विकास उपाध्याय के जनसंपर्क में विजय जूलूस जैसा नजारा ...
रायपुर (छत्तीसगढ़)। राजधानी रायपुर पश्चिम विधानसभा वह क्षेत्र है जहाँ बहुत कम उम्र के कांग्रेस के युवा नेता विकास उपाध्याय साल 2018 के विधानसभा चुनाव में लगातार इस क्षेत्र से 15 वर्षों तक बीजेपी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे राजेश मूणत को पटकनी देकर विधानसभा में पहुँचे, तब जनमानस की यह अवधारणा थी कि वे कांग्रेस सरकार के केबिनेट में सम्मिलित अवश्य होंगे, परन्तु ऐसा न हो सका। बावजूद वे अपने चेहरे के दम पर अपने विधानसभा में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं में सबसे पसंद किये जाने वाले विधायकों में शुमार रहे और अब फिर से वह समय आ गया कि वे उसी व्यक्ति के साथ दो हाथ करने चुनावी समर पर हैं। आज उनके जनसंपर्क का एक नजारा जैसा देखने को मिला, हूबहू वही हम यहाँ बताने जा रहे हैं,जो ग्राउंड पर नजर आया।इससे तो इतना तय है कि इस बार उनकी विजय पिछले चुनाव से भी ज्यादा अंतर से होने वाली है।
कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर विकास उपाध्याय रोज सुबह 8 बजे से तय कार्यक्रम के तहत् अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क करने निकल जाते हैं और एक बार जब वे घर से निकलते हैं तो रात का तय नहीं कि वे घर कितने बजे लौटते हैं, ऐसा ही आज का दिन था, जब वे पश्चिम विधानसभा के कई क्षेत्रों में जनसंपर्क कर आमानाका क्षेत्र के कुकुरबेड़ा कहे जाने वाले ईलाके में शाम 4 बजे पहुँचने वाले थे उससे 2 घंटा विलंब से 6 बजे जब पहुँचे तो उनके स्वागत के लिए आतुर भीड़ बेसब्री से इंतजार कर रही के चेहरों में ऐसी रौनक आ जाती है मानो उनका सेवक उनके बीच आ गया। इतने में विकास उपाध्याय अपने गाड़ी से उतरकर जैसे ही आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, फटाखों की लड़ी तेज आवाज में सुनाई देती है और ढोल-नंगाड़े बजाते हुए लोग उनको फूल की मालाओं से लाद देते हैं।
वहीं पर हनुमान जी के मंदिर में दर्शन कर जब वे सीढ़ी उतरते हैं तो दो अबोध बच्चे राम की वेशभूषा में उनका इंतजार करते रहते हैं, यह देख विकास उपाध्याय दोनों बच्चों को अपने कांधों में लादकर चलने लगते हैं, जब वे बस्ती की ओर बढ़ते हैं तो जनसंपर्क नहीं बल्कि उनका पूरा काफिला विजय जूलूस सा नजर आता है। हजारों की संख्या में महिलायें हाथों में झण्डा लिये विकास उपाध्याय जिन्दाबाद के नारे लगाते आगे बढ़ते जाते हैं, जैसे-जैसे उनका यह काफिला आगे बढ़ता है लोग अपने घरों से निकलकर स्वतः ही इस रैली का हिस्सा बन जाते हैं। कहने को तो लोगों के बीच जनसंपर्क करने का कार्यक्रम है, परन्तु विकास उपाध्याय से प्रभावित व उत्साहित जनता खुद ही अपने घर से निकलकर उनका स्वागत करने लगती है।
विकास उपाध्याय के बारे में कहा जाता है कि उनका व्यवहार ही उनकी सबसे बड़ी पूँजी व राजनैतिक ताकत है, जिसे उन्होंने आम लोगों के बीच खूब बांटा और उनका यही व्यवहार ही ऐसा मिसाल बन गया कि सारे मुद्दे इसके समक्ष गौड़ हैं। विकास उपाध्याय का चेहरा ही चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है। लोगों के बीच उन्होंने ऐसा जुनून पैदा कर दिया कि कोई भी व्यक्ति उनसे मिलने मात्र से ही उनका हो जाता है। कमोवेश पूरे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में यही नजारे देखने को मिल रहे हैं कि वे जहाँ भी जनसंपर्क के लिए पहुँच रहे हैं कोई यह नहीं कह सकता कि पाँच साल तक कहाँ थे? इसी सक्रियता व उनकी सहज उपलब्धता ने उन्हें पूरे क्षेत्र में हीरो बना दिया और मतदान के पूर्व ही पूरे क्षेत्र में ऐसा लग रहा है मानो उनकी जीत की विजय जूलूस अभी से ही निकाली जा रही है। कल उनके जनसंपर्क को लेकर और कोई नई बात पाठकों को लेकर आयेंगे।