छत्तीसगढ़ के वो युवा चेहरे जो अपनी प्रतिभा के दम पर देश में बुलन्द कर रहे अपना और कांग्रेस का नाम...

छत्तीसगढ़ के वो युवा चेहरे जो अपनी प्रतिभा के दम पर देश में बुलन्द कर रहे अपना और कांग्रेस का नाम...

रायपुर (छत्तीसगढ़)। बीते सालों व हालिया महीनों में आप देखेंगे कांग्रेस पार्टी के वो युवा चेहरे जिन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। अपने सियासी भविष्य की तलाश में पार्टी का साथ छोड़कर दूसरे दलों का हाथ थाम लिए। अशोक तंवर, जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमिष्ता देव के बाद आर.पी.एन. सिंह ऐसे ही नाम हैं, जो कांग्रेस को अलविदा कह गए। गौर करने वाली बात यह है कि इनमें अधिकांश नाम ऐसे हैं जो विरासत से मिली पहचान से ओतप्रोत है। जबकि कांग्रेस में ऐसे युवा चेहरों की आज भी कोई कमी नहीं जो अपने खुद के दम पर नई इबादत लिखने की माजदा रखते हों। राहुल गांधी ने 2014 में ही अपने भाषण में कह दिया था कि मैं कांग्रेस का मूल्यांकन करना चाहता हूँ और वे तब से इस बात को भली भांति जानने लगे थे कि पार्टी को दोबारा यदि पुनर्स्थापित करना है तो उन चेहरों को आगे करना होगा जिनमें प्रतिभा तो है पर उन चेहरों को आज तक वो मौका नहीं मिल सका कि वे अपना हुनर दिखा सकें। ठीक इसके अनुरूप छत्तीसगढ़ से कुछ युवा चेहरे ऐसे हैं जो यहाँ से निकल कर एक नई इबादत के साथ देश में अपनी पहचान प्रतिस्थापित कर रहे हैं और ये वो चेहरे हैं जिनका कभी कोई राजनीतिक विरासत नहीं रहा। कहते हैं न कि किसी में यदि प्रतिभा हो तो लाख कोशिशों के बाद भी उसे रोकी नहीं जा सकती ऐसे ही कुछ नाम विकास उपाध्याय, दीपक बैज, राजेश तिवारी और कोको पाढ़ी का आज गिना जाने लगा है।

छत्तीसगढ़ की राजनीति में विकास उपाध्याय एक ऐसा युवा चेहरा का नाम जिनका कोई राजनीतिक विरासत नहीं। बावजूद राजनीति के बुलन्दियों पर धूमकेतु की तरह छाया हुआ है। अपने खुद के दम पर जिन्हें लोग कई दशकों से संघर्ष करते, मेहनत करते। अपने बीच देख रहे हैं और उनकी इसी मेहनत ने आज उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा दिया है जहां कांग्रेस में मोतीलाल वोरा, अजित जोगी जैसे नेता अपने आपको स्थापित करने सफल हुए। इतने अंतराल के बाद विकास उपाध्याय का नाम उस सूची में जुड़ना गर्व की बात है।इस वजह से छत्तीसगढ़ का नाम दिल्ली में तब से लेकर आज तक हमेशा जीवंत बना हुआ है। विकास उपाध्याय कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठनों में लगभग सभी पायदान पर कार्य कर आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं और असम राज्य के प्रभारी सचिव भी। इस बीच पार्टी हाईकमान ने उन्हें समय-समय पर देश भर के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग जिम्मेदारी देकर कार्य करने का मौका दिया। हाल ही के दिनों उन्हें पंजाब राज्य के महत्वपूर्ण विधानसभाओं का ऑब्जर्वर बना कर भेजा। विकास उपाध्याय अपने सांगठनिक पद के अनुरूप राष्ट्रीय मुद्दों को लगातार उठाते रहते हैं और राहुल गांधी के कही हर कथन को आम जनमानस के बीच प्रचारित करने कोई कमी नहीं करते। सोशल मीडिया में सबसे सक्रिय रहने की वजह से वे सुर्खियों में बने रहते हैं। उनकी इसी सक्रियता के चलते ट्विटर पर राहुल गांधी खुद भी उन्हें फॉलो करते हैं।छत्तीसगढ़ में विधायक के रूप में कार्य करते उनका यह चौथा वर्ष जारी है।विकास उपाध्याय की कार्यप्रणाली को देख ऐसा लगता है उनका कोई राजनीति में पुराना विरासत होता तो ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी ज्यादा विख्यात होता।

ऐसा ही एक और युवा चेहरा सांसद दीपक बैज का है। जिनकी आजकल खूब चर्चा हो रही है, खास कर यूपी चुनाव में प्रचार करते उनकी भाषण की शैली, बॉडी लैंग्वेज और जिस अंदाज व आत्मविश्वास के साथ वे कांग्रेस प्रत्याशी नदीम जावेद के लिए समर्थन मांग रहे हैं का वीडियो वायरल होने के बाद लग रहा है इस युवा नेता में अपार संभावनाएं हैं,जो कांग्रेस के लिए दूरगामी परिणाम दे सकते हैं।नक्सल हिंसा से ग्रसित छत्तीसगढ़ का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर मावोवादी हिंसा के लिए आये दिन चर्चा का केन्द्र बिंदु बने रहता है। ऐसे क्षेत्र से एक आदिवासी नेता की काबिलियत कांग्रेस छोड़ कर गए उन नेताओं से कई मायने में बेहतर लगता है। उच्च शिक्षित दीपक बैज का भी कोई राजनीतिक विरासत नहीं रहा। बैज छात्र राजनीति से विधायक फिर सांसद तक का सफर तय किया। वर्ष 2000 में एनएसयूआई के बस्तर जिला के महासचिव के पद से अपनी राजनीति शुरू करने वाले बैज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी हैं। ये 2003 से 2004 तक अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संगठन जिला बस्तर के अध्यक्ष रहे। इस दौरान छात्र राजनीति करते हुए बैज ने युवा राजनीति में प्रवेश किया। बस्तर जिला युवा कांग्रेस के महासचिव के बाद 2005 में पंचायत चुनाव लड़े और जिला पंचायत सदस्य बन गए। यहां से इनकी मुख्य संगठन की राजनीति शुरू हुई। वर्ष 2011 से 2013 तक ब्लॉक कांग्रेस कमेटी लोहंडीगुड़ा के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। इसी दौरान इन्हें ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का पूर्णकालिक अध्यक्ष भी बना दिया गया। दीपक बैज आज अपने खुद की काबिलियत पर छत्तीसगढ़ से संसद तक अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

युवा शक्ति के लिए ढाल बन कर लगातार मैदान में डटे रहने वाला एक और युवा चेहरा कोको पाढ़ी जो अपनी कार्यप्रणाली और नए नए तरकीब से कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने गांव-गांव तक पार्टी के संदेश को पहुँचाने लगे हुए हैं कि चर्चा दिल्ली तक है। राहुल गांधी के करीबी युवा कांग्रेस अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास के विश्वासपात्र कोको को कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कार्य करते वो प्रसिद्धि मिली कि पूरे युवा समुदाय को उनके करीब ला कर खड़ा कर दिया। बस्तर जैसे नक्सल क्षेत्र में पले बड़े कोको का भी कोई राजनीतिक विरासत नहीं रहा। अपने खुद के काबिलियत व मेहनत के दम पर संघर्ष करने की उनकी कई अनकही किस्से हैं।जिस संघर्ष के बुनियाद पर आज उनका वर्तमान फल फूल रहा है।पूरे प्रदेश के साथ ही बस्तर क्षेत्र में यदि युवा कांग्रेस सबसे मजबूत की स्थिति में आज है तो उसका बहुत बड़ा योगदान कोको की सक्रियता को जाता है। लगातार दूरस्थ अंचलों का दौरा कर जगह-जगह बैठकें आयोजित कर कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाना मानो उनका मकसद बन गया हो और राहुल गांधी चाहते भी तो यही हैं। ऐसे चेहरों के काम करने की जुनून को देखने से लगता है, कांग्रेस पार्टी में आज भी उन चेहरों की कमी नहीं जिसके दम पर जंग जीता न जा सके और इसके लिए कोई जरूरत नहीं कि कोई चेहरा ब्रांड का ही हो। जिस दिन भारतीय मीडिया इनके कार्यों को दिखाना शुरू कर देगी लोग भूल जाएंगे कि भाजपा भी कोई शासन करना जानती है।

हाल ही के दिन ज्यादा चर्चित हुए राजेश तिवारी का नाम भी सुर्खियों में है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण की पाठशाला में पारंगत करने वाले राजेश तिवारी को पार्टी हाईकमान ने ठीक यूपी चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाकर प्रियंका गांधी के साथ यूपी में संलग्न कर दिया। तब से वे महिने में एकात बार ही छत्तीसगढ़ आते हैं और पूरे समय यूपी कांग्रेस में जान फूंकने पूरी ताकत लगा दी है। राजेश तिवारी छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर भी अनुकरणीय कार्य कर अपनी छवि बनाई है। यूपी चुनाव में उनके कुशल कार्यप्रणाली ने राजेश तिवारी को प्रियंका गांधी के करीब ला दिया। बताया जाता है ये जब मंच में माईक संभालते हैं तो उनकी बुलन्द आवाज व बोलने की शैली सब को मुग्ध कर देती है। जिसकी तारीफ कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद करते नहीं थकते। आज राजेश तिवारी का नाम भी छत्तीसगढ़ से दिल्ली से होते हुए लखनऊ तक सुनाई दे रही है।