सोनिया का भरोसा कमलनाथ पर, कांग्रेस असंतुष्टों से मिलने को सोनिया गांधी आख़िरकार तैयार
दिल्ली|कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आख़िरकार चार महीनों के बाद पार्टी के 23 असंतुष्ट नेताओं में से कुछ से मिलने को तैयार हो गईं हैं।खबर है कि अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और परिवार के वफादार कमलनाथ पर भरोसा जताते हुए उन्हें नए संकटमोचक की भूमिका सौंपी है।
ग़ुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल समेत 23 नेताओं ने अगस्त में सोनिया गांधी को एक खत लिखा था, जिसे लेकर कांग्रेस में जबरदस्त बवाल भी मचा तो इन 23 नेताओं में कपिल सिब्बल, गुलाब नबी आजाद जैसे बड़े नेता पार्टी के अंदरूनी मामलों को लेकर सार्वजनिक तौर पर बोलना भी शुरू कर दिया था और कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक बदलाव लाने की बात की थी। खत लिखने वालों में पाँच पूर्व मुख्य मंत्री, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कई सदस्य, कई पूर्व केंद्रीय मंत्री और कई मौजूदा सांसद थे।
एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अखबार के अनुसार सोनिया गांधी शनिवार को उन 23 नेताओं में से कुछ लोगों से मुलाकात करेंगी। पिछले हफ़्ते 23 में से सात-आठ प्रमुख नेताओं ने दिल्ली में कई राउंड की बैठक की थी। सूत्रों के अनुसार उनमें से कुछ नेताओं के नाम सोनिया गांधी को भेजे गए जिनमें से कुछ से वो शनिवार को मिलेंगी।
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी भी इस बैठक में शामिल होंगे। सोनिया से मिलने वालों में ग़ुलाब नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और शशि थरूर हो सकते हैं।
कहा जा रहा है कि दोनों ख़ेमों के बीच सुलह की कोशिश कराने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है।अहमद पटेल के निधन के बाद गांधी परिवार कमलनाथ को ही अपना वफादार मानती है। सोनिया गांधी के गोवा से दिल्ली लौटने के बाद कमलनाथ ने उनसे दो बार मुलाक़ात की थी।
अगस्त में ख़त के सार्वजनिक होने के सिर्फ दो दिनों बाद सीडब्लूसी की बैठक हुई थी लेकिन उसमें इस ख़त में उठाए गए बातों का कोई ज़िक्र नहीं हुआ। कई नेताओं ने ख़त लिखने वालों पर हमले किए और गांधी परिवार से अपनी वफादारी की कसमें खाईं।
लेकिन खत लिखने वाले 23 नेताओं का दावा है कि देश भर के कई कांग्रेसी नेता उन लोगों के ज़रिए उठाए गए मुद्दों का समर्थ करते हैं। कहा जा रहा है कि कुछ ही महीने में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो कहा ये भी जा रहा है,कल बैठक के बाद सोनिया गांधी अपने कुछ वफादारों को कांग्रेस संगठन में महत्वपूर्ण पद दे कर पार्टी संगठन का विस्तार भी कर सकती हैं। इसमें अलग-अलग प्रान्त के कई नए ऐसे चेहरे भी हो सकते हैं,जो पार्टी को संकट के समय आगे बढ़ाने अपने राज्यों में मोदी के गलत नीतियों को लेकर मुखर हैं और राहुल गांधी के द्वारा उठाए गए मुद्दों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।