मोहन मरकाम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे लोकप्रिय अध्यक्ष ही नहीं बल्कि गांधी परिवार के सच्चे हिमायती भी हैं...

मोहन मरकाम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे लोकप्रिय अध्यक्ष ही नहीं बल्कि गांधी परिवार के सच्चे हिमायती भी हैं...

नई दिल्ली डेस्क।कांग्रेस के आधार स्तंभ गांधी परिवार पर केन्द्र सरकार के अधीन कार्य करने वाली ईडी की कार्यवाही ने जहां देश भर के कांग्रेसजनों को एक मंच पर ला खड़ा कर दिया है,वहीं कांग्रेस नेताओं को एक अवसर भी प्रदान किया है कि गांधी परिवार के प्रति निष्ठा दिखाने का।अब तक इस पूरे मामले को लीड कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पूरी रणनीति को अंजाम दे कर भाजपा के दिग्गजों को सोचने मजबूर कर दिया है तो प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद अब देश भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दिल्ली पहुंचने की खबर भी आ रही है।

इस बीच छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भारी दल बल के साथ 20 जून को दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, सभी मोर्चा प्रकोष्ठ विभाग के पदाधिकारी और कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली जाने उत्साहित हैं।बता दें कि इसके पहले छत्तीसगढ़ में सारे कार्यक्रम रद्द कर मरकाम दिल्ली पहुंच कर केंद्रीय नेताओं के साथ ईडी के खिलाफ हो रहे धरना,प्रदर्शन में शिरकत कर चुके हैं।

प्रदेश की राजनीति में आप देखेंगे कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की लोकप्रियता समय के साथ-साथ प्रदेश भर में बढ़ते ही गई है।आज उनके एक आव्हान पर छत्तीसगढ़ में पूरा कांग्रेस एक मंच पर खड़ा नजर आता है,तो उनकी इसी सफल कार्यप्रणाली के चलते दिल्ली दरबार में उनकी दमक भी बड़ी है।लगातार संगठन की मजबूती के लिए प्रदेशव्यापी दौरे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से जीवंत संपर्क ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मरकाम को उस लोकप्रियता की शिखर पर ला खड़ा कर दिया है,जिसकी जरूरत आज छत्तीसगढ़ के हर कांग्रेस कार्यकर्ता को महसूस होता है।मोहन मरकाम को भले ही कांग्रेस की संगठनात्मक रूप से राष्ट्रीय राजनीति में अपनी प्रतिभा साबित करने ज्यादा समय नहीं हुआ है,पर वे अपने काबिलियत के दम पर राहुल गांधी के पसंद बन कर उभरे हैं।प्रदेश में मरकाम की जरूरत आज इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने की कल्पना यदि साकार करनी है,तो बस्तर और सरगुजा अंचल के आदिवासी सीटों का गणित अपने पक्ष में करना सबसे अहम है,जो आदिवासी सीटों पर आधारित है।

मोहन मरकाम की राजनीतिक परिपक्वता एक बार हाल ही में तब देखी गई थी जब राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश के राजीव शुक्ला और बिहार की रंजीत रंजन के नामों की घोषणा छत्तीसगढ़ से हुई। इस समय विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया,तब विपक्षी दलों के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पलटवार करते हुए सधा हुआ बयान दिया की पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, अब पार्टी के लिए त्याग का समय है।उनके इस बयान से संदेश ये गया कि चिंतन शिविर में सोनिया गांधी की कही बातों को मरकाम ने अपने आप में आत्मसात कर लिया है और इसके बाद इस मुद्दे पर किसी का कोई वक्तव्य नहीं आया।

इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष के नाते मोहन मरकाम विभिन्न मौकों पर मीडिया को दिए अपने बयानों के माध्यम से सियासी महत्व भी बताने नहीं चूकते। विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी को लेकर वे जहां काफी गंभीर नजर आते हैं।उनके 50-50 प्लस फार्मूला पर दिया बयान ने युवाओं को उनके और करीब ला खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है, जो युवा हैं उनको आगे बढ़ाया जाएगा। एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। 50 साल के नीचे के 50% लोगों को मौका दिया जाएगा। 50 साल के ऊपर के लोगों को भी 50% मौका दिया जाएगा। युवा और अनुभवी दोनों को लेकर साथ बढ़ेंगे।अर्थात 90 में 45 उम्मीदवार युवा चेहरे होंगे।