मोदी सरकार के अग्निपथ योजना का हश्र भी ठीक वही होगा जैसे किसानों के लिए तीन काले कृषि कानून लाये गए थे-कोको पाढ़ी

मोदी सरकार के अग्निपथ योजना का हश्र भी ठीक वही  होगा जैसे किसानों के लिए तीन काले कृषि कानून लाये गए थे-कोको पाढ़ी

नई दिल्ली।युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी ने आज दिल्ली से जारी बयान में कहा,मोदी सरकार ये न भूले की अग्निपथ योजना की तरह ही देश के किसानों पर भी इसी तरह के तीन काले कृष कानून थोप दिए गए थे और उसका नतीजा क्या हुआ पूरा देश जनता है,नतीजन देर सबेरे इसे वापस लेना पड़ा और उस वजह से सैकड़ों किसानों की जानें गईं। ठीक उसी तरह अग्निपथ योजना के विरोध में पूरे देश के नवजवान आज सड़क पर हैं और मोदी सरकार को देर सबेरे इस योजना को भी वापस लेना पड़ेगा परंतु तब तक न जाने कितनों की जानें जाएंगी और कितनी सरकारी संपदा का नुकसान होगा।उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि मोदी सरकार ऐसी योजना या कानून क्यों थोपना चाहती है जिसका विरोध वही लोग करने विवश हो जाते हैं,जिनके लिए यह लाई जाती है।भाजपा की केन्द्र सरकार उनके अनुरूप क्यों कुछ नहीं करती।

कोको पाढ़ी ने कहा,मोदी सरकार के इस योजना का सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाला है। उन्होंने कहा,जवानों को चार साल के लिए भर्ती की जाएगी और यह भर्ती ऐसे ही सीधे तौर पर थोड़े न हो जाएगी कि चयन हुआ और उसे बंदूक पकड़ा कर सरहद पर खड़ा कर दिए। इसके लिए कम से कम छह महीने की ट्रेनिंग भी तो होगी। बाकी बचे साढ़े तीन साल इसमें मिलने वाली छुट्टियों को अलग कर दें तो क़रीब दो से ढाई साल बचेंगे।जिसमें वह जवान ड्यूटी पर रहेगा।ऐसे में 21 साल की उम्र का लड़का क्या सैनिक बनेगा? इस उम्र के युवाओं को जहाँ रोजगार मिलना चाहिए सरकार दे नहीं रही है। बल्कि इनको धोखा दिया जा रहा जहां 4 साल बाद इनके भविष्य पर कई सवाल खड़े होते हैं। देश की भौगोलिक स्थिति को देखें तो पश्चिम और पूर्वोत्तर में हमारे देश की बॉर्डर है।जहां बीते सालों में  सुरक्षा को लेकर खतरा मंडरा रहा है। देश के भीतर भी अब पहले जैसे हालात नहीं रहे। आये दिन कहीं न कहीं हिंसक वारदातें हो रही हैं।ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए हमें प्रशिक्षित,अनुभवी, योग्य और लड़ाकू सैनिक चाहिए। जो अग्निपथ योजना से पैदा नहीं होंगे।

कोको पाढ़ी ने कहा,प्रधानमंत्री मोदी खुद इस बात को लेकर अब भी कहते नहीं थकते की भारतीय सेना ने एलओसी पार करके सर्जिकल स्ट्राइक की है।तो क्या उस तरह के अभियान में ये अर्ध प्रशिक्षित बच्चे काम कर पाएंगे? और उसका क्या होगा जो हमारे पास उच्च तकनीकी से लैस उपकरण हैं, ये कम उम्र के बच्चे क्या इस तकनीकी का संचालन विपरीत परिस्थितियों में कर पाएंगे।यह तो सीधा-सीधा देश की सुरक्षा को खतरे में डालना जैसा कदम होगा। वो ऐसे उपकरणों को सीखना भी चाहें तो कैसे सीख पाएंगे।कोको पाढ़ी ने बताया बेसिक सैन्य प्रशिक्षण की अवधि ही नौ महीने का होता है। अब इसे छह महीने कर रहे हैं, उसके बाद तुरंत ये लड़के यूनिट में भेज दिए जाएंगे। अब वो यूनिट किन स्थितियों में तैनात होगी और ये वहां कितना काम कर पाएंगे।सवाल बहुत सारे हैं,पर मोदी सरकार और भाजपा का मकसद सिर्फ और सिर्फ देश में हिंसा फैलाना है,ताकि अपनी नाकामियों को छुपाया जा सके और एक समय के बाद माफी मांग कर उसे वापस लेकर पुनः सामान्य की स्थिति का एहसास कराया जाए।इस बात को समझना होगा।