विकास उपाध्याय को सरकार की उपलब्धियों और मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली को लेकर मुखर रहने की वजह से मिला बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण जिला का प्रभार: 26 जनवरी 2022

विकास उपाध्याय को सरकार की उपलब्धियों और मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली को लेकर मुखर रहने की वजह से मिला बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण जिला का प्रभार: 26 जनवरी 2022

बिलासपुर(छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में आज इस बात की खूब चर्चा होते रही कि आखिर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को इस बार प्रदेश के सबसे दूसरे बड़े जिला में 26 जनवरी को झंडा फहराने का मौका क्यों मिला।इस जिम्मेदारी को राजनीतिक समझ रखने वाले जहाँ अनुमान लगा रहे हैं कि इससे विकास उपाध्याय का राजनीतिक कद बड़ा है वहीं इस बात की भी चर्चा होते रही कि विधायक के तौर पर विकास उपाध्याय जितना सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच रखते हैं और प्रचारित करते हैं,उतना कोई मंत्री भी नही। वहीं सार्वजनिक तौर पर विकास उपाध्याय मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत तौर पर हर मौके पर प्रशंसा करने से भी नहीं चूकते। जबकि छत्तीसगढ़ में अधिकांश कांग्रेस के नेता तटस्थ रहना ही बेहतर समझते हैं।

देश आज 73 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। छत्तीसगढ़ में भी आज कोरोना काल के बीच गणतंत्र दिवस की धूम रही। कांग्रेस सरकार में सभी मंत्री व संसदीय सचिवों को विभिन्न जिलों में झंडा फहराए जाने की जिम्मेदारी दी गई थी।परंतु इसमें जो आज विशेष बात को लेकर  खूब चर्चा होते रही उसका राजनीतिक महत्व भी है की आखिर लगातार बेमेतरा जिला में झंडा वंदन करते आ रहे विकास उपाध्याय को जब इस बार अन्य प्रतिनिधियों की तरह उनका जिला बदला गया तो बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण व प्रदेश में दूसरे सबसे बड़े जिला की जिम्मेदारी दे दी गई। निश्चित तौर पर इसका अपना राजनीतिक महत्व है।

विकास उपाध्याय कांग्रेस के एकमात्र ऐसे विधायक हैं जो आये दिन टीवी चैनलों पर सरकार की उपलब्धियों को गिनाते देखे जा सकते हैं।चाहे मुद्दा कुछ भी क्यों न हो पर विपक्ष के सवालों का जवाब विकास उपाध्याय बखूबी देते नजर आते हैं।विकास उपाध्याय एक ऐसे जागरूक जनप्रतिनिधि हैं जो सबसे ज्यादा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात रखते हैं। विकास उपाध्याय की हिंदूवादी छबि जनता को कांग्रेस पार्टी की ओर आकर्षित करती है तो इनकी सक्रियता लोगों के सर चढ़ कर बोलती है।सरकार में मंत्री न रहते हुए भी विकास उपाध्याय का राजनीतिक आभामंडल उससे कमतर कभी दिखाई नहीं देता। उनके सरकारी बंगले में रोज लोगों का तांता लगा रहता है। विकास उपाध्याय एक-एक व्यक्ति से मेल मुलाकात कर व्यक्तिगत तौर पर उनकी जरूरतों को पूछते हैं और समाधान भी करते हैं।

विकास उपाध्याय अपने विधानसभा या छत्तीसगढ़ तक ही राजनीतिक रूप से सीमित नहीं हैं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका एक विशेष महत्व साफ दिखाई देता है। वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ असम प्रदेश के सहप्रभारी भी हैं और राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह के अधीन कार्य करते हैं जो गांधी परिवार के निकटस्थ में से एक हैं। विकास उपाध्याय का इतना महत्व है कि उनको हाल ही में पंजाब के जालंधर जैसे महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र का विधानसभा चुनाव में ऑब्जर्वर बनाया गया है।विकास उपाध्याय अब तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के हर प्रकोष्ठ में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं और वे इस मायने में अभी तक के छत्तीसगढ़ से एकलौते युवा नेता हैं।