पूर्व CM डॉ. रमन सिंह का भूपेश सरकार पर सधा हुआ बयान कहा, बाहर से लाकर लोगों को बसा रही सरकार।अल्पसंख्यकों द्वारा की जा रही प्रताड़ना से ऐसे हालात

पूर्व CM डॉ. रमन सिंह का भूपेश सरकार पर सधा हुआ बयान कहा, बाहर से लाकर लोगों को बसा रही सरकार।अल्पसंख्यकों द्वारा की जा रही प्रताड़ना से ऐसे हालात

सार्थक न्यूज़ डेस्क।पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बारे में कहा जाता है वे हर मुद्दे पर तार्किक व नपे तुले शब्दों का उपयोग कर बोलते हैं। उनके बयान में फालतू बात के लिए कोई स्थान नहीं रहता। ठीक उसी तरह उन्होंने कवर्धा हिंसा मामले में छत्तीसगढ़ सरकार पर सधा हुआ बयान दिया है। डॉ रमन ने कहा कि भूपेश सरकार बाहर से लोगों को बुलाकर बसा रही है। अल्पसंख्यक लोगों की प्रताड़ना से ऐसे हालात बने हैं।इसके साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के मंत्री मोहम्मद अकबर पर भी निशाना साधते हुए ऐसे लोगों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा,इसी के चलते कवर्धा में ऐसे हालात बने। पूर्व CM ने कहा कि ऐसे हालात फिर से नहीं बने इसके लिए भाजपा गांव-गांव जाएगी और राज्य व्यापी मुहिम चलाएगी। रमन सिंह कल सोमवार को कवर्धा हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों से मिलने दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचे थे। इस दौरान वे जेल के अंदर सांप्रदायिक हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मुलाकात की। डॉ. सिंह ने इसके बाद फिर से एक बार भूपेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जितने भी लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वह पढ़े-लिखे किसान और बहुसंख्यक वर्ग के लोगों के बेटे हैं। नवरात्र के पावन दिनों में इन लोगों को जेल के अंदर डालकर राज्य सरकार बहुत गलत संदेश दे रही है। राज्य की जनता अब जाग चुकी है और सरकार के तीन सालों के कार्यकाल को भी देख चुकी है।

डॉ रमन सिंह यहीं नहीं रुके और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के ऊपर निशाना साधते हुए कहा, गृह मंत्री को यही समझ नहीं आता कि उन्हें करना क्या है? इतना बड़ा सांप्रदायिक दंगा हुआ, गृह मंत्री ने इसकी कोई जानकारी लेना मुनासिब ही नहीं समझा। वह आज तक न तो कवर्धा गए और न ही किसी का हाल जानने की कोशिश की है। उनकी सरकार यह तक पता नहीं लगा पा रही है कि आखिर दंगे के दौरान गायब हुए दुर्गेश देवांगन और एक अन्य साथी कहां गए। उनके परिजन उन्हें खोज-खोज कर परेशान हैं, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल रहा है। गौरतलब हो कि कवर्धा में हुए हिंसा का मामला हो या बस्तर में नक्सली हमला कभी भी गृह मंत्री का त्वरित कोई भी बयान आज तक नहीं आया। इससे ऐसा प्रतीत होता है उनको अपने ही विभाग से संबंधित मामले में ही बोलने रोका जाता है और उनकी भूमिका सरकार में गृह विभाग की होने के बावजूद कभी लगता नहीं कि वे इस विभाग के मंत्री हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का इस बीच मुख्यमंत्री बघेल को लेकर सियासी बयान भी आया  उन्होंने कहा कि राज्य में 500 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली। 40 पंडो जाति के लोगों की हत्या हो गई। आज तक कांग्रेस सरकार उनके लिए कुछ नहीं दे पाई और उत्तर प्रदेश के लोगों को 50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा कर रही है। ऐसा लगता है कि बघेल उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री बघेल पिछले कुछ दिनों से यूपी के चुनाव को लेकर दो बार यूपी का दौरा कर चुके हैं।

रमन सिंह ने कहा कि राज्य की भूपेश सरकार कर्ज के बोझ तले पूरी तरह से दब चुकी है। वह पूरी तरह से दिवालिया हो चुकी है। यही कारण है कि विकास के कार्यों को करवाना तो दूर वह सालाना मेंटनेंस तक नहीं करवा पा रही है। इसके चलते सड़कों की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी है। हाईकोर्ट को इस पर संज्ञान लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, न्यायालय सरकार से कह रहा है आखिर सड़कों के गड्ढे तो पाटो, आम जनता परेशान हो रही है।

हिंदुत्व के एजेंडा को लेकर भी आगे बढ़ाते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है। धार्मिक भावना आहत होने से कवर्धा में हजारों की संख्या में लोकल और बाहर से बहुसंख्यक वर्ग के लोग पहुंचे। उन्होंने बिना शांति व्यवस्था भंग किए अपना विरोध दर्ज कराया। इसके बाद भी पुलिस ने चुन-चुन कर 60-70 लोगों को गिरफ्तार कर समाज में गलत संदेश दिया है। राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उसकी इस प्रताड़ना से कोई डरने वाला नहीं है। भाजपा ऐसे लोगों के साथ है। वह सड़क से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई लड़ेगी।

गौरतलब हो कि राजधानी रायपुर में भी इस बात को लेकर सभी विधानसभा के अंदर हिंदुओं के बीच जबरदस्त चर्चा के साथ हिन्दु समाज में आक्रोश है। हिंदुओं का कहना है कि पिछले दो वर्षों से धीरे-धीरे अल्पसंख्यकों का विस्तार किया जा रहा है। खास कर दक्षिण में तो हजारों की संख्या में रोहितांगों को एक रणनीति के तहत बसाया जा रहा है।इसके पीछे अल्पसंख्यक समुदाय के एक नेता का नाम तो जबरदस्त तरीका से सामने आ रहा है।इसके चलते बहुतायत में बसे हिन्दू मतदाताओं का बीजेपी की ओर एकतरफा झुकाव तो हुआ ही है और संभावना यह है कि आगामी विधानसभा के चुनाव में इसका भाजपा को एकतरफा फायदा मिलेगा,तो कांग्रेस को रायपुर सहित पास से लगे विधानसभाओं में एक नहीं कम से कम 6 से 7 सीटों में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।