युकां अध्यक्ष कोको पाढ़ी की सुरक्षा को लेकर युवाओं में चिंता। बस्तर में जहाँ सभा ले रहे थे उसके कुछ ही दूरी पर हुआ नक्सली हमला

युकां अध्यक्ष कोको पाढ़ी की सुरक्षा को लेकर युवाओं में चिंता। बस्तर में जहाँ सभा ले रहे थे उसके कुछ ही दूरी पर हुआ नक्सली हमला

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कोको पाढ़ी संगठन को मजबूत करने  पूरे प्रदेश का कई दौर में लगातार  दौरा कर युवाओं के बीच बैठकें व उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह भी गौर करने वाली बात है कि कोको की कार्यक्रमों में प्रदेश भर में युवाओं की अपार भीड़ जुट रही है। कहीं मोटरसाइकिल रैली की शक्ल में तो कहीं जनसभा के रूप में।ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं और यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब वे बस्तर के जिस दूरस्थ अंचल में युवा समूह को संबोधित करते रहते हैं और उसके महज कुछ ही दूरी में नक्सली हमला होता है।गौरतलब हो कि प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष कोको पाढ़ी को कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है।यहाँ तक कि बस्तर के उन जगहों में जहाँ नक्सलियों की गतिविधियां संगदिग्ध और बेहद ही खतरनाक है वहाँ भी वे बगैर सुरक्षा के जाते हैं। इन परिस्थितियों में युवा कांग्रेसियों के बीच उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता होना लाजमी है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में कोको पाढ़ी युवा विंग के एक ऐसे अध्यक्ष हैं जो आये दिन प्रदेश के किसी न किसी क्षेत्र में संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर संलग्न रहते हैं। इन दौरों के बीच उनका धुर नक्सली क्षेत्र बस्तर अंचल भी सम्मिलित रहता है जहाँ वे लगातार दौरे कर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में अपनी पहुँच सुनिश्चित कर रहे हैं। ऐसे में युवा कांग्रेस के साथियों में चिंता की लकीरें तब देखी जा रही हैं जब इन क्षेत्रों में जहाँ वे सभा और बैठकें ले रहे हैं, उसके महज कुछ ही दूरी पर ही नक्सली वारदात हुए हैं। ऐसे में यह एक सोचनीय विषय हो गया है कि  बगैर सुरक्षा के उनका इस तरह का इन क्षेत्रों में पहुँचना कितना सुरक्षित है।हालांकि कोको पाढ़ी खुद इस तरह की बातों से इत्तिफाक नहीं रखते।

युकां अध्यक्ष कोको पाढ़ी की यह एक तरह का साहस है या कहें जुनून की अपने संगठनात्मक मजबूती को लेकर जहाँ नेतागण पहुँचने की हिम्मत नहीं करते, वहाँ पहुँचकर अपार भीड़ के साथ युवाओं को जोड़ने की साहस दिखा रहे हैं। इसमें उनकी संगठन के प्रति समर्पण की भावना भी इसी बात से साफ दिखाई देती है कि स्वयं को जान जोखिम में डालकर युवाओं को कांग्रेस पार्टी के साथ जोड़ने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और लगातार बस्तर के उन क्षेत्रों में दौरा कर बार-बार साबित कर रहे हैं कि वे संगठन की मजबूती के लिए किसी भी सूरत में पीछे हटने वाले नहीं हैं। दूसरा पहलु यह भी है की क्या उनका यह कदम सही है? यह तब जब वे सभा और बैठक लेते रहते हैं उसके कुछ दूरी में नक्सली हमले  हो रहे हों और ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हो चुका हो।

कल मंगलवार की बात करें जब इसी सिलसिले में कोको पाढ़ी का दंतेवाड़ा के कटेकल्याण में कार्यक्रम आयोजित था। जहाँ युवा कांग्रेस के छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उनको सुनने एकत्रित हुए थे। इतना ही नहीं उन्होंने इस क्षेत्र में भारी भीड़ को खुले मैदान में बने पेंडाल के नीचे संबोधित करते हुए युवाओं को कांग्रेस पार्टी के मजबूती के लिए कांग्रेस संगठन के साथ मजबूती से जोड़ने का आव्हान कर रहे थे। इस बीच वे शहीद हुए अमर जवानों को श्रद्धांजलि देने उस स्थान पर भी गए जिन्हें नक्सलियों ने मार डाला था और जब वे इन कार्यक्रमों में सम्मिलित हो रहे थे उसके महज कुछ दूरी में ही नक्सली मुठभेड़ हुआ, जहाँ दो महिला नक्सलियों को मार गिराने की खबर भी आई। मौके पर पुलिस द्वारा बड़ी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक सामग्रियाँ भी जब्त की गई है। ऐसे में लाजमी है कि युवक कांग्रेस के साथियों में उनके अध्यक्ष की सुरक्षा को लेकर चिंता हो।