मशहूर एक्टर-डायरेक्टर क्षमानिधि मिश्रा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन,छत्तीसगढ़ फिल्म जगत के सभी कलाकार मौजूद रहे

मशहूर एक्टर-डायरेक्टर क्षमानिधि मिश्रा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन,छत्तीसगढ़ फिल्म जगत के सभी कलाकार मौजूद रहे

रायपुर (छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने प्रोड्यूसर, निर्देशक एवं अभिनेता क्षमानिधि मिश्रा का शनिवार को सुबह 8 बजे निधन हो गया। मिश्रा विगत सालों से किडनी की परेशानी से जूझ रहे थे। कई बार तो ऐसा भी समय आया कि वे मौत के मुंह से निकल कर आये।आज सुबह वे सामान्य दिन की तरह नहा कर निकले और अचानक से उनकी मौत हो गई। मौका भी नहीं मिला कि उनको अस्पताल तक ले जाते। मूल रूप से क्षमानिधि मिश्रा उड़िया समाज से आते थे परंतु वे इतने बहुयामी प्रतिभा के धनी थे कि कई भाषाओं के फिल्मों में अपनी भूमिका प्रतिस्थापित की और चर्चा में बने रहे। मिश्रा उड़िया समाज के दर्पण की तरह थे। उन्होंने अपने साथ ही समाज को भी वह पहचान दिलाई जिसे आने वाली पीढ़ी भी युगों तक याद रखेगी।

क्षमानिधि मिश्रा के साथ काम किये छालीवुड के कलाकारों के अनुसार क्षमानिधि मिश्रा सन् 2000 में जब फ़िल्म ‘मोर छंइहा भुइंया’ का निर्माण हुआ तब से लगातार वे छत्तीसगढ़ी सिनेमा में सक्रिय थे। जहां फ़िल्म ‘छंइहा भुंइया’ में उन्होंने छोटा लेकिन महत्वपूर्ण रोल किया था।यहाँ तक कि उनकी तबियत खराब थी तब भी वे स्टूडियो आते रहे और काम करने की कोशिश में लगे रहे। उनमें जीने की चाहत थी और 59 वर्ष भला कोई उम्र है जो वे इस दुनिया को अलविदा कह गए।क्षमानिधि मिश्रा बहुआयामी कला के धनी थे। वे फिल्मों का निर्देशन करने के साथ-साथ प्रोडक्शन और गायक के तौर बड़ी भूमिका निभाते थे। इसके अलावा कई बड़े मंच में अपनी प्रतिभा दिखा चुके है।

क्षमानिधि मिश्रा अपने संघर्ष के बहुत कम समय में अभिनेता आमिर खान स्टारर फ़िल्म ‘गजनी’ के एक दृश्य में भी नज़र आए थे,तो अन्य कई भाषाओं में भी फिल्म निर्माण किया। उन्होंने रायपुर दूरदर्शन के लिए कितनी ही टेली फ़िल्में की। अभिनय के अलावा वे गाने वे मंच पर कई बार गाते भी नज़र आए। उन्होंने ‘भांवर’, ‘मोर दुलरवा’, ‘लेड़गा नंबर वन’ एवं ‘आटो वाले भाटो’ जैसी छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों का निर्देशन किया था। क्षमानिधि शंकर नगर रायपुर में निवास करते थे।उनके निधन से छालीवुड जगत में शोक की लहर है।आज उनके अंतिम यात्रा में छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत के सारे कलाकार काफी संख्या में मौजूद थे।

क्षमानिधि मिश्रा का वो सफर जिसे याद रखा जाएगा-

बालीवुड फिल्म - गजनी, वेलकम, हल्ला बोल, ये मेरा इंडिया

छत्तीसगढ़ फिल्म- बंशी (1992), मोर छंइहा भुईया, मयारू भौजी, लेड़गा नंबर 1, हीरा नंबर 1, मया देदे मयारू, महूं दिवाना तहूं दिवानी, आटो वाले भांटो, मोर दुलरवा, बाप बड़े ना भईया भांवर।

भोजपुरी फिल्म- बिटिया, निरहुआ हिंदुस्तानी 3, जोरू के गुलाम।

उड़ीया फिल्म- मो सुना पुओ, मां खोजे ममता, समियार खेल।

तेलगू फिल्म, तमिल- प्रेम स्तूनामी, अम्मा।

धारावाहिक राष्ट्रीय स्तर पर- क्योंकि सास भी कभी बहू थी, पवित्र रिश्ता, कसौटी जिंदगी की, बनूं मैं तेरी दुल्हन।

गायक- आडियो कैसेट - रसगुल्ला, गुलेल गोली, मोहनी, तोर सुरता मा, परदेशी बाबू, फूल बतिया, मार झमाझम, संचार।

पार्श्व गायक मयारू भौजी, लेड़गा नंबर 1, भांवर, आटो वाले भांटो, मोर दुलरवा, मेहरारू, हमार दुलरवा, लल्लू राम, मां खोजे ममता, समियार खेल

गायक-अभिनेता- वीडियो एलबम लगभग 100 गीत, ओडिया भजन-40, ओडिया आधुनिक-20।

फिल्म निर्देशक- छत्तीसगढ़ी, अडिया, संबलपुरी- लेड़गा नंबर 1, भांवर, आटो वाले भांटो, मोर दुलरवा, मां खोजे ममता, संबलपुरी-समियार खेल, लगभग 150 वृत्त चित्र, 70 विज्ञापन फिल्म, 15 डाक्यूड्रामा।

दूरदर्शन पर निर्देशित कार्यक्रम- मकान हाजिर है जनाब, अंकुर, आँचल, चित्रहार, चंदन।

सर्वाधिक पसंदीदा गीत- हमरो होही बिहाव रे मंगलू, ए दद्दा रे, टार दद्दा।

संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने क्षमानिधि मिश्रा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है, छत्तीसगढ़ ने बहुआयामी प्रतिभा के धनी एक कलाकार को खो दिया है। जिसकी कमी पूरी कर पाना मुश्किल है।