गहलोत सरकार के बाद भूपेश सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर केन्द्र की मोदी सरकार को दी चुनौती

पुरानी पेंशन योजना की बहाली भूपेश सरकार का रामबाण - विकास उपाध्याय

गहलोत सरकार के बाद भूपेश सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर केन्द्र की मोदी सरकार को दी चुनौती

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के लाखों सरकारी कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पेश होने वाले बजट को लेकर इस बात का इंतजार था कि क्या फिर से पुरानी पेंशन योजना की बहाली छत्तीसगढ़ में होगी? ठीक इसके अनुरूप छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी है। इस खबर के बाद पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों में उत्सव का माहौल है।

गौरतलब हो कि तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपयी की केन्द्र सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद के नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नई पेंशन लागू कर दी थी। हालांकि इसमें राज्य सरकारों को लागू करने बाध्य नहीं किया गया था। बावजूद एक के बाद एक देश भर में राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बंद कर नई पेंशन योजना लागू कर दी। शुरूआती समय में तो कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा था कि इसके फायदे एवं नुकसान क्या हैं। परन्तु जब यह भ्रम दूर हो गया कि नई पेंशन योजना से उनका नुकसान हो रहा है तो पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग उठने लगी। हाल ही के दिनों बजट पेश करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एकाएक पुरानी पेंशन योजना की बहाली कर पूरे देश में सरकारी कर्मचारियों के बीच मसीहा बनकर उभरे। तब से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी इस बात की घोषणा होगी और ठीक इसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने आज घोषणा कर दी है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की घोषणा के साथ-साथ शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि की भी घोषणा की है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली के बाद छत्तीसगढ़ के 4.00 लाख से भी ज्यादा शासकीय सेवकों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि इस पर जो भी वित्तीय भार आएगा उसका असर 08 से 10 साल बाद उस समय जो सरकार रहेगी उसको उठाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से वह शासकीय वर्ग जो अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा था, अचानक से भूपेश सरकार के पक्ष में उत्सव के माहौल में हैं। कहा जा रहा है 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा की सरकार ने शासकीय कर्मचारियों का सुध लेने कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे में भूपेश बघेल की इस घोषणा ने बजट के अन्य पहलुओं को विलुप्त कर पेंशन बहाली की घोषणा को सबसे ऊपर कर दिया है। विधायक विकास उपाध्याय ने पुरानी पेंशन योजना बहाली को भूपेश सरकार की शासकीय कर्मचारियों के हित में लिया गया रामबाण बताया है।