कुमार विश्वास को केंद्र सरकार ने दी 'Y' श्रेणी की सुरक्षा।दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर लगाये आरोप के बाद आज हुआ निर्णय

कुमार विश्वास को केंद्र सरकार ने दी 'Y' श्रेणी की सुरक्षा।दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर लगाये आरोप के बाद आज हुआ निर्णय

नई दिल्ली।केंद्र सरकार ने रविवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास को "Y" श्रेणी की सुरक्षा देने का फ़ैसला किया है।आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कुमार विश्वास के आरोप लगाने के बाद केंद्र सरकार ने कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा की और खु़फ़िया इनपुट के आधार पर उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय किया।

सूत्रों के मुताबिक एक अख़बार लिखता है कि समीक्षा के बाद ये निर्णय लिया गया कि कुमार विश्वास को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स (सीआरपीएफ़) की होगी।

वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत कुमार विश्वास के लिए चार जवान 24 घंटे तैनात रहेंगे।देश में सुरक्षा उन खास लोगों को दी जाती है जिनकी जान को जोखिम होता है। खतरे का स्‍तर जिस तरह का होता है, उसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जाती है। खतरे को देखते हुए सुरक्षा श्रेणी को मुख्‍य रूप से 6 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें एसपीजी, जेड+ (उच्चतम लेवल), जेड, वाई+, वाई और एक्स कैटेगरी शामिल हैं। यह सिक्‍योरिटी कवर राष्ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुखों, राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, अभिनेता और अन्य वीआईपी को मिलती है।

कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर पंजाब विधानसभा चुनाव में ख़ालिस्तान समर्थकों का साथ देने का आरोप लगाया था। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया था। बता दें कि कुमार विश्वास का उस समय केजरीवाल से मोह भंग हो गया था जब दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आम आदमी पार्टी ने संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता को चुना। हालांकि उस समय इन तीन नामों की घोषणा से पहले तक कई नामों को लेकर कयास चलते रहे। इनमें पार्टी नेता आशुतोष से लेकर राघव चड्ढा और आशीष खेतान तक के नाम शामिल थे। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास ने तो सार्वजनिक तौर पर राज्यसभा की सीट के लिए दावेदारी पेश थी।परंतु तब उनका पत्ता कट गया था और तभी से विश्वास और केजरीवाल के संबंध सहज नहीं रहे।