सामाजिक एकजुटता का मिशाल कायम करतीं उत्कल समाज की शिक्षित महिलाएं।समाज के दिग्गज पुरन्दर मिश्रा भी कार्यक्रम में हुए सम्मिलित...
उत्कल समाज और महिलाओं की महत्ता इसी बात से समझी जा सकती है कि आज देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति की कुर्सी पर उत्कल समाज की द्रोपदी मुर्मू हैं-पुरन्दर मिश्रा
रायपुर(छत्तीसगढ़)।समय के साथ-साथ हर समाज के लोग अपनी सामाजिक एकजुटता बनाये रखने सक्रिय हैं और अपने-अपने तरीके से समाज के लोगों को जोड़ने लगे हुए हैं। सामाजिक रूप से राजनीति में भी उत्कल समाज का एक विशिष्ट स्थान रहा है।समाज का पुरूष वर्ग तो काफी समय से ही इस प्रयास में लगा हुआ है कि समाज में कैसे एकजुटता लाई जाए और इसे लेकर बैठकें भी आयोजित होते रहती हैं।परंतु अब इस समाज की शिक्षित महिलाएं भी सक्रिय हो कर एक-एक सदस्य को जोड़ने लग गई हैं।कल एक कार्यक्रम में समाज के काफी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति ने साफ कर दिया है कि अब यह कारवाँ रुकने वाला नहीं है।कार्यक्रम में सम्मिलित हुए समाज के दिग्गज पुरन्दर मिश्रा ने अपने उद्बोधन के एक लाइन में बड़ा संदेश देते हुए कह दिया कि यह बड़े गर्व की बात है कि अब तो उत्कल समाज का स्थान उस चोटी पर पहुंच चुका है जहां हमारे देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु भी आती हैं।
सामाजिक एकजुटता को लेकर राजधानी रायपुर के उत्कल समाज की शिक्षित महिलाओं ने भी इसी तरह के प्रयास की शुरुआत की है। रायपुर स्थित गायत्री नगर के भव्य जगन्नाथ मंदिर प्रांगण के विशाल हॉल में कल सावन मेला के बहाने उत्कल समाज की शिक्षित सैकड़ों महिलाओं ने शिरकत कर सामाजिक एकता का बड़ा परिचय दिया है।इस कार्यक्रम में समाज के दिग्गज और जाना माना चेहरा क्रेडा के पूर्व अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा भी सम्मिलित हो कर इनका मनोबल बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहित किया।उन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा,उत्कल समाज का देश के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट स्थान रहा है।प्रशासनिक, राजनीतिक से लेकर समाज सेवा के क्षेत्र में समाज के लोगों ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है और अब तो पूरे समाज के लिए गर्व की बात है कि देश में सर्वोच्च पद राष्ट्रपति की कुर्सी पर आप जैसे महिला वर्ग से आने वाली द्रोपदी मुर्मू उत्कल समाज से हैं।
कल समाज की काफी संख्या में उपस्थित शिक्षित महिलाओं ने एक मंच पर अपनी उपस्थिति ही दर्ज नहीं कराई बल्कि आगे की कार्ययोजना को लेकर ठोस रूपरेखा भी तैयार की हैं।पांच घंटो तक चले इस कार्यक्रम में जहां एक दूसरे से परिचय कर ये महिलाएं अपने अनुभव को साझा किया वहीं विभिन्न कार्यक्रम में भाग लेकर मनोरंजन भी।कुर्सी दौड़ से लेकर सामान्य ज्ञान से जुड़े प्रश्नोत्तरी और गायन का कार्यक्रम भी आयोजित कर महिलाओं ने कुछ पल के लिए वह अनुभूति प्राप्त की जो अब इस भागदौड़ की जिंदगी से दूर हो गई है।इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में टीम लीडर निवेदिता मिश्रा की अहम भूमिका रही है। डॉ लक्ष्मण सतपथी और गुणनिधि मिश्रा पिछले कई दिनों से इस प्रयास में लगे रहे कि उत्कल समाज की महिलाओं को भी एक मंच पर संगठित किया जाए,जो सफल होते नजर आ रहा है।