राहुल गांधी के लिए जहर उगलने वाले हिमंत सरमा ने कभी मोदी के लिए कहा था,गुजरात में पानी के पाइपों से मुसलमानों का खून बहता है।

राहुल गांधी के लिए जहर उगलने वाले हिमंत सरमा ने कभी मोदी के लिए कहा था,गुजरात में पानी के पाइपों से मुसलमानों का खून बहता है।

गुवाहाटी(असम)।असम के मुख्यमंत्री जो कभी कांग्रेस में लंबे समय तक काम करते हुए भाजपा नेताओं के खिलाफ ऐसे ही बयान देकर मीडिया की शुर्खियाँ बटोरते रहे जैसे आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं,का असल मकसद है क्या?इसे जानना बेहद जरूरी है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है,उन्हें तो कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करना ही था। इसके बगैर वो जो चाहते हैं,भला वह मकसद कैसे पूरा हो सकता है। इसके पीछे उनका उद्देश्य ही यही है की उन्हें पब्लिसिटी चाहिए जिससे बतौर बीजेपी नेता उनकी राष्ट्रीय पहचान बन सके।इसलिए कि अपने राजनीतिक दूसरा मकसद उनका यही है कि राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले कर वो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष खास कर मोदी- अमित शाह की नजर में ज़्यादा प्रिय बनना चाहते हैं।छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कोको पाढ़ी ने पिछले दिनों रायपुर में इस बात को कहा भी था कि भाजपा के नेता किसी न किसी बहाने राहुल गांधी के खिलाफ बोल कर अपना नाम चमकाना चाहते हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा को उत्तराखंड की चुनावी रैली में पिछले पांच वर्षों में उनकी  सरकार ने क्या काम किया बताना था और राज्य सरकार की कोई उपलब्धि नहीं थी तो कम से कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की उपलब्धियों पर ही भाषण देना था। इसके इतर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विवादित बयान देने की जरूरत क्या थी। निश्चित तौर पर यह उनके व्यक्तिगत रूप से खुद को महिमामंडित करने का ही एक तरीका था। हालांकि असम के मुख्यमंत्री की तरह और भी दूसरे पार्टी के नेता हैं जो ऐसा कर रहे हैं, पर हिमंत सरमा के बोल का लहजा तल्ख होने की वजह से इसकी चौतरफा विरोध भी हो रहा है। अगस्त 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हिमंत बिस्व सरमा जब कांग्रेस में थे तब भी वे कांग्रेस हाईकमान को खुश करने इसी तरह का तरीका अपनाया किया करते थे। परंतु राहुल गांधी ने उन्हें कभी तबज्जो नहीं दिया और खास कर गांधी परिवार इस तरह के चापलूसी पसंद नहीं करती।हाल ही के कुछ घटनाक्रम से इसके उदाहरण भी मिलते हैं।

आपको याद दिला दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हिमंत सरमा ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ ऐसा ही विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद बीजेपी के कई शीर्ष नेता नाराज़ हो गए थे। वह भाषण भी उन्होंने उस समय कांग्रेस हाईकमान को खुश करने के लिए दिया था।परंतु इसका उन्हें कुछ खास फायदा मिला नहीं। इस दौरान उन्होंने असम के तेजपुर के पंच माइल में आयोजित एक चुनावी रैली में नरेंद्र मोदी के लिए कहा था, गुजरात में पानी के पाइप के अंदर मारुति कार चल सकती है। आप यह सच बताइए असम के लोगों को कि असम में पानी के पाइप से पानी बहता है। गुजरात में पानी के पाइपों से मुसलमानों का खून बहता है। इसके बाद भी जब उन्होंने देखा 2015 में जब भाजपा में आ गए तो,उसका उन्हें राजनीतिक तौर पर कोई नुकसान उठाना नहीं पड़ा है,तो उन्हें ये लगा कि राजनीति में समय के अनुसार कोई भी बयानबाजी चलता है।