कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की दिल्ली पुलिस को सीधी चुनौती, थाने में ही रैली निकालकर धरना में बैठे

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय महिला कांग्रेस की आपात बैठक में सम्मिलित हो कर केन्द्र सरकार पर हमला बोला...

कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की दिल्ली पुलिस को सीधी चुनौती, थाने में ही रैली निकालकर धरना में बैठे

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जैसे-जैसे ईडी की पूछताछ का सिलसिला बढ़ते जा रहा है, वैसे-वैसे देश भर के कांग्रेस के लोग राजधानी दिल्ली पहुँचकर उनके समर्थन में सड़क पर उतर आये हैं। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के नेता इस पूरे आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और अधिकांश विधायकों के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं का हुजुम दिल्ली में नजर आ रहा है। राहुल गांधी के समर्थन में ईडी के खिलाफ पैदल मार्च और आन्दोलन के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित वरिष्ठ मंत्री टी.एस. सिंहदेव, विधायक शैलेष पाण्डेय,सुबोध हरितवाल से लेकर चौलेश्वर चन्द्राकर जैसे सक्रिय कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर थाने में नजरबन्द कर दिया है।

कांग्रेस नेताओं के विरोध का प्रतिकार कर रही दिल्ली पुलिस को कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज सीधी चुनौती देते हुए थाने में गिरफ्तारी के बाद उसी परिसर में ही रैली निकालकर बता दिया कि केन्द्र सरकार के सामने कांग्रेस किसी भी सूरत में झुकने वाली नहीं है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता , विधायक, नेता दिल्ली पहुँचकर केन्द्र सरकार के अधीन कार्य कर रही राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्यवाही को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कल सोमवार के बाद ईडी द्वारा आज फिर से पूछताछ के लिए बुलाये जाने पर कांग्रेस के लोग और आक्रोशित हो गए हैं। इसके पूर्व राष्ट्रीय संगठन में सचिव के रूप में कार्य कर रहे छत्तीसगढ़ के विधायक विकास उपाध्याय पिछले कई दिनों से लगातार दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

जैसे-जैसे ईडी की कार्यवाई बढ़ते जा रही है, वैसे ही राष्ट्रीय कांग्रेस विभिन्न मोर्चों को और भी संगठित कर चौतरफा केन्द्र सरकार को घेरने रणनीति पर काम कर रही है। इसी क्रम में राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय आज अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा बुलाई गई आपात बैठक में भी सम्मिलित होकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है, भारतीय राजनीति में सत्ता हथियाने और सत्ता छीन लेने के डर से विपक्षी नेता एवं सरकारों ने हर बार गांधी परिवार पर झूठे भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक हित साधने का असफल प्रयास करते रहे हैं। मौजूदा भाजपा की केन्द्र सरकार को इस बात का डर था कि राष्ट्रपति चुनाव के पहले राहुल गांधी पूरे विपक्ष को एकजूट कर राष्ट्रपति के लिए साझा उम्मीदवार खड़ा न कर दें और इसी भय से ईडी का खेल खेला गया। हालांकि भाजपा को इसमें भी सफलता नहीं मिली और विपक्ष एकमत से पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा, 1980 और 1990 के दशक में गांधी परिवार और खासकर तब प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की छवि को धूमिल करने बोफ़ोर्स घोटाला लाया गया, बाद में सोनिया गांधी पर भी बोफ़ोर्स तोप सौदे के मामले में आरोप लगे। परन्तु अन्त में गांधी परिवार पर लगे ये आरोप निराधार साबित हुई। साल 2013 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की छवि को धूमिल करने उनके राजनीतिक सचिव रहे अहमद पटेल पर इतालवी चॉपर कम्पनी अगस्ता वेस्ट लैण्ड से कमीशन लेने के आरोप लगे, परन्तु उसमें भी वे बेदाग साबित हुए और अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले नेशनल हेराल्ड का मामला लाकर ईडी के माध्यम से गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।