ऋषभ पंत अब ख़तरे से बाहर।क्रिकेट प्रेमियों को पंत में आखिर धोनी की झलक क्यों दिखाई देता है...
देहरादून(उत्तराखंड)।करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए राहत भरी खबर की भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत अब ख़तरे से बाहर हैं और यह ना केवल उनके जान पहचान, परिवार वालों बल्कि पूरी भारतीय क्रिकेट के लिए राहत की बात है।इसी साल जुलाई माह में जब इंग्लैंड के खिलाफ़ तीसरे वनडे में पंत नेपहला शतक लगा कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी तो लोगों में उनमें धोनी की झलक दिखाई दी थी और कई क्रिकेटर भी यही बात कर उनकी तारीफ के पुल बांधे थे।
बता दें कि दिल्ली से देहरादून जाते वक्त 30 दिसंबर को तड़के 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से कार चलाते वक्त एक पल की झपकी ने उनकी कार को चकनाचूर बना दिया, लेकिन खुशकिस्मती और समय पर मिली मदद के चलते वे ख़तरे से बाहर हैं।इस खबर के बाद करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर है।पंत के शतकों की खासियत ये है कि उन्होंने टीम के लिहाज से 'बहुमूल्य रन' विपरीत हालातों में और विदेशी धरती पर लगाए हैं।
चौबीस साल के पंत ने अपने छोटे से करियर में दमखम वाली बैटिंग का प्रदर्शन किया है. उन्होंने 31 टेस्ट मैचों में 43 की औसत से 2123 रन बनाए हैं, वहीं, वनडे में उन्होंने 27 मैचों में 36.53 की औसत से 840 रन बनाए हैं। टी 20 इंटरनेशनल में उन्होंने 50 मैचों में 22 की औसत से 768 रन बनाए हैं। विकेटकीपर के तौर पर पंत ने टेस्ट में 111 कैच पकड़े हैं और 11 बल्लेबाज़ों को स्टंप किया है। वनडे में उन्होंने कुल 25 शिकार बनाए हैं।
कई पूर्व खिलाड़ियों ने पंत की बैटिंग की तुलना भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाज़ी से की है। आकाश चोपड़ा को उनकी और माही की बैटिंग में समानता दिखाई देती है।यहां तक कि महेंद्र सिंह धोनी के करीबी उन्हें माही भी कहते हैं।उन्होंने कहा, "पंत बाएं हाथ के धोनी के जैसी बल्लेबाज़ी करते हैं। सुनील गावस्कर का मानना है,पंत और पंड्या धोनी और युवराज की याद दिलाते हैं और इनके जैसे ही सफल क्रिकेटर साबित होंगे।वहीं जानकारों की राय में पंत की बैटिंग और कीपिंग में कुछ ऐसी खूबियां हैं, जिन्हें निखारकर वो धोनी या गिलक्रिस्ट के बराबर या उनसे भी ज़्यादा सफलता हासिल कर सकते हैं।