कौन हैं के सी वेणुगोपाल जिनके लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक छोटे से कार्यकर्ता से लेकर बड़े सभी नेता इतने उत्साहित हैं...
रायपुर(छत्तीसगढ़)।के सी वेणुगोपाल के बारे में कहा जाता है वह राहुल गांधी के लिए वही हैं जो दिवंगत अहमद पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए थे। उनके भरोसेमंद लोगों का कहना है, वेणुगोपाल ने ही राहुल गांधी को 2019 के चुनावों में केरल में दूसरी सीट से लड़ने के लिए राजी किया था। राहुल गांधी वायनाड से चुनाव जीत गए थे लेकिन अमेठी में उनको हार का सामना करना पड़ा था।पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एआईसीसी महासचिव राहुल गांधी की आंख और कान हैं और वह वही भूमिका निभाते हैं जो अहमद पटेल सोनिया के लिए निभाते थे। वेणुगोपाल आज जब छत्तीसगढ़ एक दिवसीय दौरे पर पहली बार पहुंचे तो छत्तीसगढ़ की पूरी कांग्रेस उनके स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठा था।
केसी वेणुगोपाल 1991 में पहली बार तब सुर्खियों में आए जब केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणाकरण ने उन्हें कासरगोड से लोकसभा का टिकट दिलाया। तब पार्टी के स्टूडेंट विंग के अध्यक्ष 28 वर्षीय वेणुगोपाल बेहद कांटे के मुकाबले में चुनाव हार गए थे।परंतु कांग्रेस की राजनीति में तभी से उनका नाम जाने जाने लगा। यह भी कहा जाता है कि 1995 में अर्जुन सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने के तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष और पीएम पीवी नरसिम्हा राव के फैसले पर करुणाकरण के खिलाफ हो गए थे।तभी से उनका झुकाव गांधी परिवार के प्रति बढ़ने लगा था। वेणुगोपाल पहली बार 1996 में विधायक बने, इसके बाद वह 2001 और 2006 में फिर से चुनाव जीतकर आए।
साल 2004 में वह ओमान चंडी सरकार में मंत्री भी बने। 2009 में उन्होंने अलाप्पुझा से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की और सांसद बने। इसके बाद वह केंद्र में भी मंत्री बने। 2014 के मोदी लहर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता अपना चुनाव हार गए लेकिन वेणुगोपाल उन चंद सांसदों में थे जो केरल से जीतकर आए और उन्हें पार्टी का व्हिप बनाया गया था।तब तक वेणुगोपाल की गिनती राहुल गांधी के सबसे करीबियों में गिनी जाने लगी।बताया यह भी जाता है कि के सी चंद उन नेताओं में से हैं जिन्हें कोई ये कहे कि उन्हें तो सेट कर लूंगा तो यह उस नेता की बड़ी भूल होगी।वे पार्टी और खास कर राहुल गांधी के छबि को लेकर बेहद गंभीर रहते हैं।पार्टी के लिए ईमानदारी से काम करने वालों को वे किसी की परवाह किये बगैर पूरा राजनीतिक संरक्षण देते हैं।
के सी आज पहली बार छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। भले ही वे प्रदेश में पहली बार आये हैं पर छत्तीसगढ़ के कई नेताओं को बहुत ही करीब से जानते और समझते हैं।खास कर छत्तीसगढ़ के कई युवा नेताओं की उनके साथ नजदीकी देखी जाती है।सबसे पहला नाम विकास उपाध्याय का आता है,जिन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सचिव के तौर पर जिम्मेदारी देने उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विकास उपाध्याय को वे कांग्रेस का विश्वास के चेहरे के तौर पर देखते हैं।छत्तीसगढ़ के पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय महासचिव कोको पाढ़ी को लेकर भी उनका साफ्ट कार्नर रहा है।अध्यक्ष रहते कोको पाढ़ी जब रायपुर में इंदिरा जी की प्रदर्शनी का आयोजन किया था,तब भी उनके रायपुर आने का प्रोग्राम बना था।परंतु अंतिम क्षणों में कैंसिल हो गया। बताया जाता है वेणुगोपाल छत्तीसगढ़ ओबीसी सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर चौलेश्वर चंद्राकर की कार्यप्रणाली को लेकर भी काफी प्रभावित रहते हैं।ऐसे नेता वेणुगोपाल को आज अपने जमीं पर करीब पा कर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के छोटे से लेकर बड़े सभी नेताओं ने एयरपोर्ट में जोरदार स्वागत किया है।