पहली विधायकी में ही लाखों जनता के दिलों में राज करता बिलासपुर के युवा विधायक शैलेश पाण्डे की कार्यप्रणाली...

पहली विधायकी में ही लाखों जनता के दिलों में राज करता बिलासपुर के युवा विधायक शैलेश पाण्डे की कार्यप्रणाली...

बिलासपुर(छत्तीसगढ़)।कहते  हैं किसी में अगर प्रतिभा हो तो लाख कोशिश के बाद भी उसे रोका नहीं जा सकता और भीड़ में भी वह शीर्ष पर नजर आता है,ठीक इसी बात को चरितार्थ कर परिभाषित करता बिलासपुर के युवा कांग्रेस विधायक शैलेश पाण्डे की कार्यप्रणाली।पहली ही विधायकी में लाखों जनता के दिलों में राज करता उनके प्रतिदिन की वह नायाब तरीकों के कार्यप्रणाली जिसे यहां की जनता पहली बार महसूस कर अपने जनप्रतिनिधि को करीब पा रही है।वैसे तो शिक्षा जगत के पायदान को पार कर शैलेश पाण्डे राजनीति में आये पर राजनीति के मैदान में उनकी कार्य करने के तरीके और जनता की नब्ज को जिस गहराई से महसूस कर अपने दिनचर्या में आत्मसात कर लिया है,लंबे समय से राजनीति करने वालों के लिए भी एक चुनौती बन गई है।

बिलासपुर के युवा विधायक शैलेश पाण्डे का दिनचर्या सुबह जनता के बीच से शुरू हो कर देर रात जनता के साथ ही खत्म होता है।वे उन व्यक्तियों के बीच नजर आते हैं जहाँ कोई जनप्रतिनिधि अब तक उनके करीब जाता तक नहीं था।उन्होंने अपने आप को उस परिवेश में ढाल लिया है जहाँ एक मतदाता और विधायक के बीच कोई फासला ही नहीं है।एक सामान्य अनजान व्यक्ति भी आज सहजता से अपने विधायक से मिल कर अपनी बात रख सकता है। अपनी समस्या बता सकता है। बल्कि आसानी से उस गंतव्य तक उन्हें अपने साथ ले जा सकता है जहां उनकी जरूरत है।आज के राजनीति की यही मांग है जिसे वे पूरा कर रहे हैं।

विधायक शैलेश पाण्डे को पता है कि जनता के हित के लिए पैसे का इंतजाम कैसे किया जाए। पिछले दिनों वे ऐसा ही एसईसीएल के सीएसआर मद से 70 वाटर प्यूरीफायर सह वाटर कूलर की स्थापना करने बिलासपुर नगर पालिका निगम क्षेत्रांतर्गत 70 लाख रुपये की स्वीकृति ले ली जो आम जनता के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहेगा।ऐसे ही बिलासपुर चूंकि रेलवे का हब एरिया है और जिस तरह से लगातार कई दिनों तक कई ट्रेनें रद्द रही तो रेलवे के तमाम  बड़े अधिकारियों को भी उन्होंने नहीं बख्शा और लगातार इसके विरोध में मुखर रहे जबकि कोई भी भाजपा का सांसद सामने नहीं आया।यही सब उनकी जागरूकता बिलासपुर की जनता को महसूस करा रही है कि उन्हें एक योग्य जनसेवक मिला।

कभी जनसंपर्क के बीच आटा चक्की में जा कर गेंहू पीसने मशीन चलाना।कभी औजार को धार देने मशीन में बैठ कर इंजीनियरिंग का काम तो कभी एक सामान्य से व्यापारी जो आलू बेचता है  के ठेला में तौल करना जनसामान्य के बीच एक अपना पन उत्पन्न करता है और सही मायने में यही तो है भारत जोड़ो का अभियान।समाज के हर धर्म के कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कर उसी परिवेश में सहभागी बनना तो मानो उनके दिनचर्या में शामिल हो गया है और यही वजह है कि समाज के हर वर्ग का शैलेश पाण्डे को समर्थन मिल रहा है।

प्रदेश में पहली बार शुरू हुए छत्तीसगढ़ ओलम्पिक खेलों की कड़ी में विधायक शैलेश पाण्डे ने बिलासपुर में रस्सा खींच कर आज खिलाड़ियों का हौसला औफजाई कर ज़िला स्तरीय छत्तीसगढ़ ओलम्पिक खेलो के आयोजन में चार चांद लगा दिया और विजयी टीमों को पुरस्कृत भी किया।यही नहीं ये व्यक्ति कहीं भी कभी भी बड़े बुजुर्ग,बच्चे किसी के पास भी पहुंच कर अपने आपको उसी परिवेश में ढाल लेते हैं तो उनका वह रूप भी लोगों ने देखा है जब लापरवाह सरकारी अधिकारियों पर सवालों की झड़ी के साथ उसका हिसाब भी लेते देखे गए हैं।इस तरह से एक अमिट छाप छोड़ता उनकी कार्यप्रणाली का अब चार वर्ष पूर्ण होने वाला है और यही भाजपा के लिए एक चुनौती होगी कि 2023 में चेहरा शैलेश पाण्डे का होगा।