छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में प्रियंका गांधी क्यों हैं इतने अहम..? प्रदेश के वो नेता जिन्हें प्रियंका का सानिध्य मिलते गया...

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति में प्रियंका गांधी क्यों हैं इतने अहम..? प्रदेश के वो नेता जिन्हें प्रियंका का सानिध्य मिलते गया...

जगदलपुर(छत्तीसगढ़)।प्रदेश के कांग्रेस नेताओं का साल 2020 तक प्रियंका गांधी से बहुत ज्यादा नहीं था मेल मुलाकात और न ही प्रियंका गांधी को छत्तीसगढ़ की राजनीति से। यह वह समय था जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे और उन्हीं के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीतिक धुरी घुमा करती थी।परंतु जब छत्तीसगढ़ में सरकार के ढाई साल पूरे हुए और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक राजनीतिक उथल-पुथल मची तब प्रियंका गांधी की एंट्री कब हो गई किसी को पता ही नहीं चला।परंतु प्रदेश में मची सारी अटकलों पर जब विराम लगना शुरू हुआ तो यही माने जाने लगा कि प्रियंका गांधी ने यहां की मोर्चा संभाल ली हैं।तब से देश की राजनीति और विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों में प्रदेश के नेताओं को मिली जिम्मेदारी और साथ काम करने के अवसरों ने प्रियंका से जान पहचान बढ़ाई और लगातार प्रियंका गांधी की भी रुचि छत्तीसगढ़ में बढ़ते चली गई।एक तरह से अब यह माने जाने लगा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अब जो कुछ भी होगा उसमें प्रियंका की हां या ना की सहमति महत्वपूर्ण होगी।

आइये ऐसे ही कुछ चेहरों की चर्चा करें जो छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजनीति के साथ-साथ कैसे राष्ट्रीय राजनीति में प्रियंका गांधी से भी कनेक्ट हैं।इसमें सबसे पहला नाम विकास उपाध्याय का आता है।विकास उपाध्याय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के दिनों से ही दिल्ली की राजनीति में जुड़ गए थे और यह सिलसिला लगातार आज भी बनी हुई है और वे वर्तमान में AICC के राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ असम प्रदेश के प्रभारी भी हैं।साल 2021 में असम विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इन्हें यहां का प्रभारी बनाया गया और वे अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।विधानसभा के इस चुनाव में प्रियंका गांधी भी सक्रिय रहीं इस तरह कई सभा और सार्वजनिक मंचों में  विकास उपाध्याय प्रियंका गांधी के साथ मंच शेयर करते देखे गए।छत्तीसगढ़ विधानसभा में युवा सदस्य और युवाओं से लेकर आम जन में लोकप्रिय विकास उपाध्याय को मूलतः संगठन का नेता माना जाता है।इस वजह से वे संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल के भी करीब हैं।

छत्तीसगढ़ से एक और नाम राजेश तिवारी का आता है जो कई दशकों से कांग्रेस की राजनीति में सुनाई देते रही है। राजेश तिवारी बस्तर अंचल के कांकेर से संबंध रखते हैं। बताया जाता है कि बस्तर टाइगर के नाम से जाने जाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महेंद्र कर्मा के वे काफी करीब रहे इसके अलावे सरकार में केबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव से भी उनके मधुर संबंध हैं। परंतु असम चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी से चर्चा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें एआईसीसी में राष्ट्रीय सचिव के तौर पर नियुक्त करने की इच्छा व्यक्त की थी।इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय सचिव के साथ यूपी के प्रभारी सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी दी गई। इस बीच 2022 में यूपी का चुनाव होना था और राजेश तिवारी अपने कार्यों के दम पर प्रियंका गांधी के करीब आते गए।