डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर ने विचार गोष्ठी में ओबीसी का तार्किक पक्ष रख कैप्टन यादव और के.राजू का दिल जीता...

डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर ने विचार गोष्ठी में ओबीसी का तार्किक पक्ष रख कैप्टन यादव और के.राजू का दिल जीता...

नई दिल्ली डेस्क। कांग्रेस देश में जातिगत जनगणना कराए जाने को लेकर जोरशोर से मुहिम छेड़ दी है और इसका जिम्मा राष्ट्रीय ओबीसी कांग्रेस पर है।राहुल गांधी के करीबी एवं पूर्व नौकरशाह के.राजू पूरे रणनीति के तहत इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने लगे हुए हैं।आज इसी मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली में एक गोष्ठी का आयोजन भी किया गया था।जहां देश भर के ओबीसी प्रदेश अध्यक्षों और पदाधिकारियों को बुलाया गया था।छत्तीसगढ़ से डॉ चौलेश्वर चंद्राकर भी सम्मिलित हुए।इस बीच उन्होंने जातिगत जनगणना और कांग्रेस का इसको लेकर क्या दृष्टिकोण है को लेकर एक पत्र सौंपा।जिसमें इसकी जरूरत क्यों है और भाजपा कैसे पिछड़ों के साथ छलावा कर वोट के लिए जात पात की राजनीति कर रही है को विस्तार से बिंदुवार बताया।डॉ चंद्राकर के इस प्रस्तुति ने कैप्टन यादव और के राजू का दिल जीत लिया।उन्होंने चंद्राकर के इस पत्र की खुब प्रशंसा की।

डॉ चौलेश्वर चंद्राकर ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव और राष्ट्रीय प्रभारी के राजू को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि इस जरूरी और महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर दिल्ली में विचार गोष्ठी का आयोजन किये हैं।चंद्राकर ने कहा मैं मानता हूँ, इसके पहले पिछड़े वर्ग को लेकर पार्टी ने कभी इतनी गहराई से इस प्रकोष्ठ के माध्यम से रिसर्च नहीं किया होगा। भाजपा जातिगत राजनीति तो कर रही है पर जातिगत जनगणना के समर्थन में नहीं है।इसी बात को हमें अपने प्रदेशों में एक-एक व्यक्ति के पास ले जाने की जरूरत है।

चौलेश्वर ने कहा,देश के लोगों को याद दिलाना होगा कि भारत में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान साल 1951 में चर्चा की गई थी। हालांकि तब जातिगत जनगणना नहीं हुई थी।बावजूद कांग्रेस तब से इस जनगणना का पक्षधर रहा है,तो हाल ही के वर्ष उदयपुर में मई 2022 में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में भी पार्टी नेताओं ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया था।इतना ही नहीं यूपीए शासन काल में ही कांग्रेस ने 2010-11 में देश में जातिगत जनगणना करा चुकी है।जिसके डेटा को मोदी सरकार सार्वजनिक नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा,हाल ही में हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय खड़गे जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए कहा है कि जातिगत जनगणना के डाटा के वैज्ञानिक वर्गीकरण से सरकार की कल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी।

इसके पूर्व हमारे सर्वमान्य नेता आदरणीय राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की एक रैली में पिछड़ा वर्ग, दलितों और आदिवासियों के विकास के लिए तीन बिंदुओं पर आधारित एजेंडा घोषित किया और 'जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी' का नारा दिया। इस नारा को अब हमें पूरे देश में बुलंद करना होगा।इसकी जिम्मेदारी अब हमारी है।

इसके साथ ही राहुल जी ने 2011 जातिगत जनगणना के डाटा को सार्वजनिक करने और आरक्षण में 50 फ़ीसदी की सीमा को समाप्त करने की मांग भी की।

राहुल गांधी जी ने पिछड़ा वर्ग, दलितों और आदिवासियों को उनकी जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देने की मांग भी की और यही अब हमारी एजेंडा है।

जातिगत जनगणना जरूरी क्यों है को लेकर डॉक्टर चौलेश्वर चंद्राकर की 10 बड़ी बातें-

1.देश में जिस तरह से अब सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा रहा है।उससे लड़ने के लिए भी जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है।

2.देश में मोदी काल में बढ़ रहे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को रोकने के लिए भी जातिगत जनगणना ज़रूरी है।

3.सामाजिक न्याय की बात की जा रही है पर ये मिलेगा कैसे।देश में सामाजिक न्याय को मज़बूत करने के लिए जातिगत जनगणना ज़रूरी है।

4.अगर हम सामाजिक न्याय में विश्वास रखते हैं, जो देश का संविधान भी कहता है, तो हमें ये पता होना चाहिए कि देश में किस वर्ग की कितनी संख्या है और यह जातिगत जनगणना से ही मिल सकता है।

5.जातिगत जनगणना होने से सभी वर्गों को अपनी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलेगा।

6.अगर जातिगत जनगणना होगी तो सभी वर्गों को आबादी में उनकी हिस्सेदारी के हिसाब से आरक्षण तो मिलेगा ही साथ ही इससे अन्य पिछड़ा वर्ग को फ़ायदा होगा जिनकी संख्या देश की आबादी में अधिक है।

7.देश की आबादी में लगभग 52 प्रतिशत हिस्सेदारी ओबीसी जातियों की है लेकिन उन्हें आबादी के हिसाब से आरक्षण नहीं मिल पाया है।इसके लिए हमें अब रोड़ पर उतरना होगा।

8.जातिगत जनगणना से देश में जाति आधारित वास्तविक आंकड़े मिलेंगे और पता चल सकेगा कि कौन सा वर्ग कहां खड़ा है।

9. इस मुद्दे को जितना उग्र हो कर हम उठाएंगे और लोगों तक पहुचाएंगे।देश का बहुसंख्यक आबादी वाला वर्ग कांग्रेस के साथ जुड़ते जाएगा।

10.पिछड़ों के लिए छत्तीसगढ़ में बढ़चढ़ कर काम कर रही भूपेश सरकार की बायोग्राफी बना कर अन्य प्रदेशों में उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करने की जरूरत है इससे कांग्रेस के प्रति विश्वास बढेगा।