थे। आइये मुख्यमंत्री के चेहरा चन्नी के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानते हैं।चरणजीत सिंह के तीन भाई हैं- डॉक्टर मनमोहन सिंह, मनोहर सिंह और सुखवंत सिंह। चरणजीत सिंह चन्नी की पत्नी कमलजीत कौर एक डॉक्टर हैं और उनके दो बेटे हैं।
चन्नी के पिता हर्ष सिंह कुछ साल आजीविका के लिए अरब देशों में रहे थे। देश वापस लौटने पर उन्होंने मोहाली के खरर में टेंट हाउस का कारोबार शुरू किया।बाल कृष्ण बिट्टू बताते हैं कि नौजवानी के दिनों चन्नी अपने पिता के काम में हाथ बँटाया करते थे और खरर नगर पालिका के काउंसिलर बनने पर भी वे टेंट लगाने से हिचकते नहीं थे।
उनके भाई डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बताया कि चन्नी ने चंडीगढ़ के गुरुगोविंद सिंह खासला कॉलेज से पढ़ाई की और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया। इसके बाद चन्नी ने पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की। चन्नी के एक अन्य क़रीबी सहयोगी मुकेश कुमार मिनका बताते हैं कि पढ़ाई में उनकी दिलचस्पी इतनी अधिक थी कि मंत्री रहते हुए वे पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे थे।
चन्नी की राजनीतिक यात्रा
58 साल के चरणजीत सिंह चन्नी की राजनीतिक यात्रा साल 1996 में उस वक़्त शुरू हुई जब वे खरर नगर पालिका के अध्यक्ष बने। इसी दौरान वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश दत्त के संपर्क में आए। चन्नी राजनीति के अपने शुरुआती दिनों से ही रमेश दत्त से जुड़े हुए थे। हालांकि चन्नी के संपर्क दलित कांग्रेस नेता चौधरी जगजीत सिंह से भी था लेकिन साल 2007 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। चन्नी ने फ़ैसला किया कि वे चमकौर साहिब से स्वतंत्र उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ेंगे और वे जीते भी। साल 2012 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें टिकट दिया तो वे फिर विधानसभा का चुनाव जीते। साल 2015 से 2016 तक वे सुनील जाखड़ के बाद पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस हाई कमान के पास भी अपनी पहुँच बनाई और ये माना जाता है कि कांग्रेस नेता अंबिका सोनी से उनके अच्छे रिश्ते हैं। साल 2017 का चुनाव जीतने के बाद चन्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में पहली बार मंत्री बने। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के अधूरे वादों को लेकर उठ रही आवाज़ों की अगुवाई करने वालों में चन्नी भी थे। कहते हैं कि पंजाब कांग्रेस कमेटी की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को देने का समर्थन चन्नी ने भी किया था।
राज्य कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिलने के लिए देहरादून जाने वाले पंजाब के मंत्रियों और विधायकों में चन्नी भी थे। साल 2017 के विधानसभा चुनावों में चन्नी ने जो शपथ पत्र दाखिल किया था, उसके मुताबिक़ उनके पास उस वक़्त लगभग 14.53 करोड़ की संपत्ति थी।