हसदेव को लेकर टीएस बाबा के एक स्टैंड ने पूरे छत्तीसगढ़ को दीवाना बना दिया...बाबा के दूरदर्शिता की हो रही सर्वत्र प्रशंसा

हसदेव को लेकर टीएस बाबा के एक स्टैंड ने पूरे छत्तीसगढ़ को दीवाना बना दिया...बाबा के दूरदर्शिता की हो रही सर्वत्र प्रशंसा

नई दिल्ली डेस्क।उत्तरी छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य का इलाका,जो 1 लाख 70 हज़ार हेक्टेयर में फैला हुआ है। जहां आदिवासी रात दिन पहरा दे रहे हैं।इस आशंका को लेकर की जंगल के पेड़ कभी भी न कट जाएं।यह इलाका बिल्कुल 'परसा ईस्ट केटे बासेन कोयला परियोजना' के पहले 'फेज़' की खदान से लगा हुआ है। इसी से जुड़े ग्राम हरिहरपुर, जिला सरगुजा में सोमवार को जब ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव पहुंच कर ग्रामीणों को यह कहते हैं कि यदि आप एक राय हैं तो मैं आपके जंगल जमीन बचाने की लड़ाई में पहली गोली खाने तैयार हूं।

इसके कुछ पलों में ही प्रदेश ही नहीं पूरे देश में इसकी गूंज सुनाई देती है।छत्तीसगढ़ का हर वर्ग बाबा का दीवाना हो जाता है।हालांकि वे इस हैसियत में नहीं हैं कि कुछ कर सकें पर उनकी सोच की परिकल्पना की जा सकती है और वे छत्तीसगढ़ को किस शिखर तक ले जाने की क्षमता रखते हैं।उनकी इस दूरदर्शिता की विपक्ष से लेकर हर कोई समर्थन कर रहा है।

दरअसल स्थानीय लोग एक दशक से भी ज़्यादा समय से यानी पिछले 11 वर्षों से हसदेव के जंगलों को खनन के लिए दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। एक समय ऐसा भी आया जब साल 2015 में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी इस इलाक़े में आये और उन्होंने आदिवासियों के संघर्ष का समर्थन किया। राज्य में तब रमन सिंह की सरकार थी। आज जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो इन आदिवासियों को वह समय याद आ रहा है और थोड़ी- थोड़ी देर में धरने पर बैठे लोगों के नारों में राहुल गांधी का भी नाम गूंज रहा है। वो नारे लगाते हैं, "राहुल गांधी वादा निभाओ।" इस उम्मीद के साथ कि शायद सत्तारूड कांग्रेस पार्टी को याद आ जाए कि चुनावों से पहले उनके बड़े नेताओं और राहुल गाँधी ने ख़ुद यहाँ के आदिवासियों से क्या वायदे किये थे।

इधर सरगुजा के राजा और कांग्रेस पार्टी के सुलझे हुए नेता टीएस सिंहदेव को इन घटनाक्रम की पूरी जानकारी पल-पल की मिल रही थी। जिसे उन्होंने बहुत ही गहराई से लिया। बाबा कभी नहीं चाहते कि उनके नेता राहुल गांधी का नाम किसी ऐसे प्रसंग में आये जिससे उनके छबि पर विपरीत प्रभाव पड़े और उनका दिया कठोर बयान को भी इसी मायने में देखी जा रही है जो आंदोलनरत आदिवासी ग्रामीणों के समर्थन में तो है ही राहुल गांधी के लिए भी किसी कवज से कम नहीं। भाजपा के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हसदेव मामले में राहुल गांधी का नाम लेकर माहौल बनाने की कोशिश में लगे ही थे कि उनका पूरा प्लान फेल हो गया। बल्कि विपक्षी पार्टीयों से लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण तक ट्वीट कर टीएस के बयान की गुणगान करने लग गए।

राजस्थान सरकार ने कोयले को निकलने का क़रार गुजरात की एक कंपनी से किया है। खनन के लिए मंज़ूरी केंद्र और राज्य सरकारों ने दी है। यानी अब परियोजना के दूसरे चरण के लिए ज़मीन के अधिग्रहण का काम भी चल रहा है और पेड़ों की कटाई का काम भी शुरू कर दिया गया है।आदिवासी और स्थानीय लोगों के भारी विरोध के बावजूद सुरक्षाबलों और सरकारी अमले की भारी तैनाती के बीच ये काम शुरू हो चुका है। मगर अब स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण जंगलों में डेरा डाले हुए हैं। वो पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे हैं।इन सब के बावजूद काफी संख्या में अब तक पेड़ काटे जा चुके हैं।भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन संस्था,'वाइल्डलाइफ़ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया'ने इस इलाक़े को लेकर किये गए अध्यन की रिपोर्ट भी पिछले साल सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जैव विविधता के सबसे समृद्ध इस इलाक़े में जानवरों और परिंदों की 350 से ज़्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं।रिपोर्ट में इस इलाके में खनन कार्यों पर रोक लगाने का सुझाव भी दिया गया है।

इधर जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी ने इस पूरे मामले में काफी संख्या में काटे जा चुके पेडों को लेकर ट्वीट कर कहा है, टीएस सिंहदेव हसदेव बचाने तब पहुंचे जब किसी के संरक्षण में सारे पेड़ काट दिए गए।उन्होंने तंज कसते हुए लिखा है, "अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत" ये पब्लिक है,सब जानती है!