विधायक विकास उपाध्याय ने भूपेश सरकार की आलोचना करने पर डॉ. रमन सिंह को प्रवासी मजदूरों के बीच टाटीबंध चौक में कल आने की चुनौती दी।

रायपुर, कांग्रेस के युवा विधायक विकास उपाध्याय ने मजदूरों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा भूपेश सरकार की आलोचना किये जाने पर कहा कि वे डॉ.रमन सिंह से उम्र में काफी छोटे जरूर हैं, पर राजनीति के गहराई की समझ भली भाँती रखते हैं। कोरोना काल में भूपेश सरकार की आलोचना कर डॉ.रमन सिंह ने साबित कर दिया है कि 15 साल तक वे मुख्यमंत्री जरूर रहे पर सरकार वो नही कोई और चला रहा था। वरना बन्द कमरे में पढा जाने वाला उनका ये भाषण सार्वजनिक नही करते।

विधायक विकास उपाध्याय ने भूपेश सरकार की आलोचना करने पर डॉ. रमन सिंह को प्रवासी मजदूरों के बीच टाटीबंध चौक में कल आने की चुनौती दी।

रायपुर, कांग्रेस के युवा विधायक विकास उपाध्याय ने मजदूरों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा भूपेश सरकार की आलोचना किये जाने पर कहा कि वे डॉ.रमन सिंह से उम्र में काफी छोटे जरूर हैं, पर राजनीति के गहराई की समझ भली भाँती रखते हैं। कोरोना काल में भूपेश सरकार की आलोचना कर डॉ.रमन सिंह ने साबित कर दिया है कि 15 साल तक वे मुख्यमंत्री जरूर रहे पर सरकार वो नही कोई और चला रहा था। वरना बन्द कमरे में पढा जाने वाला उनका ये भाषण सार्वजनिक नही करते।

विधायक विकास उपाध्याय ने कहा जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, तो अंदाजा भी नहीं था कि मजदूरों के छाले जिंदगी की इतनी स्याह तस्वीर दिखाएंगे और ये नौबत प्रधानमंत्री मोदी की अदूरदर्शिता के कारण निर्मित हुई। 24 मार्च को ये कहे रहते कि सभी मजदूर नियत तिथि तक अपने प्रदेश लौट जाएं इसके बाद पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए लॉकडाउन रहेगा तो आज जो स्थिति बनी है, शायद उससे बेहतर होता। इस बात को डॉ.रमन सिंह नही बोल पा रहे हैं। विकास उपाध्याय ने कहा देश में छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार एक मात्र सरकार है जो लॉकडाउन में भी प्रवासी सबसे ज्यादा मजदूरों को छत्तीसगढ़ में रोजगार दी। रमन सिंह जी अपने वातानुकूलित कमरे में बैठ कर ये कह देने से की मनरेगा में कोई काम नही चल रहा है। झूठ बात सच नही हो जाएगा। चलिए कोरोना में घर से निकलने डर लग रहा है तो कम से कम सरकारी बेवसाइट पर उपलब्ध आँकड़ों को ही देख लेते जो आपकी मोदी सरकार के हैं। इसके मुताबिक़ मई के महीने में मनरेगा के तहत काम देने की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन पूरे देश में सबसे अच्छा रहा है। उसके बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडीशा और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है। उन्होंने कहा "सरकार मनरेगा मज़दूरों के साथ-साथ प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं का हल भी मनरेगा में काम दे कर करने जा रही है। जो प्रवासी मज़दूर अभी घर लौटे हैं, उनके भी मनरेगा कार्ड बनवा कर उन्हें भी काम दिया जाएगा। ऐसी सकारात्मक बातें करिये डॉ साहब वरना छत्तीसगढ़ की जनता आपको भी ज्यादा दिन याद नही रखेगी। इसलिए कि लोगों को अब कभी नही भुलाया जाने वाला नाम भूपेश बघेल के रूप में मिल गया है। विकास उपाध्याय ने कहा मनरेगा के तहत मजदूरों को मिलने वाले मजदूरी दर को केंद्र सरकार ने 182 रुपए से बढ़ा कर 202 रुपए कर दिया। जो बहुत बड़ी बात नही है।मजदूरी बढ़ाने का एलान तो केंद्र सरकार को बढ़ती मंहगाई के मद्देनज़र करना ही था। सरकार को दरअसल 100 दिन के काम को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसे 200 दिन किया जाए। डॉ.रमन सिंह जी रही बात प्रवासी मजदूरों की क्या आप ऐसे एक भी मजदूर से मिले। जिसकी पीड़ा की बात कर रहे हैं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उन एक एक जनप्रतिनिधियों से पूछिए। मेरे से पूछिए बताऊंगा उनकी हालत जिनके साथ लगातार समय काट रहा हूँ। भूपेश बघेल जी के आदेश पर उन सभी को जो नंगे पांव छत्तीसगढ़ की धरती पर अपना कदम रख रहे हैं। चप्पल से लेकर खाना, नास्ता, फल खिला कर शुद्ध पानी पिलाते  हुए दिन रात 24 सों घंटे उनके घर पहुंचा रहे हैं। भूपेश बघेल को आपके पियूष गोयल की ट्रेन नही चाहिए। देखना है तो कभी भी टाटीबंध चौक में आ कर देख लीजिए जहाँ विभिन्न प्रान्तों से ये मजदूर रोज आ रहे हैं और बात भी कर लीजिए कि वे भूपेश सरकार से कितना खुश और भावनात्मक रूप से जुड़ गए हैं, बल्कि उन अप्रवासी मजदूरों को भी देख लीजिए जिनके साथ भूपेश सरकार का क्या बरताव व सहयोग मिल रहा है। विकास उपाध्याय ने कहा डॉ.साहब अब भूल जाइये ये बन्द कमरे की राजनीति अब तो राज वही करेगा जो इन आम लोगों के साथ जियेगा और ईश्वर से डरिये और बन्द करिये भूपेश बघेल जैसे जननेता की आलोचना करना। वरना लोग आपको देख तो पाते नही सुनना भी बंद कर देंगे।