मोहन मरकाम के युवा चेहरों का प्रयोग और मिल रही सफलता की चर्चा पूरे प्रदेश में जोरों पर...

मोहन मरकाम के युवा चेहरों का प्रयोग और मिल रही सफलता की चर्चा पूरे प्रदेश में जोरों पर...

रायपुर(छत्तीसगढ़)।प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा कभी- कभी उत्पन्न हुए विभिन्न चुनावी संकट में युवा चेहरों के प्रयोग की सफलता के लिए भी अब याद किया जाएगा। जब उन्होंने महासमुंद,जगदलपुर और अब घरघोड़ा जैसे नगर पंचायतों में उत्पन्न हुए अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में कांग्रेस का परचम लहराया  और इन सभी चुनौती पूर्ण जगहों में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी उन्होंने कांग्रेस के युवा चेहरों को सौंपी।खास कर एक युवा चेहरा जो हमेशा इन जगहों में शामिल रहा सुबोध हरितवाल की चर्चा तो अब संकटमोचक के रूप में होने लगी है,तो डॉ.चौलेश्वर चंद्राकर का नाम भी अब इस फेहरिस्त में जुड़ गया है।युवा चेहरों के प्रतिभा को मिल रहा जनता का साथ, क्या आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा।इस बात की चर्चा आम हो गया है।

देश में कांग्रेस के कमजोर हालात के लिए बहुत से लोग यह भी मानते हैं कि पार्टी बदलते भारत के साथ खुद को नहीं बदल पाई और न ही इस बदलाव में खुद को ढाल पाई।पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इस बदलाव के साफ संकेत मिल रहे हैं।पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने अपने कार्यकाल में उस परंपरा की शुरुआत की है,जिस आधार पर बीजेपी देश के अन्य राज्यों में जीत हासिल कर रही है।उन्होंने नए चेहरों को सामने ला कर एक प्रयोग के साथ सफलता हासिल करने का फॉर्मूला तय किया है और माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस इसी दिशा में आगे बढ़ेगी।बहरहाल मोहन मरकाम के उन निर्णयों की खुब चर्चा हो रही है,जब उन्होंने विभिन्न नगर पंचायतों में अविश्वास प्रस्ताव के वक्त कांग्रेस का झंडा बुलंद करने पर्यवेक्षक के तौर पर सीनियर नेताओं के बयाज युवा नेताओं को भेजना उचित समझा और यह सफल प्रयोग भी रहा।

कांग्रेस अध्यक्ष रहते मोहन मरकाम के कार्यकाल में ऐसे एक नहीं बल्कि कई जगहों में  वह स्थिति निर्मित हुई जब अविश्वास प्रस्ताव के नाजुक समय में कांग्रेस को विजय हासिल करनी एक चुनौती थी।महासमुंद, जगदलपुर के बाद हाल ही में घरघोड़ा नगर पंचायत में भी जब कांग्रेस की जीत हुई तो स्वाभाविक रूप से चर्चा होना लाजिमी था और यहां भी पर्यवेक्षक के तौर पर एक चेहरा जो कॉमन रहा वह सुबोध हरितवाल का,इस तरह सुबोध के लिए भी पर्यवेक्षक के तौर पर उनकी यह तीसरी जीत थी।मरकाम की सूची में पर्यवेक्षक के रूप में इस बार एक और नया चेहरा जुड़ गया और वह डॉक्टर चौलेश्वर चंद्राकर का था और यह प्रयोग भी सफल रहा।

बता दें कि हाल ही में घरघोड़ा नगर पंचायत, रायगढ़ में आए अविश्वास प्रस्ताव में 15 में से 11 वोट के साथ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ। भाजपा के पक्ष में मात्र 3 वोट ही मिले,तो एक भाजपा पार्षद नदारद रही और एक भाजपा पार्षद ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर साफ संदेश दे दिया कि कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की यह कुशल रणनीति का हिस्सा था।कांग्रेस पर्यवेक्षक द्वय सुबोध हरितवाल जहां राष्ट्रीय प्रवक्ता,भारतीय युवा कांग्रेस में अपना योगदान दे रहे हैं तो डॉ चौलेश्वर चंद्राकर ओबीसी कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष हैं और प्रदेश में पिछड़े वर्ग के युवाओं में बड़ा चेहरा बन चुके हैं।डॉ चंद्राकर इस समय पूरे प्रदेश में पिछड़ों की राजनीति में सबसे आगे हैं और जगह-जगह बैठकें ले कर कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे हैं।