क्या गांधी परिवार के बिना कांग्रेस का अस्तित्व बच पाना संभव है?

क्या गांधी परिवार के बिना कांग्रेस का अस्तित्व बच पाना संभव है?

दिल्ली। कांग्रेस पार्टी को अभी हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, और गोवा के विधानसभा चुनावों में करारी हार का मुंह देखना पड़ा है। इनमें से तीन राज्य तो ऐसे हैं पंजाब, गोवा और उत्तराखंड जहां कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी।वहीं उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के अभियान और उनकी सक्रियता ने पार्टी कार्यकर्ताओं को उम्मीद न होते हुए भी यह सोचने मजबूर कर दिया था कि इस बार यूपी में कांग्रेस कुछ बेहतर करेगी।पर इसके ठीक उलट पिछली बार से भी ज्यादा इस बार निराशा हाथ लगी। इन सब के बीच सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शुरू। इसके पूर्व कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी के इस्तीफ़े के कयास लगाए जा रहे थे।हालांकि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इन अटकलों को ख़ारिज़ किया है और कहा है कि ये ख़बर पूरी तरह से अनुचित, शरारतपूर्ण और ग़लत है। ऐसे में सवाल उठता है मौजूदा हालात से कांग्रेस पार्टी क्या गांधी परिवार के बगैर अस्तित्व बचा पाएगी? आज की बैठक में बहुत कुछ तय होगा कि आगे कांग्रेस की क्या तस्वीर होगी। इसके पूर्व कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव,कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने राहुल गांधी के ही नेतृत्व में कांग्रेस का भविष्य सुरक्षित रहने की पैरवी की है।