भूपेश बघेल में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता दिखाई देती है...। इसलिए एक साजिश के तहत उन्हें टारगेट किया जा रहा है-शंकर लाल साहू
रायपुर(छत्तीसगढ़)।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ अपने ही पार्टी के नेताओं द्वारा बयान बाजी किये जाने के बीच साहू समाज के कद्दावर नेता व कांग्रेस पार्टी में पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले शंकर लाल साहू एक बयान जारी कर बघेल के समर्थन में खुल कर आ गए हैं।शंकर लाल साहू ने कहा,भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक मात्र सर्वमान्य नेता हैं और जिस तरह से उनके विरुद्ध माहौल निर्मित किया जा रहा है, यह एक सोची समझी साजिश के तहत है।उन्होंने कहा,लोकसभा के चुनावी मैदान में भूपेश बघेल के उतरने से भाजपा डर गई है।इसलिए कि भाजपा को बघेल में प्रधानमंत्री बनने की संभावना और क्षमता दिखाई देती है।यही वजह है कि बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद वह 3 माह तो साइलेंट मोड में रही और जब बघेल केन्द्र की राजनीति की ओर अब रुख कर रहे हैं तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को फिर से ला रही है।
शंकर लाल साहू ने आज एक बयान जारी कर भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए और यह भी कहा कि कांग्रेस के जो लोग बघेल के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं वे भी भाजपा के इशारे पर कर रहे हैं।इस तरह से भाजपा छत्तीसगढ़ में निर्मित शांत माहौल का ध्रुवीकरण कर चुनावी लाभ लेना चाह रही है।उन्होंने कहा भूपेश बघेल की प्रासंगिकता का अंदाजा भाजपा को नहीं है।शंकर साहू ने कहा,छत्तीसगढ़ में बघेल ने जिस तरह से पिछड़ों की राजनीति को शीर्ष में पहुंचाने कोई कसर नहीं छोड़ी और इस वर्ग के लोगों को समाज में एक राजनीतिक सम्मान दिया।उसे छत्तीसगढ़ के रहवासी कभी नहीं भूल सकते।उन्होंने भूपेश बघेल पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा,ईडी के पास एक भी सबूत या तथ्य होता तो भूपेश बघेल आज जेल में होते।परन्तु ऐसा कोई प्रमाण नहीं होने की वजह से भाजपा उनके खिलाफ चुनावी समय में झूठे आरोप लगा कर राजनीतिक लाभ लेने में जुटी है,जिसे हमें समझना होगा।
शंकर साहू ने आगे कहा, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात को भलीभांति देख व जान चुकी है कि भूपेश बघेल किस आक्रामकता के साथ राजनीति करते हैं और वह यह भी जानती है कि बघेल सरकार के सत्ता में रहते भाजपा किस तरह से प्रदेश में शून्यता की ओर चली गई थी।एक समय तो ऐसा भी आया कि बघेल के क्रियाकलापों व उनके विजन से लड़ने छत्तीसगढ़ में भाजपा का एक नेता नहीं था।तभी मोदी शाह को बघेल से लड़ने केन्द्रीय जांच एजेंसीयों का सहारा लेना पड़ा।विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश में सरकार के विरुद्ध एंटी इनकंबेंसी निर्मित करने सीधे भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाए गए।परन्तु सत्ता में वापसी के बाद भाजपा इन आरोपों को लेकर मौन रही और आज जब फिर से आम चुनाव हो रहे हैं और भूपेश बघेल खुद राजनांदगांव से उम्मीदवार हैं तो भाजपा फिर से उसी मुद्दे में आ गई है।उन्होंने कहा,भाजपा बघेल से इसलिए डरती है क्योंकि भाजपा को उनमें प्रधानमंत्री बनने की क्षमता दिखाई देती है।