बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें व अंतिम मामले में भी राजद अध्यक्ष लालू यादव दोषी करार...हिरासत में लिए गए

बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें व अंतिम मामले में भी राजद अध्यक्ष लालू यादव दोषी करार...हिरासत में लिए गए

रांची(झारखंड)।अविभाजित बिहार के चर्चित पशुपालन 950 करोड़ के चारा घोटाले के पाँचवें व सबसे बड़े मामले आरसी 47-ए/ 96 में भी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं।यह राँची के डोरंडा कोषागार (अब झारखंड राज्य में स्थित) से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा मामला है।फिलहाल कोर्ट ने सजा का ऐलान नहीं किया है और लालू यादव अभी जमानत पर हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत कोर्ट के जज सुधांशु कुमार शशि ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत कुल 99 जीवित अभियुक्तों की क़िस्मत का फ़ैसला किया है। इनमें पूर्व मंत्री डॉ आर के राणा, विधायक ध्रुव भगत व जगदीश शर्मा जैसे राजनीतिज्ञों के अलावा बिहार के तत्कालीन वित्त सचिव बेक जूलियस, राँची के तत्कालीन आयुक्त अधीर चंद्र चौधरी, डोरंडा कोषागार के ट्रेजरी अधिकारी महेंद्र प्रसाद समेत कई आपूर्तिकर्ता, वेटेनरी डॉक्टर आदि शामिल हैं। कोर्ट ने इन अभियुक्तों में से 24 को बाइज़्ज़त बरी कर दिया है।

इस मामले में कुल 170 आरोपी थे लेकिन ट्रायल के दौरान 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। लालू यादव समेत सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ जाँच एजेन्सी ने 2001 में चार्जशीट दायर किया था और 2005 में चार्ज फ़्रेम किया गया था।झारखंड में जिन पाँच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाक़ी था। बाकी चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू यादव को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर चुका है।

चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सात-सात साल की सजा हो चुकी है, जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पाँच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार वर्ष की सजा सुनायी गई है। चारों मामलों में लालू यादव ने जेल काटते हुए सजा का पचास प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया है।