कौन हैं भाजपा के आशु चंद्रवंशी? जिनकी वजह से रायपुर पश्चिम में टिकट का पेंच फंसता नजर आ रहा है!

कौन हैं भाजपा के आशु चंद्रवंशी? जिनकी वजह से रायपुर पश्चिम में टिकट का पेंच फंसता नजर आ रहा है!

रायपुर(छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है।वैसे-वैसे उम्मीदवारों के नाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है।खास कर राजधानी रायपुर के पश्चिम विधानसभा को लेकर सबसे ज्यादा।इसलिए कि प्रदेश में भाजपा जब तक सत्ता में काबिज रही इस क्षेत्र से लगातार विधायक व केबिनेट मंत्री रहे राजेश मूणत की उम्मीदवारी को लेकर कभी किन्तु परंतु जैसी बात नहीं रही और उन्हें ही बगैर चुनौती के भाजपा से टिकट मिलते रहा।परंतु पिछले चुनाव में मूणत की करारी हार ने वर्षों से बाट जोह रहे कई नए उम्मीदवारों के उम्मीदों ने पंख लगा दिया है और इस सूची के फाइनल राउंड में मूणत के इतर जो एक नाम चर्चा में है,वह नाम आशु चंद्रवंशी का है।बताया जाता है कि यह नाम संघ की भी पहली पसंद है।इसके पीछे की वजह भी साफ है।अब पूर्व मंत्री मूणत को लेकर आम जनमानस में स्वीकार्यता समाप्त हो चुकी है।

अब जानते हैं भाजपा का यह युवा चेहरा आशु चंद्रवंशी कौन हैं। वर्तमान में सभी राजनीतिक दल जिस तरह से पिछड़े जाती वर्ग को अपने पाले में करने हर तरह के हतकंडे अपनाने में लगे हैं,आशु भी उसी पिछड़े वर्ग कुर्मी समाज से आते हैं।पश्चिम विधानसभा में लगभग 62 प्रतिशत लोग पिछड़े वर्ग से हैं।भाजपा के युवा चर्चित चेहरों में सुमार आशु चंद्रवंशी उच्च शिक्षित इंजीनियर हैं और कभी किसी कंपनी में नौकरी किया करते थे।परंतु दो दशक पूर्व आशु चंद्रवंशी  राजनीति में जब आने की ठानी तो उन्होंने भाजपा को चुना।

इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट था कि उनका पूरा परिवार आजादी के वक्त से ही संघ से जुड़ा हुआ है।7 दशक से भी ज्यादा समय से उनका पुराना घर आज भी पश्चिम विधानसभा के हांडी पारा में मौजूद है।शुरू से हाई   क्वालिफाइड चंद्रवंशी परिवार में इंजीनियर, डॉक्टर, वकील से लेकर हर पेशे से जुड़े होने की वजह से समाज में आशु का दायरा भी विशाल है।हालांकि आशु ने इसकी शुरुआत निचले स्तर पर काम कर शुरू की अक्सर देखा जाता है की व्यक्ति राजनीति में आगे बढ़ने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं को प्रभावित करने कई आडंबर के साथ अपनी राजनीतिक शुरुआत करता है,परंतु आशु के काम करने का तरीका अलग था।आशु को आरंभिक दिनों से जानने वाले बताते हैं,आज जो उन्होंने मुकाम हासिल की है वह एक बड़े संघर्ष और मेहनत का परिणाम है।

शुरुवाती समय में वे पार्टी का पर्ची ले कर छोटे-छोटे ठेला और गुमटियों में जा कर लोगों को सदस्य बनाने दिन रात मेहनत किया करते थे,फिर धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ते गया और गली मोहल्लों में अपनी पैठ जमाना शुरू किया।उनके काम करने का तरीका ठीक संघ के तर्ज पर हुआ करता था।स्वभाव से अत्यंत व्यवहारिक, हँसमुख और मददगार के साथ-साथ प्रखर वक्ता के तौर पर आशु का नाम पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंचने लगा और देखते ही देखते लोग उन्हें जानने लगे।पार्टी ने उन्हें मंडल अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर फिर जिला उपाध्यक्ष नियुक्त कर काबिल कार्यकर्ता के तौर पर मुहर लगा दी।इस बीच कहा जाता है मूणत को 2013 के विधानसभा में महज कुछ हजार वोट से जो जीत मिली थी उसका पूरा श्रेय आशू चंद्रवंशी को जाता है।इतना ही नहीं डीडी नगर वार्ड से भाजपा पार्षदों की जीत यदि सुनिश्चित होती है तो उसके पीछे आशु की भूमिका ही अहम होती है।

आशु अपने साथी कार्यकर्ताओं को जो महत्व और समय देते हैं आज के समय कोई और नेता नहीं देता।हर कार्यकर्ता के जन्मदिन पर उनके घर में जा कर बधाई देने की परंपरा ने भी उन्हें नायक बना दिया है।कुर्मी और साहू समाज में गहरी पैठ रखने वाले आशु चंद्रवंशी को पार्टी उम्मीदवार बनाती है तो चौकाने वाले परिणाम आ सकते हैं। हालांकि पूर्व मंत्री मूणत की उम्मीदवारी अब भी मजबूत बनी हुई है।उनकी आम जनमानस में स्वीकार्यता नहीं के बराबर होने के बावजूद पार्टी मूणत को लेकर आत्महत्या करने में क्यों तुली है समझ से परे है।