सच यह भी है कि 20 साल में 37 बड़े एग्जिट पोल, 90% तक गलत साबित हुए...तो क्या इस बार भी!

देश के अधिकांश लोगों ने क्या वाकई प्रधानमंत्री मोदी को भगवान मान लिया है?

सच यह भी है कि 20 साल में 37 बड़े एग्जिट पोल, 90% तक गलत साबित हुए...तो क्या इस बार भी!

नई दिल्ली। आज विभिन्न समाचार चैनलों ने जैसे ही उत्तरप्रदेश के सातवें और अंतिम चरण के मतदान समाप्त हुए,अपने समाचारों में एग्जिट पोल के नतीजे दिखाना शुरू कर दिए।एक बारकी इससे ऐसा लगा मानों आज ही चुनाव परिणाम आ गए हैं और इन रुझानों से इतना तो तय है मोदी-योगी फैक्टर अभी खत्म नहीं हुआ है और यह अनुमान कहीं सच साबित होता है तो ये भी मान कर चलिये लोगों ने मोदी के सामने सारे मुद्दों की तिलांजलि दे  डाली है या कहें, "मोदी आधुनिक युग के भगवान बन चुके हैं।" इन सब के बीच एक सच यह भी है कि पिछले 5 लोकसभा चुनाव, यानी 1999 से लेकर अब तक याने 2019 तक 37 बड़े एग्जिट पोल आए, लेकिन इनमें करीब 90% अनुमान गलत साबित हुए। 

 

 बात करें 1999 में हुए चुनाव की तो उस समय ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने NDA की बड़ी जीत दिखाई थी। उन्होंने NDA को 315 से ज्यादा सीटें दी थीं। जबकी नतीजों के बाद NDA को 296 सीटें मिली थीं।

2004 में एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल साबित हुए। अनुमानों में दावा किया गया था कि कांग्रेस की वापसी नहीं हो रही। सभी ने भाजपा को बहुमत मिलता दिखाया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। NDA को 200 सीट भी नहीं मिल सकीं। इसके बाद कांग्रेस ने सपा और बसपा के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई।

 2009 में भी एजेंसियों ने UPA को 199 और NDA को 197 सीटें मिलने के कयास लगाए गए थे, लेकिन UPA ने 262 सीटें हासिल की थीं। NDA 159 सीटों पर सिमटकर रह गया था।

2014 में एग्जिट पोल्स ने NDA को बहुमत मिलता दिखाया था। एक एजेंसी ने भाजपा को 291 और NDA को 340 सीटें मिलने का कयास लगाया था। नतीजा, अनुमान के काफी करीब रहा। भाजपा को 282 और NDA को 336 सीटें मिलीं।

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 10 एग्जिट पोल्स में NDA को दी गई सीटों का औसत 304 था। यानी NDA को दोबारा सत्ता मिलने का अनुमान ठीक था, लेकिन यहां भी सीटों के मामले में अनुमान गड़बड़ हो गए। नतीजों में NDA की बजाय अकेले भाजपा को 303 सीटें मिलीं। NDA के खाते में 351 सीटें आईं।

बिहार के विधानसभा चुनाव के वक्त भास्कर का एग्जिट पोल सबसे सटीक रहा था। भास्कर ने NDA को 120 से 127 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। नतीजों में NDA को 125 सीटें मिलीं। जबकि ज्यादातर चैनलों के एग्जिट पोल में महागठबंधन की सरकार बनने का अनुमान जताया गया था।

यह भी मालूम होना चाहिए कि एग्जिट पोल्स का इतिहास भारत में 1960 में खाका सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी (CSDS) ने खींचा था। हालांकि मीडिया में 1980 के दौर में पहला पोल सर्वे हुआ। उस समय पत्रकार प्रणय रॉय ने मतदाताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश की थी। उनके साथ चुनाव विश्लेषक डेविड बटलर भी थे। दूरदर्शन ने CSDS के साथ 1996 में एग्जिट पोल शुरू किया। 1998 के चुनाव में लगभग सभी चैनलों ने एग्जिट पोल किए थे। आरपी एक्ट, 1951 का सेक्शन 126 मतदान के पहले एग्जिट पोल सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं देता। आखिरी दिन की वोटिंग के बाद ही एग्जिट पोल दिखाए जा सकते हैं।इसी के अनुरूप आज रुझान दिखाए गए हैं।