मरकाम के तरकश से निकला तीर क्या भाजपा की लंका को तबाह कर देगा?

मरकाम के तरकश से निकला तीर क्या भाजपा की लंका को तबाह कर देगा?

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम की अहमियत कांग्रेस की राजनीति में समय के साथ बढ़ता ही गया है। छत्तीसगढ़ में हो रहे पाँचवीं बार के उपचुनाव का सम्बंध इस बार सीधे बस्तर से है, जहाँ आरक्षण के मुद्दे पर पूरा आदिवासी वर्ग लामबंध है। ऐसे में इसी तरह के किसी चुनावी मुद्दे की तलाश थी जो मोहन मरकाम ने कर दिखाया है। उन्होंने सीधे भानूप्रतापपुर से भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर सामूहिक दुष्कर्म और नाबालिग को देह व्यापार में ढकेलने के सनसनी खेज खुलासा कर आरोप लगाए  हैं। मरकाम के इस आरोप के बाद भाजपा चुनाव प्रचार छोड़ खुद के प्रत्याशी के बचाव मुद्रा में आ गई है और यह लड़ाई कहीं दूर जाकर भाजपा प्रत्याशी के नामांकन निरस्त तक पहुँचती है तो मोहन मरकाम की गिनती देश के बड़े आदिवासी नेताओं में स्वमेव ही जुड़ जाएगा।

छत्तीसगढ़ में पाँचवीं बार हो रहे उपचुनाव को लेकर सबकी निगाहें भानुप्रतापपुर में लगी हुई हैं। चूंकि इस बार यह उपचुनाव बस्तर अंचल में आने वाले भानूप्रतापपुर से संबंधित है तो इसका महत्व और भी बढ़ गया है। गौरतलब हो कि पिछले विधान सभा चुनाव में बस्तर की सभी सीटों पर कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली थी, इतना ही नहीं बल्कि चित्रकोट और दंतेवाड़ा में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस दुबारा जीत हासिल कर अपने आँकड़े को बरकरार रखा। उसी बस्तर में फिर से एक बार कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा आमने-सामने हैं। हालांकि इस बार परिस्थितियाँ कुछ उलट है। आरक्षण को लेकर आदिवासी वर्ग पूरी तरह से लामबंध होकर जहाँ सरकार का विरोध कर रहे हैं, तो भाजपा इस मुद्दे को भुनाने में लगी है। हालांकि भानूप्रतापपुर के कद्दावर नेता मनोज मण्डावी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई और आदिवासी समाज के बीच उनकी जो पैठ बनी हुई थी। उससे मंडावी परिवार के प्रति लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी है। बावजूद भाजपा आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को दृष्टिगत् रखते हुए यह चुनाव जीतने पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरी थी।

इसी बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ऐसे सनसनी खेज आरोप का खुलासा किया, वह भी सीधे भाजपा प्रत्याशी को लेकर कि भाजपा के चारों खानें चीत हो गए हैं। कांग्रेस के आरोपों के मुताबिक 15 मई 2019 को झारखण्ड के जमशेदपुर में एक एफआईआर दर्ज हुई, इसमें एक 15 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और जबरन देह व्यापार में ढकेलने का अपराध दर्ज था। मामले में 05 लोग नामजद आरोपी बनाये गए थे, पुलिस ने विवेचना शुरू की तो छत्तीसगढ़ के 02 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद जो चालान पेश हुआ, उसमें चारामा निवासी पूर्व विधायक एवं वर्तमान में उपचुनाव के भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम का नाम भी शामिल है। इस आरोप के बाद भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम इस मामले को लेकर जहाँ चौतरफा मोर्चा खोल दिया है और झारखण्ड के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से नेताम की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और कहीं उनके आरोपों पर कार्यवाही हुई और निर्वाचन आयोग में झूठी शपथ पत्र के साथ सूचना छुपाने का आरोप साबित हो गया तो उनका नामांकन निरस्त भी हो सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के तरकश से निकला यह तीर पूरे उपचुनाव के मुद्दे को ही बदल दिया है। मरकाम का यह सधा हुआ सनसनी खेज आरोप उन तमाम मुद्दों को किनारे कर दिया है, जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता था। समय के साथ मोहन मरकाम जिस तरह की परिपक्व राजनीति कर रहे हैं और उनके इन आरोपों के बाद भाजपा प्रत्याशी पर अप्रत्याशित कार्यवाही होती है तो निश्चित तौर पर मोहन मरकाम का नाम देश के उन बड़े आदिवासी नेताओं की गिनती में स्वमेव ही जुड़ जाएगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकी थी। बहरहाल मोहन मरकाम भानूप्रतापपुर की सीट को जीतने सभी कांग्रेसियों को कसमें देकर जिस तरह से लामबंध कर रहे हैं और एक रणनीति के तहत् चुनावी मैदान में उतरे हैं, उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।