जैसे-जैसे लोगों का प्यार मोदी के लिए बढ़ते गया, वैसे-वैसे कांग्रेस की नफरत भी उनके लिए बढ़ते गई-बीजेपी

जैसे-जैसे लोगों का प्यार मोदी के लिए बढ़ते गया, वैसे-वैसे कांग्रेस की नफरत भी उनके लिए बढ़ते गई-बीजेपी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय की उस टिप्पणी ने जिसमें उन्होंने आज सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हिटलर' की तरह बर्ताव कर रहे हैं और वे उसी के रास्ते पर चलते रहे तो 'हिटलर की मौत' मरेंगे।के बाद भाजपा को बोलने का एक और मौका मिल गया।भारतीय जनता पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जैसे-जैसे लोगों का प्यार उनके लिए बढ़ रहा है, वैसे-वैसे उनके लिए कांग्रेस की नफरत बढ़ रही है।उचित समयों पर भाजपा के इस तरह के बोल ने लोगों की नजर में नरेन्द्र मोदी को आज भगवान का दर्जा तो दे ही दिया है,साथ ही भाजपा को इसका लगातार राजनीतिक फायदा भी मिलते गया।

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "बड़े दुख की बात है कि भारत के राजनीतिक इतिहास में भाषायी मर्यादा को निम्नतम स्तर पर ले जाने की शुरुआत आज से 15 साल पहले हुई थी जब 2007 में सोनिया गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए मौत का सौदागर जैसे नितांत भर्त्सना योग्य शब्द का प्रयोग किया था जबकि वो सत्ताधारी दल थे और सत्ताधारी दल और गठबंधन की नेता थीं। जो दल सबसे बड़ा होता है, उसका दायित्व सबसे बड़ा होता है। उसके बाद मोदी जी के प्रति घृणा और वैमनस्य में मर्यादा की जो-जो सीमाएं लांघी गई हैं, उसका वर्णन करना.... मेरे विचार से करेंगे तो पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय निकल जाएगा। जिसमें उनके लिए निकृष्ट से निकृष्टतम शब्दों का प्रयोग से लेकर, जातिबोधक शब्दों से लेकर लहूपुरुष, यमराज और जाने क्या-क्या शब्दों का प्रयोग किया गया।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "इतना ही नहीं, ये एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी के नेता ने जो कुछ बोला है, वो तो अलग है। एक समय उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से तू चाय बेच जैसा शब्द आया जिसे ट्विटर से उन्हें हटाना पड़ा। साल 2014 के चुनाव में मोदी जी के विषय में जिस नेता ने ये कहा कि मैं बोटी-बोटी काट दूंगा, वो उस समय कांग्रेस का नेता नहीं था, लेकिन अगले ही दिन राहुल गांधी उसका प्रचार कर रहे थे।जबकि वो समाजवादी पार्टी का नेता था।

इस तरह की बोटी-बोटी की बात करने वाले व्यक्ति को कोटि-कोटि नमन करते हुए कांग्रेस में शामिल कर लिया गया और कांग्रेस का उपाध्यक्ष बना दिया गया। उनके लिए नीच जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रति कांग्रेस नेताओं ने कई बार आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, क्या कभी कांग्रेस ने उनमें से किसी के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है? ऐसे 80 से भी अधिक मामले हैं।

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने सुबोध कांत सहाय के बयान से दूरी बना ली है। कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पार्टी प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ किसी अभद्र टिप्पणी का समर्थन नहीं करती है।